शिवपुरी। शिवपुरी न्यायालय जिला कोर्ट चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश रामविलास गुप्ता ने सात साल पहले चार लोगों को जिंदा जलाकर हत्या के केस में तीन महिलाओं सहित कुल 7 आरोपियों को दोषी पाते हुए सश्रम आजीवन कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया है। प्रकरण में पीड़ित पक्ष की तरफ से पैरवी शासकीय अपर लोक अभियोजक बीडी राठौर ने की।
न्यायालय ने जैसे ही सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई, तीनों महिला आरोपी रोने लगीं। बाद में तीनाें के वारंट जारी कर जेल भेज दिया गया। बताया जा रहा है कि दो आरोपी पहले से जेल में बंद थे। मामले में मृतकों ने मरने से पहले बताया था कि लक्ष्मी को यह आरोपी दहेज के लिए परेशान करते थे।
कोतवाली क्षेत्र के मनियर में 16 अप्रैल 2015 को एक ही परिवार के चार लोग सरस्वती, लक्ष्मी, महेश और गीता राठौर अपने मकान में सो रहे थे। रात करीब 2:30 बजे मकान में किसी ने आग लगा दी जिससे चारों बुरी तरह झुलस गए। इलाज के दौरान एक एक कर चारों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
मृत्यु पूर्व बयानाें में चारों लोगों ने कहा था कि लक्ष्मी के ससुराल पक्ष के जेठ रामवीर राठौर, पति राम लखन राठौर, सास कमला बाई, नंदेऊ भवानी शंकर उर्फ पप्पू राठौर, ननद दुर्गेश पत्नी पप्पू, जेठानी ममता पत्नी रामवीर और रिश्तेदार राम अवतार ने मिलकर रात काे आकर उनके मकान के अंदर बंद कर दिया और आग लगा दी।
कोतवाली पुलिस ने सभी सातों आरोपियों के खिलाफ हत्या, दहेज हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में चालान पेश किया। इस मामले में न्यायालय ने शनिवार को सुनवाई के दौरान मृत्यु पूर्व कथनों को महत्वपूर्ण आधार मानते हुए सभी सातों आरोपियों को हत्या का दोषी माना और सभी को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।