शिवपुरी। खबर जिले के कोलारस क्षेत्र से है। जहां आज एक पिता जिला चिकित्सालय में अपने बच्चों के लिए परेशान होते हुए रोते हुए दिखाई दिया। पिता का कहना है कि उसकी आंखे 60 प्रतिशत तक खराब है। इसके बाद भी वह अपने दो बच्चों का पेट पालने के लिए मजदूरी करने जा पहुंचा और आंखे खराब होने से वह हादसे का शिकार हो गया।
कोलारस के रामपुर निवासी हुकुम सिंह उम्र 48 साल कोलारस के ही सेठ प्रहलाद नाम के सेठ के यहां हम्माली का काम करता है। बीते रोज वह सीमेंट के कट्टे ट्रेक्टर-ट्रॉली में लोड कर रहा था। इस बीच गोदाम में रखे सीमेंट के कट्टों की खेप उसके ऊपर गिर पड़ी। सीमेंट के कट्टो के नीचे दब कर वह घायल हो गया।
हुकुम सिंह को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। हुकुम सिंह ने बताया कि उसे आंख से 60 प्रतिशत तक नहीं दिखाई देता है। फिर भी सरकारी योजना का लाभ भी नहीं मिला। अपने दोनों बच्चों की जिम्मेदारी उसी के कंधों पर है इसी लिए वह मेहनत-मजदूरी करके दो वक्त के खाने की व्यवस्था करता है। हुकुम सिंह का कहना है कि कुछ साल ओर कट जाए तो बच्चे बडे हो जाएंगे परन्तु उसकी आंखें उसका साथ नहीं दे रहीं है। आंखों के खराब होने के कारण वह हादसे का शिकार हो गया।
हुकुम सिंह ने रोते हुए बताया है कि लगभग 8 साल पहले उसकी पत्नी चल बसी थी। इस बीच वह अपने दो छोटे-छोटे बच्चों की जिम्मेदारी अपने पति हुकुम सिंह के कंधों पर डाल गई। आज हुकुम सिंह का बेटी पिस्ता कुशवाह उम्र 16 साल और बेटा गौरव कुशवाह उम्र 12 साल के हैं। अब उसे बेटी की शादी और बेटे की पढाई की चिंता सता रही है कि अब वह इन बच्चों की परवरिश कैसे करेगा। उसे न तो अभीतक शासन की और से कोई सहायता मिली है। जिससे वह बच्चों का भरण पोषण कर सके।