शिवम पाण्डेय पिछोर। खनन माफियाओं के हौंसले इस कदर बुलंद है कि बेखौफ होकर खनिज का परिवहन एवं भण्डारण का अवैध करोबार बदस्तूर जारी है, आलम यह है कि प्रत्येक अवैध परिवहन का हिस्सा निर्धारित है यदि बिना सुविधा शुल्क दिये कोई वाहन परिवहन करते पकडे जाता भी है तो सुविधा शुल्क आदायिगी के बाद ससम्मान रिहा भी कर दिया जाता है।
पिछोर क्षेत्र में अवैध उत्खनन मानसून की बारिश से पहले फिर से एकाएक तेजी पकड़ गया है, मौजूदा समय में क्षेत्र में एक भी रेत, मिट्टी ओर पत्थर—फर्सी की कोई खदान स्वीकृत नहीं है परंतु जिम्मेदार अधिकारियों की सांठगाठ से लीज निरस्त वाली खदानों के नाम पर राॅयल्टी काटकर पिछोर अनुविभाग में रेत ओर पत्थर—फर्सी ओर मिट्टी का खनन धडल्ले से किया जा रहा है।
पिछोर क्षेत्र में पुलिस और खनिज विभाग की मिलीभगत से कोहलू घाट, पिपरो, खडोय, राजापुर में नए एरिया, चौकट, राजापुर, मायापुर, पडोरा, शडोरा, धमधौली, गताझलकोई, सुलारकलां, जैरा घाटी, देवखो, गुडर, गोलकोट तालाब से बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है।
शिवपुरी जिले के खनियाधाना के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में खदान माफिया खनिज विभाग, फॉरेस्ट ओर पुलिस सहित राजस्व की मिलीभगत से फर्जी रॉयल्टी के द्वारा बेखौफ होकर खनन कर रहे हैं। हर दिन सैकड़ो ट्रक ट्रॉली पत्थर और पटिया का अवैध उत्खनन राजापुर से किया जा रहा है।
अब तो इन सभी थानों की पुलिस की अवैध रेत उत्खनन में मिलीभगत होने का आरोप कैमरे के सामने भी ग्रामीण लगा रहे हैं,बही दूसरी ओर नरवर के कठेगरा में भी बड़ी पोखलेंड मशीन से रेत निकलने का खेल चल रहा है। अब देखना होगा कि क्या बरिष्ठ अधिकारी इस पूरे मामले को अपनी संज्ञान में लेते हैं या फिर यह गोरख धंधा ऐसे ही चलता रहेगा।