शिवपुरी। देहात थाना पुलिस ने पुरानी शिवपुरी निवासी अंकित ओझा को आईपीसी की धारा 454 के तहत चोर घोषित करके कोर्ट में पेश कर दिया था लेकिन पुलिस के पास उसके खिलाफ कोई सबूत ही नहीं थे। अपर सत्र न्यायालय में अपील के बाद इस बात का खुलासा हुआ कि इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर ने चार्जशीट में जिस सीसीटीवी वीडियो रिकॉर्डिंग की बात की है, वह फाइल में अटैच ही नहीं है। इसलिए कोर्ट ने अंकित ओझा को दोष मुक्त घोषित कर दिया।
अभियोजन के अनुसार फरियादी चंदन प्रजापति निवासी लुधावली परिवार शादी में गए थे।घर में चोरी के बाद देहात थाना पुलिस ने केस दर्ज किया और इन्वेस्टिगेशन के बाद सजा निर्धारित करने के लिए कोर्ट में चालान पेश कर दिया। आरोप पत्र में बताया गया कि पुलिस के पास सीसीटीवी फुटेज है जिसमें आरोपी अंकित हो जा दिखाई दे रहा है। पुलिस की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट के आधार पर निचली अदालत ने अंकित ओझा चोर घोषित करके आईपीसी की धारा धारा 454 के तहत एक साल के कठोर कारावास एवं ढाई सौ रुपए के अर्थदंड और धारा 380 में एक साल के कठोर कारावास व ढाई सौ रुपए की सजा सुना दी।
आरोपी अंकित ओझा ने इस फैसले के खिलाफ अपर सत्र न्यायालय में अपील दाखिल की। न्यायालय में कार्यवाही के दौरान पाया गया कि इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर ने अपने बयान में कहा है कि सीसीटीवी फुटेज में अंकित ओझा दिखाई दे रहा था परंतु सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से रिकॉर्ड हुआ वीडियो, सबूत के तौर पर संलग्न नहीं किया गया। कोर्ट ने इसके लिए पुलिस को जिम्मेदार माना और अपर सत्र न्यायाधीश राधाकिशन मालवीय शिवपुरी ने अपीलार्थी आरोपी अंकित ओझा को दोषमुक्त कर दिया। अभियुक्त की ओर से पैरवी एडवोकेट अजय गौतम व गोपाल व्यास ने की।