मुकेश रघुवंशी @ कोलारस। भगवान श्री कृष्ण की कथाओं में वर्णित नरसी का भात जैसा प्रसंग साक्षात उपस्थित हुआ। जिस लड़की की शादी में भात पहनाने वालों ने आने से इंकार कर दिया था, एक अज्ञात व्यक्ति ने आकर ना केवल रस्म निभाई बल्कि ऐसा भात पहना है कि दशकों तक इसकी चर्चा रहेगी। करीब 1100000 रुपए के सोने एवं चांदी के आभूषण, कपड़े एवं उपहार भेंट किए। इस भात में गांव के प्रत्येक व्यक्ति के लिए कोई ना कोई गिफ्ट जरूर था।
नरसी का भात क्या होता है- कथा पढ़िए
अपने भक्त नरसी का मान रखने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने माता रुक्मणी के साथ स्वयं जाकर भात की परंपरा का पालन किया था। भगवान श्रीकृष्ण सांवरिया सेठ बनकर वहां पर पहुंचे और स्वयं को नरसी का मुनीम बताया। श्रीकृष्ण अपने साथ माता रुकमणी को भी लेकर आए थे। उन्होंने एक-एक कर सभी को करोड़ों रुपए का भात ओढ़ाया। यह देखकर पूरे गांव वालों की आंखें फटी रह गईं। साथ ही भगवान ने ग्रामीणों को भी भात व उपहार दिए। भगवान श्री कृष्ण की यह लीला सदा के लिए अमर हो गई क्योंकि वहां के लोगों ने चित्तौड़गढ़ में सांवरिया सेठ के नाम से भगवान श्री कृष्ण का मंदिर स्थापित किया। दुनिया भर के लोग सांवरिया सेठ की देहरी पर साष्टांग करने आते हैं।
ताजा प्रसंग में क्या हुआ
वर्तमान प्रसंग मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले की बदरवास जनपद के एजवारा गांव में घटित हुआ। यहां थान सिंह यादव की पुत्री का विवाह समारोह चल रहा है। परिवार में पहली शादी है इसलिए सभी में बहुत उत्साह है। लेकिन भात की रस्मे निभाने के लिए कन्या के मामा नहीं है। नानाजी हैं परंतु 30 वर्ष पहले ही सन्यासी हो गए। कन्या की मां अपने पिता से भात मांगने के लिए उत्तरप्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के जेवर शहर में स्थित आश्रम में पहुंचे परंतु सन्यास धारण करने के कारण उन्होंने विवाह की किसी भी रस्म में शामिल होने से मना कर दिया।
वह व्यक्ति सचमुच भगवान श्री कृष्ण का भक्त सांवरिया सेठ था
कन्या की मां बहुत दुखी हो गई थी। उसी समय आश्रम में मौजूद एक व्यक्ति ने सांत्वना देते हुए कहा कि मामा के स्थान पर वह भात की रस्म निभाने के लिए आएंगे। इस जमाने में इस प्रकार के वचन का कोई मूल्य नहीं होता। कन्या की मां वापस लौट आई लेकिन वह व्यक्ति सचमुच भगवान श्री कृष्ण का भक्त सांवरिया सेठ था। अपने वचन के अनुसार भात की रस्म निभाने के लिए आ गया।
ऐसा भात पहनाया कि दशकों तक कथा सुनाई जाएगी
ना केवल रस्म निभाई गई बल्कि ऐसा भात पहनाया कि आने वाले कई सालों तक इसकी कथा सुनाई जाएगी। भात में 4.5 लाखों रुपए के करीब 9 तौले सोना के आभूषण, 6 लाख रुपए मूल्य के 1 किलो चांदी के जेवर, दूल्हे के लिए 1 लाख रुपए नकदी और स्मार्टफोन, पूरे गांव की महिलाओं के लिए साड़ियां, सभी रिश्तेदारों के लिए कपड़े और पूरे गांव के लिए उपहार दिए गए।
भगवान श्री कृष्ण के चमत्कार आज भी घटित होते हैं
आश्चर्यजनक बात यह है कि ऐसा ऐतिहासिक भात पहनाने वाले व्यक्ति ने उपस्थित जनसमुदाय को अपना पूरा परिचय तक नहीं दिया। सिर्फ इतना पता चला कि वह उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित फुटवियर कारोबारी हैं। कुल मिलाकर इस प्रसंग के बाद क्षेत्र में एक बार फेस नरसी भात के प्रति लोगों की आस्था बढ़ गई। भगवान श्री कृष्ण के भक्तों को दृढ़ विश्वास हो गया कि भगवान श्री कृष्ण आज भी चमत्कार करते हैं। बताने की आवश्यकता नहीं कि यादव (कन्या का परिवार) भगवान श्री कृष्ण के वंशज हैं।