शिवपुरी। गोपालपुर थाना पुलिस ने फरियादी सोनेराम पुत्र मानसिंह किरार की रिपोर्ट पर से गांव के एक युवक उत्तम पुत्र अनंत धाकड़ के खिलाफ भादवि की धारा 420 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया है। आरोपी ने फरियादी को मुख्यमंत्री ऋण योजना के तहत 1 लाख रूपए का ऋण स्वीकृत कराने की बात कहकर उससे सभी दस्तावेज लेकर उसके बाइक फायनेंस के फार्मों पर हस्ताक्षर कराकर उसके नाम से रघुवंशी एजेंसी से एक स्पलेंडर बाइक फायनेंस करा ली और उसे हड़प ली। इसकी जानकारी उसे उस समय लगी जब श्रीराम फायनेंस कम्पनी के कर्मचारी उससे किश्तें वसूल करने उसके घर पहुंचे।
फरियादी सोनेराम पुत्र मानसिंह किरार निवासी गोपालपुर ने थाने में एक आवेदन देकर शिकायत की थी कि उत्तम पुत्र अनंत धाकड़ निवासी गोपालपुर 6 माह पहले 14 जुलाई को मेरे पास आया था और उसने मुझसे कहा कि मुख्यमंत्री ऋण योजना चल रही है। जिसमें 1 लाख रूपए का लोन सरकार उसे देगी। जिसे वह मंजूर करा देगा। जब उसने पूछा कि इसमें क्या-क्या कागज लगेंगे तो उत्तम ने उससे कहा कि तुम चिंता मत करो मैं सब करा दूंगा। मेरी लोन देने वालों से जान पहचान है।
तुम्हे केवल आधार कार्ड और खाते की पास बुक लेकर मेरे साथ शिवपुरी चलना होगा। आरोपी की बातों में आकर वह उसके साथ पाडऱखेड़ा स्टेशन से ट्रेन में बैठकर शिवपुरी पहुंचा। जहां आरोपी उत्तम धाकड़ उसे पोहरी चौराहे पर स्थित रघुवंशी एजेंसी के पास लेकर गया और वहां पर मेरा आधार कार्ड और एसबीआई कियोस्क बैंक का खाता नम्बर लिया और एजेंसी पर बैठे लोन फायनेंस कर्मचारियों से मेरा लोन फार्म भरवाया।
उस दौरान दस्तावेज तैयार कराने के 3 हजार रूपए उत्तम धाकड़ ने उससे लिए और कहा कि अब तुम घर जाओ तुम्हारे खाते में लोन के 1 लाख रूपए आ जाएंगे। इसके बाद वह वहां से अपने दस्तावेज लेकर चला गया। एक माह बाद उसने उत्तम से पूछा कि उसका लोन अभी तक खाते में नहीं आया। जिस पर आरोपी ने कहा कि तू चिंता मत कर तेरे खाते में लोन के पैसे आ जाएंगे और इसके बाद वह लंबे समय से लोन को लेकर आरोपी से सम्पर्क करता रहा।
लेकिन हर बार वह उसे दिलाशा देता रहा और वह लगातार उसकी बातों पर विश्वास करता रहा। लेकिन 23 जनवरी 2022 को श्रीराम सिटी यूनियन फायनेंस लिमिटेड कम्पनी शिवपुरी से दो अधिकारी कृष्णकुमार चौबे और सतीश मिश्रा उसके घर आए और बोले कि तुम्हारे नाम से एक बाइक क्रमांक एमपी 33 एमबाई 7875 काले रंग की स्पलेंडर फायनेंस कराई है।
जिसकी एक भी किश्त आपने जमा नहीं की और जल्द से जल्द अपनी किश्तें जमा कराओ नहीं तो उसकी बाइक को कम्पनी अपने कब्जे में ले लेगी। उनकी बातें सुनकर वह आश्चर्यचकित रह गया और उसने कहा कि उसने कोई बाइक फायनेंस नहीं कराई है। मेरे पास इस नम्बर की कोई बाइक भी नहीं है।
जिस पर कम्पनी के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि 28 जुलाई 2021 को उसके नाम पर बाइक फायनेंस हुई है और बाइक का रजिस्ट्रेशन बीमा और अन्य दस्तावेज उसे कम्पनी के अधिकारियों ने दिए, जो उसके नाम थे।
इसके बाद वह समझ गया कि उत्तम धाकड़ ने ही उसे धोखे में रखकर मुख्यमंत्री ऋण योजना के नाम से 1 लाख स्वीकृत कराने के बहाने यह बाइक फायनेंस कराई है और उसे कम्पनी का ऋणी बना दिया है। इसके बाद उसने उत्तम धाकड़ से सम्पर्क किया तो उसने उसे बाइक नहीं दी और न ही कम्पनी का लोन चुकाया। पुलिस ने इस पूरे मामले में जांच करने के बाद गुरूवार को आरोपी उत्तम धाकड़ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।