एक छोटी सी मुलाकात: शिवपुरी के सबसे अधिक राजनीतिक ताकत रखने वाले गांव की सडक के ताकतवर गड्ढों से........-Shivpuri News

Bhopal Samachar
खतौरा। यह फोटो आप देख रहे होगें यह किसी गांव की सडक का फोटो नही हैं बल्कि यह जिले के सबसे राजनितिक ताकतवर कस्बे खतौरा के मुख्य मार्ग का फोटो हैं। यह खतौरा कस्बे का मुख्य मार्ग हैं जिसे देहरदा ईसागढ मार्ग भी बोला जाता हैं। खतौरा कस्बे से गुजरे इस मार्ग पर गड्ढों के कारण सडक नजर नही आती हैं। प्रतिदिन सैकडो वाहन और हजारो नागरिक इस सडक से गुजरते है।

जिले का सबसे राजनीतिक ताकतवर कस्बा हैं खतौरा

सबसे पहले हम खतौरा की राजनीतिक ताकत का विश्लेषण करते हैंं खतौरा ग्रह गांव हैं, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष स्व:श्रीराम सिंह यादव दादा का,या यू कह लो शिवपुरी में राज्य सभा सांसद सिंधिया का दूसरा घर है,पूर्व विधायक महेन्द्र सिंह यादव का ग्रह गांव है खतौरा। बदरवास जनपद अध्यक्ष श्रीमति मिथलेश मुनिया का ग्रहगांव है खतौरा।

खतौरा से अगर आप शिवपुरी की ओर आऐगें तो मात्र 2 किमी दूर अलावदी गांव आता हैं जो यह भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य बैजनाथ सिंह और कमला बैजनाथ सिंह यादव जिला पंचायत अध्यक्ष और जनपद बदरवास के उपाध्यक्ष रामवीर सिंह का ग्रह गांव हैं। यह सभी खतौरा अवश्य निजी और अन्य कार्यक्रमो में अवश्य खतौरा जाते होगें।

अब बात करते हैं कोलारस विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी के ग्रह गांव गिदौंरा की यह गांव भी खतोरा से मात्र 8 किमी हैं। वैसे तो पूरी विधानसभा की देखरेख विधायक महोदय के पास हैं फिलहाल खतौरा और इसके आसपास के क्षेत्र की राजनीतिक ताकत का विश्लेषण किया जा रहा है। गिंदौरा के सामने ही ऐजवारा गांव हैं जो गांव हैं स्व:लालसाहब यादव पूर्व जिलाध्यक्ष कांग्रेस का,इसी गांव से चंद्रभान सिंह यादव पूर्व जिला पंचायत सदस्य हैं।

सबसे मजेदार बात खतौरा के गढडो का स्वाद मप्र के भाजपा कार्यसमिति के सदस्य सुरेन्द्र शर्मा मडवासा की गाडी भी चखती होगी। गुना शिवपुरी के सांसद डॉ.केपी यादव का वाहन भी अशोकनगर से शिवपुरी आते हुए इन्ही गढडो में हिचकोले खाते हुए आती होगी या यू कह लो सांसद जी भी खतौरा के इन ताकतवर गढडो का स्वाद ले चुके हैं

खतौरा वार्ड जिला पंचायत के मैप पर वार्ड क्रमांक 21 हैं। इस वार्ड से गोटू जिनेन्द्र जैन चुनाव जीते थे और जिला पंचायत बने थे। इस वार्ड से जूलाी आदिवासी चुनाव जीती थी और जिला पंचायत अध्यक्ष बनी थी। इसी वार्ड से स्व:रामसिंह यादव चुनाव जीतकर जिला पंचायत की कुर्सी पर बैठे थे। निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष कमलाबाई बैजनाथ सिंह यादव भी इसी वार्ड से चुनाव जीतकर जिला पंचायत अध्यक्ष बनी हैं। कुल मिलाकर खतौरा ने जिले को 4 जिला पंचायत अध्यक्ष और 2 विधायक दिए है। आप ही समझे खतौरा गांव और इसके आसपास गांव राजनीतिक रूप से कितने ताकतवर है।

अब इतने राजनीतिक ताकतवर गांव की मुख्य सडक में गड्ढे,कौन ताकतवर नेता या गड्ढे

आपने खतौरा कस्बे की राजनीतिक ताकत का विश्लेषण समझ में आ गया होगा की खतौरा गांव की राजनीति में कितनी ताकत हैं। अगर इन महानुभावो की ताकत की बात करे तो यह अपनी ताकत से टू लेन रोड को फोरलेन में कनवर्ड करा सकते हैं,लेकिन गढडे सडक पर इतने की सडक ही गायब हो गई। यह गढडे केवल खतौरा कस्बे के मुख्य मार्ग में नही है बल्कि देहराद से लेकर जिले की सीमा खत्म होने तक हैंं

क्यो हैं इतने गड्ढे,इसका भी विश्लेषण आवश्यक हैं

बताया जा रहा है कि देहरदा ईसागढ मार्ग का निर्माण 6 साल पूर्व गंगौत्री कंस्ट्रक्शन कंपनी ने किया था। करोडो रूपए की लागत से बनाई जाने वाली इस सडक का निर्माण गुणवत्ताहीन किया गया था। पूर्व में यह सडक सिंगल थी लेकिन गंगौत्री कंस्ट्क्शन ने इस सडक को टूलेन में कनवर्ड किया था। इस रोड पर शिवपुरी जिले की आधी से आधिक राजनीतिक पवार प्रतिदिन निकलती हैं तो गुणवत्ताहीन सडक का निर्माण कैसे हुआ यह सवाल आपके मन में अवश्य आ रहा होगा। क्या यह नेता नाम के बडे है काम के बडे नही हैं। केवल कोलारस के विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी ने ही इस गुणवत्ताहीन सडक निर्माण का विरोध किया था।

बताया गया है कि इस सडक का निर्माण करने वाली गंगौत्री कंस्ट्रक्शन कंपनी मप्र के एक कैबीनेट मंत्री के रिश्तेदार की कंपनी हैं इसलिए शिवपुरी की राजनीतिक पावर शून्य हो गई। कंपनी गुणवत्ताहीन कार्यकरती रही और हमारे राजनीतिक रखूख वाले यह लोग मुंह पर उंगली रखते हुए इस रोड से निकलते रहे। अब बताया जा रहा है कि इस सडके गढडे भरने के लिए साढे 8 करोड के टेंडर लग चुके हैं।
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