पिछोर। जिले के पिछोर जनपद पंचायत एवं करैरा वन विभाग क्षेत्र अंतर्गत घाटी ऊपर कहे जाने वाला क्षेत्र ग्राम पंचायत वीरा से लगा हुआ कई कई किलोमीटर में फैला वन संपदा का क्षेत्र धीरे-धीरे नष्ट हो रहा है। प्रतिदिन इस वन क्षेत्र से निचले स्थानीय क्षेत्रीय अधिकारियों की मिलीभगत से सैकड़ों हेक्टेयर में फैले खैर समेत अनेक प्रजाति के पेड़ काटे जा रहे हैं।
इस संबंध में ग्राम के आदिवासियों समेत ग्रामीणों ने कई बार फोन एवं अधिकारियों के ग्राम में पहुंचने पर शिकायत दर्ज कराई है लेकिन न तो पेड़ों का काटे जाना रोका जा सका न ही काटने वालों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई हैं।
जिसके चलते अवैध कटाई करने वालों के हौसले बुलंद हैं और कई कई स्थानों पर तो जंगल साफ ही हो गया है। ग्राम पंचायत वीरा के सरपंच बलवीर सिंह राय समेत ग्राम के बिहारी आदिवासी, पर्वत सिंह, जुगल सिंह, बाजू आदिवासी, किशनलाल आदिवासी, आकाश, भीकम तथा छोटू आदिवासी ने बताया कि ग्राम वीरा से लगे सिंध नदी के बेरघाट, किशोरा नामक स्थान के पास बाले क्षेत्र में बाहर से आए भू माफियाओं द्वारा अवैध रूप से कटाई कर वन विभाग की जमीन में खेत तैयार किए जा रहे हैं।
वहीं कई लोगों ने पट्टे लेकर तो कई लोगों ने जमीन खरीद कर अपनी जमीन को बढ़ाते हुए वन विभाग की जमीन के जंगलों को काट कर खेत बढा लिए हैं बसईमौजा नाम के स्थान पर तो भरा पूरा जंगल ही पूरी तरह नष्ट कर दिया है।
अंधाधुंध जंगल की कटाई को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर बुलाकर भी दिखाया गया है फिर भी वन विभाग के कान खड़े नहीं हुए ग्रामीणों का कहना है कि हमारे ग्राम से लगे आसपास के मिलो तक फैले हुए जंगल ही हमारी धरोहर और पहचान है।
जिसे देखते ही देखते मिलीभगत से नष्ट किया जा रहा है अवैध कब्जे धारियों के लकड़ी के व्यापारियों के अलावा भू खनिज माफिया भी पूरी तरह क्षेत्र में सक्रिय हैं एक ओर जहां मध्यप्रदेश की सरकार अंकुर अभियान के तहत पौधे रोपने का कार्य कई विभागों द्वारा करवा रही है वहीं दूसरी ओर शासन के द्धारा नियुक्त रक्षक ही भक्षक बनकर वनों को साफ करने में जुटे हुए है।