कोरोना वैक्सीन व दवाओं को पेटेंट मुक्त किया जाए: स्वदेशी जागरण मंच - Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। विश्व की अधिकांश जनसंख्या आज कोरोना संक्रमण के भय से त्रस्त है। इस संक्रमण की रोकथाम के लिए विश्वभर में कई औषधियां और वैक्सीन का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दवा निर्माण और वैक्सीन बनाने वाली कम्पनियों के पेटेंट (अधिकार सुरक्षित) कर रखे हैं।

जिसे लेकर भारत ने स्वदेशी जागरण मंच ने हस्तक्षार अभियान शुरू किया है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक याचिका भी दायर की जा रही है। जिसमें जीवन रक्षक दवाओं को पेटेंट मुक्त कराने की मांग की जाएगी। उक्त बात मध्य भारत प्रांत के पत्रकारों से चर्चा के दौरान स्वदेशी जागरण मंच के प्रांतीय प्रचार प्रमुख संजीव गोयल ने कही। उनके साथ प्रांतीय संगठक केशव दुबोलिया, प्रांतीय संयोजक अरूशेंद्र शर्मा मौजूद थे।

श्री गोयल ने कहा कि दवाओं और वैक्सीन को डब्ल्यूएचओ पेटेंट मुक्त करता है तो इससे अन्य कम्पनियों को दवा और वैक्सीन बनाने की अनुमति मिलेगी। जिससे वैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और लोगों को दवाएं और टीके सुलभता से उपलब्ध हो सकेंगे। भारत में एक स्वदेशी और एक विदेशी कम्पनी मिलकर वैक्सीन तैयार कर रही हैं।

लेकिन उत्पादन क्षमता कम होने के कारण भारत में वैक्सीन की कमी है और डब्ल्यूएचओ के इसी निर्णय के कारण कम्पनियां मोटा मुनाफा कमा रही हैं और लोगों को समय पर जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध नहीं हो रहीं। स्वदेशी जागरण मंच के प्रांतीय प्रचार प्रमुख संजीव गोयल ने बताया कि इजराईल, अमेरिका, इंग्लैण्ड आदि 6 देशों की विश्व जनसंख्या का टीकाकरण हो गया है। वहां कोरोना संकट लगभग समाप्ति की ओर है।

वहीं भारत सहित विश्व की समग्र व्यस्क जनसंख्या 600 करोड़ है और तत्काल उन्हें टीकाकरण की आवश्यकता है। लेकिन भारत में टीके की उत्पादन क्षमता कम होने के कारण लोगों को टीका समय पर उपलब्ध नहीं हो रहा है।

पत्रकारवार्ता में बताया गया कि भारत सरकार ने दक्षिण अफ्रीका के साथ मिलकर विगत अक्टूबर में ही कोरोना दवाओं और टीके को पेटेंट मुक्त कराने का विश्व व्यापार संगठन में जो टिप्स समझौते से छूट का प्रस्ताव रखा था, उसका 120 देशों ने अब तक समथन कर दिया है।

इस प्रस्ताव का विरोध करने वाले देशों कम्पनियों और व्यक्तियों से स्वदेशी जागरण मांग करता है कि मानवता के हित में विरोध करने वाले यह सभी संगठन अपना विरोध बंद कर इसका समर्थन करें।
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