श्रीकृष्ण जन्म भूमि का मुद्दा उठा संसद में: सांसद केपी सिंह ने कहा मुक्त हो जन्म भूमि- Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। भारतीय संस्कृति में हिंदुओं के दो प्रमुख अवतार श्रद्धा के केंद्र माने जाते हैं, श्रीराम एवं श्रीकृष्ण। जिस तरह सदियों संघर्ष करके अयोध्या स्थित श्री राम जन्मभूमि पर वर्तमान में श्री रामजी के भव्य मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ हो चुका है जो कि समस्त हिंदुओं की अस्मिता का प्रश्न है।

उसी तरह मथुरा स्थित श्री कृष्ण की जन्मभूमि को भी भव्यता प्रदान करने के लिए एवं बंधनों से मुक्त कराने के लिए आवाजें उठने लगी हैं। उसी तारतम्य में गुना-शिवपुरी-अशोकनगर संसदीय क्षेत्र के सांसद डॉक्टर कृष्णपाल सिंह यादव द्वारा लोकसभा के मानसून सत्र में नियम 377 के तहत श्री कृष्ण जन्मभूमि को उपासना स्थल (विशेष उपबन्ध) अधिनियम, 1991 से बंधन मुक्त किए जाने हेतु मुद्दा उठाया गया।

गौरतलब है कि 5000 वर्ष पहले मथुरा स्थित मल्लपुरा क्षेत्र के कटरा केशवदेव में राजा कंस का कारागार हुआ करता था। इसी कारागार में भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया था। जहां श्री केशवदेव मंदिर तीन बार टूटा और चार बार बनाया गया। विदेशी आक्रमणकारी लुटेरे महमूद गजनबी ने 1017, सोहलवीं शताब्दी में सिकंदर लोदी ने तथा इस मंदिर की भव्यता से द्वेष रखते हुए मुगल शासक औरंगजेब ने सन 1669 में इसे ध्वस्त करवाकर इसके एक भाग पर ईदगाह का निर्माण करा दिया।

अनेक बार इस भूमि के पुनरुद्धार के लिए प्रयास भी किए गए 1940 में पंडित मदन मोहन मालवीय जी ने जन्मभूमि की दुर्दशा देखकर काफी निराशा व्यक्त की व प्रसिद्ध उद्योगपति बिरला जी को लेकर मथुरा गए।

सांसद डॉक्टर के पी यादव ने संसद में नियम 377 के तहत मुद्दा रखा कि लंबे समय से ठाकुर केशवदेव जी की 13.37 एकड़ जमीन के मालिकाना हक दिलाने के लिए प्लेसिस आफ वर्शिप एक्ट (स्पेशल प्रोविजन),1991 या उपासना स्थल (विशेष उपबन्ध) अधिनियम 1991 से श्री कृष्ण जन्मभूमि को अनावश्यक कानूनी बंधनों से मुक्त कराया जाना चाहिए।

ताकि सभी हिंदुओं व विश्व भर के कृष्ण-प्रेमियों में यह भक्ति भाव का केंद्र बन सके। सांसद डॉक्टर के पी यादव द्वारा उठाए इस मुद्दे के बाद समस्त हिंदू समाज में प्रसन्नता की लहर जाग उठी। सोशल मीडिया पर लोगों ने सांसद डॉक्टर के पी यादव का आभार व्यक्त करते हुए अपनी प्रसन्नता जाहिर कर रहे हैं।