चैत्र नवरात्रि: सिंह नहीं, घोड़े पर सवार होकर मां दुर्गा पृथ्वी लोग आ रही हैं, पढ़िए इसका क्या तात्पर्य है- Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। इस बार के चैत्र नवरात्रि 2 से 10‎ अप्रैल तक तक रहेंगे। इसमें माता‎ के 9 स्वरूपों की पूजा होती है।‎ इस बार नवरात्र पूरे नौ दिन के‎ होने से इसे शुभ व मंगलकारी‎ होना माना गया है। खास बात यह‎ है कि इन नौ दिनों में मां दुर्गा और‎ काली की आराधना के चलते‎ आठ दिन में कई अन्य पर्व व‎ विशेष तिथियां ऐसी है, जिनमें‎ गणगौर व गणेश आदि देवताओं‎ की पूजा भी की जाएगी। इस सब में विशेष यह है कि सिंह वाहिनी क्यों आ रही हैं इस बार आपके पास घोड़े पर सवार होकर।

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नवरात्रि का आरंभ कलश स्थापना से किया जाता है। माता रानी सिंह की सवारी करती हैं, लेकिन नवरात्रि में पृथ्वी पर आते समय उनकी सवारी बदल जाती है। मां दुर्गा की सवारी नवरात्रि के प्रारंभ होने वाले दिन पर निर्भर करती है। नवरात्रि का प्रारंभ जिस दिन होता है, उस दिन के आधार पर उनकी सवारी तय होती हैं।

मां दुर्गा के आगमन की सवारी और महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब नवरात्रि का प्रारंभ शनिवार या मंगलवार को होता है, तो मां दुर्गा का आगमन घोड़े की सवारी पर होता है। घोड़ा उनका वाहन होता है, इस साल 02 अप्रैल दिन शनिवार को चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ हो रहा है. दिन के आधार पर इस साल मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर पृथ्वी लोक आएंगी।

मां दुर्गा के प्रस्थान की सवारी और महत्व

जिस प्रकार माता के आगमन की सवारी होती है, वैसे ही उनके प्रस्थान की भी सवारी होती है. इस बार चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि 10 अप्रैल दिन रविवार को है। रविवार या सोमवार को मां दुर्गा भैंसे की सवारी पर प्रस्थान करती हैं। भैंसे की सवारी का अर्थ है रोग, दोष और कष्ट का बढ़ना।

इस बार माता रानी के प्रस्थान से यह संकेत मिलता है कि लोगों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए. संयमित एवं संतुलित जीवन व्यतीत करना चाहिए. अपने जीवन को मां दुर्गा की भक्ति में लगाएं, उनकी कृपा से सभी दुख, रोग, कष्ट या दोष दूर हो जाएंगे।

खास रहेंगे ये योग

नवरात्र के दौरान 3 अप्रैल को‎ सूर्योदय से दोपहर 12:34 तक, 5‎ को सूर्योदय से शाम 4:11 तक 6‎ को सूर्योदय से रात 12:15 तक‎ और 10 को सूर्योदय से शाम 4:24‎ तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इसी‎ तरह 10 अप्रैल को सूर्योदय से रात‎ 12:15 तक रवि पुष्य योग रहेगा। ये‎ योग खरीदारी के लिए शुभ रहेंगे।‎‎

इसके‎ पहले 6 अप्रैल 2019 में नवरात्रि का‎ शुभारंभ शनिवार को हुआ था।‎ शनिवार के दिन किए गए कार्यों को‎ स्थायित्व मिलता है। इस दिन जो‎ संकल्प लेंगे अथवा नवीन कार्य शुरू‎ होंगे, वे पूरे होंगे और लंबी अवधि तक‎ लाभ देंगे।‎
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