शिवपुरी। पिछले 3 माह से शिवपुरी से माधव नेशनल पार्क में टाइगर लाने की कवायद जोरो पर चल रही हैं। इस कावायद में जिला कलेक्टर सहित नेशनल पार्क प्रबंधन अपनी पूरी ताकत से जुडा है। केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी चाहते हैं कि शिवपुरी के जंगल टाइगरो की दहाड से गूंजे,इस कारण ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमान सिंधिया ने अपने गुप्त दौरे के ऐजेंडे में टाईगर प्रोजेक्ट पर ही फोकस किया था।
खबर मिल रही है कि शिवपुरी में टाइगर लाने की कोशिश में वाइल्ड लाइफ के अफसरो ने नया पेच फसा दिया हैं। वाइल्ड लाइफ के अफसरो ने अघोषित रूप से यह माना है कि टाइगर आने पर उसके भोजन की व्यवस्था शिवपुरी के पार्क के जंगल में हैं या नही। जबकि नेशनल पार्क के अफसरो ने पार्क के वन्यजीवो की संख्या बल पर यह दावा किया है कि पर्याप्त जानवर हैं टाइगर को शिकार करने के लिए अधिक भटकना नही होगा,लेकिन वाइल्ड लाइफ के अफसरो ने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए पुन: किसी अन्य ऐजेंसी से जानवरो की गणना कराने को कहा है,यहां शिवपुरी के पार्क में टाइगर आने की कवायद पर पेंच फस गया है।
यह हुआ भोपाल में आयोजित बैठक में
बताया जा रहा है कि बीते 14 नवबंर की हुई बैठक में शामिल होने गए नेशनल पार्क व कूनो के सीसीएफ भी गए थे। बैठक में इस मुददे पर चर्चा हुई कि टाइगर को जंगल में छोडने के बाद क्या उसे आसानी से भोजन उपलब्ध हो सकेगा। यह सवाल वाइल्ड लाइफ के अफसरो का था,इसका सीधा सा मतलब था कि शिवपुरी के पार्क में इतने जानवर है कि टाइगर आसानी से शिकार कर अपना पेट भर सके।
नेशनल पार्क के अधिकारियो ने अपने साथ ले जाए गए वन्य जीवो के आंकडे प्रस्तुत करते हुए कहा कि टाइगर के शिकार के लिए पर्याप्त भोजन हैं और उसे शिकार के लिए अधिक भटकना नही पडेगा। लेकिन वाइल्ड लाइफ के अधिकारियो ने वन जीवो के संख्या को नही माना और कहा कि हमे किसी दूसरी एजेंसी के सर्वे की रिर्पोट चाहिए।
वाइल्डलाइफ वालों को शिवपुरी के CCF की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं
इस मामले में माधव नेशनल पार्क व कूनो अभ्यारण्य के सीसीएफ सीएस निनामा का कहना है कि पिछले दिनो भोपाल में हुई बैठक में टाईगर के भोजन को लेकर चर्चा हुई तो हमने वन्य जीवो के आंकडे पेश किए थे लेकिन वाइल्ड लाइफ ने उस पर भरोसा न करते हुए किसी दूसरी एजेंसी से गणना रिर्पोट मांगी हैं। इस काम के लिए हमने एक प्राइवेट एजेंसी से इसके लिए संपर्क किया है।
इधर कलेक्टर ने टाइगर के पुनर्वास की तैयारियों का जायजा
माधव नेशनल पार्क शिवपुरी में बाघ पुनर्वास के लिए जारी तैयारियों के बीच कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह गुरुवार की दोपहर 12 बजे जायजा लेने पहुंचे। कॉरीडोर वाले हिस्से में पांच गांवों की 1650 हैक्टेयर जमीन अधिग्रहित करने के बाद यहां मुनारे बनाने से लेकर तार फेसिंग का कार्य देखा। कलेक्टर ने पार्क अधिकारियों से चारागाह के संबंध में जानकारी ली।
उन्होंने कहा कि मनरेगा बजट से चारागाह तैयार कराएंगे। प्रशासनिक की इस पहल से पार्क प्रबंधन को भी सहयोग मिलेगा। कलेक्टर ने नेशनल पार्क में शामिल गांव अर्जुनगंवा, चक डोंगर, लखनगवां, हरनगर व मामौनी की जमीन मुक्त होने के बाद तैयारियां देखीं। कलेक्टर के संग सहायक संचालक अनिल सोनी व रेंज अफसर मौजूद रहे।
मुनारे का कार्य देखा और फिर टुंडा भरका व चूरन छाछ (चुडैल छज्जा) भी देखा
पार्क में बाघ पुनर्वास को लेकर कलेक्टर भी खासी रुचि ले रहे हैं। फॉरेस्ट के साथ प्रशासन के सहयोग से कार्य तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह का कहना है कि मनरेगा के तहत बेहतर ढंग से चारागाह तैयार करवाएंगे। चारागाह में घास इस तरह उगाई जाएगी कि बाघ को किसी तरह की समस्या ना रहे। वहीं पार्क डायरेक्टर सीएस निनामा ने बताया कि प्रशासन का सहयोग रहा तो मनरेगा बजट से चारागाह तैयार कराएंगे।