कोलारस। जिले के कोलारस की भारतीय स्टेंट बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत लोन लेने वाले किसानों ने समझौता योजना में एक साल पहले अपना कर्ज एक-एक लाख रूपए देकर अदा कर दिया था। लेकिन बैंक के दस्तावेज में वह अभी तक कर्जदार बने हुए हैं। किसानों का आरोप है कि 50-50 हजार रूपए की रिश्वत न देने के कारण उनके कर्जे बैंक प्रबंधन ने क्लीयर नहीं की है तथा बैंक लगातार वसूली के लिए अनावश्यक दबाव बना रहा है।
इससे परेशान होकर कल ऐजवारा के किसान धनपाल यादव, नेपाल सिंह, शिवराज यादव हाथ में सल्फास की गोली और पेट्रोल की बोतल लेकर आत्महत्या करने के लिए बैंक पहुंच गए, हालांकि समझौता योजना में किसानों और बैंक के बीच मध्यस्थता करने वाले ब्रजेश यादव के आश्वासन के बाद किसान मान गए और कोई अनहोनी नहीं हुई, लेकिन किसानों का कहना है कि उनका कर्ज माफ कर उनकी जमीन बंधन मुक्त नहीं की गई तो वे बैंक परिसर में ही आत्म दाह कर लेंगे।
इनका कहना है-
किसानों से समझौता हुआ था उनका पैसा उनके खाते में जमा है, लेकिन तभी से योजना बन्द पड़ी है। यही वजह है कि उनका समझौता फैल हो गया है। रिश्वत मांगने संबंधी आरोप निराधार हैं।
कन्हैया लाल अग्रवाल, ब्रांच मैनेजर