2 साल में नही बना सके जिलाध्यक्ष अपनी कार्यकारिणीः पार्टी की गुटबाजी बनी हैं अंडगा - Shivpuri News

Bhopal Samachar
अशोक कोचेटा शिवपुरी। भाजपा की गुटबाजी में केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सांसद केपी यादव खैमे का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा जिलाध्यक्ष राजू बाथम अपनी ताजपोशी के दो साल बाद भी कार्यकारिणी का गठन नहीं कर पाए। सूत्रों के अनुसार श्री बाथम ने पार्टी के प्रदेश संगठन को अपनी कार्यकारिणी की सूची भेज दी है। लेकिन इसमें खास तौर पर महामंत्री पद पर नाम को लेकर विरोध के चलते हरी झंडी नहीं मिल पाई है।

श्री बाथम कार्यकारिणी में अपनी पसंद का महामंत्री चाहते हैं और सूत्र बताते हैं कि उन्होंने महामंत्री पद के लिए भाजपा के पिछली कार्यकारिणी में जिला उपाध्यक्ष हेमंत ओझा का नाम दिया है। लेकिन इस नाम पर पार्टी में प्रभावशाली खैमे ने बीटो लगा दिया है। महामंत्री पद यशोधरा राजे खैमा और सिंधिया खैमा दोनों चाहते हैं। कार्यकारिणी में तीन उपाध्यक्ष और एक कोषाध्यक्ष पद को लेकर भी विवाद बना हुआ है।

जिला अध्यक्ष राजू बाथम राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुडे हुए हैं और बिजली विभाग से स्वेच्छिक सेवानिवृति लेकर वह भाजपा की सक्रिय राजनीति में आए हैं। राजनीति में आने के बाद उन्होंने पिछले नगर पालिका चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी की थी। लेकिन उनके स्थान पर यशोधरा खैमे के हरिओम राठौर को टिकट दिया गया। हालांकि श्री राठौर चुनाव में पराजित हो गए। इसके बाद राजू बाथम प्रदेश स्तर पर अपनी पहुंच के चलते मछूआ कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष बन गए और उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा मिल गया।

जिलाध्यक्ष पद के चुनाव में केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर खैमे से जहां राजू बाथम दावेदार थे। वहीं यशोधरा राजे खैमा निवर्तमान जिलाध्यक्ष सुशील रघुवंशी के पक्ष में था। लेकिन उम्र के क्राईटएरिया के कारण श्री रघुवंशी जिलाध्यक्ष नहीं बन पाए। हालांकि अंतिम समय में यशोधरा राजे खैमे ने राजू बाथम के नाम पर अडंगा लगाते हुए पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जितेंद्र जैन गोटू का नाम आगे बढ़ाया था।

लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। राजनैतिक शतरंज की विसात पर यशोधरा राजे खैमे द्वारा ठीक से मोहरे न चलने का परिणाम यह हुआ कि श्री बाथम की जिलाध्यक्ष पद पर ताजपोशी हो गई। लेकिन उनका यशोधरा राजे खैमे से समन्वय स्थापित नहीं हो पाया और पार्टी का एक वर्ग उन्हें हटाए जाने की लगातार पैरवी करता रहा। परंतु संघ में जड़े मजबूत होने के कारण श्री बाथम अपनी कुर्सी तो बचाए रखे रहे।

लेकिन उन्हें कार्यकारिणी गठन में फ्री हैंड नहीं मिला। जिसके चलते वह आज तक अपनी कार्यकारिणी का गठन नहीं कर पाए। श्री बाथम की मुश्किलें ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने के बाद और बढ़ गई है। हालांकि वह श्री सिंधिया से तालमेल बनाए रखने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं और श्री सिंधिया के लगभग हर राजनैतिक कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने शिवपुरी दौरे में राजू बाथम को पर्याप्त महत्व भी दिया। भाजपा की राजनीति में जिस तरह से सिंधिया खैमे को महत्व मिल रहा है।

प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य के पद पर भी सिंधिया खैमे को खास तरजीह मिली है, उससे जिला संगठन में भी सिंधिया खैमे को प्रतिनिधित्व देने का जिलाध्यक्ष श्री बाथम पर दबाव बना हुआ है। स्थिति एक अनार सौ बीमार वाली बन रही है। इस कारण जिलाध्यक्ष राजू बाथम पूर्ण स्वतंत्रता के साथ संगठन नहीं चला पा रहे हैं और जिलाध्यक्ष घोषित होने के समय उन्होंने अपनी कार्यकाल की जो प्राथमिकताएं गिनाई थी, उनका भी क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है।

चार ब्लॉक अध्यक्ष भी नहीं बना पाए अपनी कार्यकारिणी

भाजपा के चार ब्लॉक अध्यक्ष भी अपनी कार्यकारिणी का आज तक गठन नहीं कर पाए। ये ब्लॉक हैं- शिवपुरी शहर, पुरानी शिवपुरी, शिवपुरी ग्रामीण और खोड़ मंडल। शिवपुरी शहर के ब्लॉक अध्यक्ष विपुल जैमिनी, पुरानी शिवपुरी के केपी परमार, शिवपुरी ग्रामीण के जितेंद्र सिंह रावत और खोड़ मंडल के ब्लॉक अध्यक्ष केरन सिंह लोधी बनाए गए हैं। इस कारण शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा संगठन का विस्तार नहीं हो पाया है।
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