रूद्र जैन शिवपुरी। शिवपुरी जिले की एक सरकारी आफिस में पक रही लवस्टोरी में एक नया मोड आ गया हैं। मीडिया में इस लवस्टोरी के खुलासे होने के बाद 59 की उम्र के प्रेमी की उम्र से आधी प्रेमिका के पति इस लवस्टोरी का खलनायक बनते हुए बुढापे में प्रेमी का रोल प्ले कर रहे अपने साहब को आफिस में देर शाम को ढोरो की तरह कूट दिया,बताया जा रहा है कि मार मार कर तबूंरा बना दिया।
जैसा कि विदित है कि 59 की उम्र में अपने आप को हीरो की तरह समझने वाले ढोरो वाले विभाग के साहब की चर्चित लवस्टोरी अब स्वयं के विभाग से निकलकर कलेक्ट्रेट के गलियारो तक चर्चा का विषय बन चुकी हैं,इस लवस्टोरी का मीडिया में प्रकाशन हो चुका हैं। प्रकाशन की क्रिया के फलस्वरूप प्रतिक्रिया भी आई हैं सूत्रो का कहना है कि साहब की प्रेयसी के पति ने 59 की उम्र के इस सरकारी लवस्टोरी की हीरो की कुटाई धर दी। बताया गया है कि साहब को मार मारकर तंबूरा बना दिया,यह घटना पिछले कुछ दिनो पूर्व की बताई जा रही हैं,हालाकि इस मामले में पुलिसिया रजिष्टर नही रंगा गया है।
स्पेशल पावर थी साहब की प्रेयसी को
बताया गया है कि इस सरकारी लवस्टोरी में साहब की प्रेयसी को अपने पद से अधिक पवार दे रखी हैं। साहब ने अपने आफिस में मेडम को अलग से एक रूम दे रखा हैं जिसमें मेडम का केबिन हैं इस केबिन में साहब की पर्सनल मीटिंग होती हैं। बताया यह भी जा रहा है कि सिमन के लिए आया सरकारी एक डबल डोर का फ्रिज भी मेडम के घर पर साहब ने नियम विरूद्ध रखवा दिया है।
प्रेयसी के हिसाब से चलता हैं आफिस, फिल्ड से आफिस में किया अटैच
साहब ने अपनी प्रेयसी को फिल्ड से आफिस में अटैच कर रखा है। वह भी नियम विरूद्ध,साहब के बडे बडे निर्णयो में मेडम का हस्तेक्षेप हैं। अगर आफिस के सूत्रो से माने तो साहब की लवस्टोरी इतनी आगे बढ चुकी हैं,वह मेडम के बच्चो को खिलाते हुए शाम के समय आफिस में कई बार देखे जा चुके हैं।
लाखो रूपए चढ चुके हैं इस लवस्टोरी पर:जांच सिंद्ध
इस मामले में हमारे खबरी एमसी(मीडिया) सर्किट ने बताया कि साहब को अपनी लवस्टोरी जिंदा रखने के लिए लाखो रूपए खर्च करने पडते हैं हमारे खबरी का कहना हैं कि साहब पिछले 12 सालो से शिवपुरी में डटे हैं,शिवपुरी में डटे रहने के लिए लाखो रूपए खर्च करने पडते है साहब मंत्री से लेकर भोपाल में बैठे साहब तक को चढावा चढना पडता हैं,बताया गया है कि साहब की एक भ्रष्टाचार के मामले में एक जांच भी सिद्ध भी हो चुकी है,जिसे दबाने के लिए साहब को बडी मशक्त करनी पडी।