शिवपुरी में द कश्मीर फाईल्स फिल्म देखने वाले को नाश्ता फ्री - Shivpuri City News

Bhopal Samachar
शिवपुरी।
विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी फिल्म द कश्मीर फाईल्स को शिवपुरी में भी जबरदस्त सफलता मिल रही है। विवादों के बीच यह फिल्म शिवपुरी में शनिवार को 2 सिनेमाघरों श्री राम और शिव मंदिर में रिलीज हुई तो फिल्म को देखने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। सोशल मीडिया पर भी फिल्म की जोरदार चर्चा है।

आम नागरिक, दुकानदार और समाजसेवी भी फिल्म की पब्लिसिटी करने में जुटे हुए हैं। फिल्म देखने के लिए कई तरह के ऑफर दिए जा रहे हैं। किसी ने फिल्म देखने वालों को नाश्ता फ्री किया है और किसी ने तो जनता को फ्री में फिल्म दिखाने के लिए पूरा थियेटर ही बुक कर लिया है। इस फिल्म को सरकार ने टैक्स फ्री कर दिया हैं।

शिवपुरी में यह फिल्म 11 मार्च को रिलीज नहीं हुई तो बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने थियेटरों पर प्रदर्शन किया तो श्रीराम सिनेप्लेक्स और शिव मंदिर टॉकीज में इस फिल्म को रिलीज किया गया। रिलीज के बाद से ही टॉकीज में चलने वाले दोनों शो हाऊसफूल चल रहे हैं और वहां लंबी-लंबी लाइन लगाकर भी टिकट नहीं मिल रहे हैं। यह मूवी बड़े ही संवेदनशील मुद्दे को लेकर बनाई गई है।

इस मूवी की रिलीज को रोकने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया गया था और देशभर में इस मूवी को लेकर दो धड़े आमने-सामने है। एक धड़ा इस पिक्चर को रिलीज न करने के पक्ष में था, जबकि दूसरा धड़ा इस पिक्चर को देखने के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रहा है।

हालांकि शुरुआत में इस पिक्चर के कोई पोस्टर रिलीज नहीं किए गए। लेकिन बाद में जब कुछ थियेटरों तक पिक्चर पहुंची तो विरोध के बाद थियेटरों में पोस्टर लगाए गए और इस फिल्म का प्रमोशन कपिल शर्मा के शो में किए जाने को लेकर कपिल शर्मा ने इंकार कर दिया था, इसके बाद से वह भी लोगों के रडार पर आ गए। इसके बाद फिल्म को सोशल मीडिया पर जमकर समर्थन मिलना शुरू हो गया और ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी फिल्म का प्रमोशन सोशल मीडिया के माध्यम से आम लोग कर रहे हैं।

दर्शकों में फिल्म को लेकर काफी उत्साह दिख रहा है और जिन थियेटरों में यह फिल्म चल रही है। वहां के सभी शो हाउसफुल चल रहे हैं। 1990 में कश्मीर में हुए सामूहिक नरसंहार की हकीकत फिल्म के माध्यम से बयां की है। फिल्म के दृश्यों को देखकर 90 के दशक में कश्मीर के मंजर को देखकर दर्शकों की आंखे नम हो रही हैं और लोग फिल्म को देखकर उस वास्तविकता से परिचय कर रहे हैं जिसको उन्होंने अपनी आंखों से नहीं देखा था।

फिल्म देखिए और मुफ्त में पोहे का लें आनंद

फिल्म के प्रति युवाओं और व्यापारियों में दीवानगी इस हद तक है कि फिजीकल रोड पर पूर्ण आहार नमकीन संचालित करने वाले युवा दिवाकर शर्मा ने ऑफर दिया है कि फिल्म देखिए, उसके टिकिट दिखाईये और उनके प्रतिष्ठान पर मुफ्त स्वादिष्ट पोहे का आनंद उठाइए। दिवाकर शर्मा कहते हैं कि यह ऑफर 7 दिन के लिए है। लेकिन संभव है कि वह इसके बाद भी इस ऑफर को जारी रखेंगे। क्योंकि राष्ट्रभक्ति से बढ़कर कुछ नहीं होता।

यह है फिल्म की कहानी

फिल्म मेंं अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती और पल्लवी जोशी जैसे प्रसिद्ध कलाकार हैं। इस फिल्म में 1990 के वक्त को मौजूदा पीढ़ी के साथ जोड़ने का काम किया गया है। दिल्ली में पढ़ने वाला छात्र अपने दादा की अस्थियों को विसर्जित करने कश्मीर जाता है तो वहां उसकी मुलाकात दादा के दोस्तों से होती है और फिर पुरानी कहानियां निकलकर सामने आती है कि किस तरह कश्मीरी पंडितों को उनके घर से खदेड़ा गया। 90 के वक्त में किस तरह चीजें फैली और कश्मीरी पंडितों को भगाया गया। फिल्म में मीडिया, पुलिस और राजनेताओं की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। 
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