शिवपुरी। जनपद पंचायत पोहरी को भ्रष्टाचार का गढ या अडडा कहा जाएं तो अतिश्योक्ति न होगी क्योंकि यहां बैठे जनपद सीईओ की कार्यशैली ऐसी है कि वह हमेशा ही विवादों में रहते हैं। इतना ही नहीं इनके द्वारा हर काम के लिए पैसा मांगा जाता है और यदि पैसा नहीं दिया जाता है तो काम में अडंगा लगा दिया जाता है।
ऐसा ही मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें पोहरी के जनपद सीईओ शैलेन्द्र आदिवासी ग्राम पंचायत धौरिया के रोजगार सहायक महेश धाकड को मुंह बंद रखने की नसीहत देते नजर आ रहे हैं। इससे साफ है कि पंचायत के काम में सरपंच ने सीईओ को पैसा नहीं दिया जिसके चलते सीईओ रोजगार सहायक को जियो टैग न करने की बात दोहराते नजर आ रहे हैं।
यह सुनाई दे रहा है आडियो में
जनपद सीईओ शैलेन्द्र ने रोजगार सहायक धाकड से कहा कि तुमसे कहा था कि मुंह बंद रखना लेकिन तुम ने तो अपना मुंह ही खोल दिया। जिस पर रोजगार सहायक भगवान और अपनी कसम खाता दिखाई दे रहा है। इतना ही नहीं इसके बाद सीईओ ने तल्ख लहजे में कहा कि तुूम अपना मुंह बंद रखो वही तुम्हारे लिए बढिया होगा।
सरपंच को कैसे पता चला
आडियो में सुनाई दे रहा है कि सरपंच को यह बात कैसे चली तो रोजगार सहायक ने कहा कि वह जिला पंचायत में एसीओ के पास बैठते हैं और उनसे ही उन्हें पता चला होगा इतना ही नहीं रोजगार सहायक ने कहा कि सरपंच कह रहा था कि अब वह जिलेे से ही काम कराएगा।
मैैने कहा मत करना जियो टैग
सीईओ आदिवासी रोजगार सहायक धाकड से कह रहे हैं कि मुझे कुछ नहीं पता कि लेकिन मैने कहा है कि तुम जियो टैग मत करना। इतना ही नहीं इस पर रोजगार सहायक ने कहा कि यदि जिले से फोन आया तो क्या कहूं इस पर आदिवासी ने कहा कि यह तुम जानो।
छोटे कर्मचारी पर साहब की दबंगई
रोजगार सहायक जनपद पंचायत के अधीन है और उस पर सीईओ जैसे अधिकारी यदि दबाव बनाएंगे तो वह काम कैसे कर पाएगा। इतना ही नहीं आदिवासी की कार्यशैली ऐसी है कि वह आए दिन विवादों से ही घिरे रहते हैं।
6 % कमीशन लेता है निर्माण कार्य पर
जनपद सीईओ आदिवासी के बारे में सरपंचों का कहना है कि निर्माण कार्य के स्वीक्रत से लेकर भुगतान करने के लिए 6 प्रतिशत कमीशन तक मांगा जाता है। यदि कमीशन नहीं दिया जाता है तो इसी तरह से काम में परेशानी आताी है और काम तक नहीं होता है और यहां तक कि भुगतान भी नहीं होता है ऐसे में यदि काम करना है तो कमीशन तो देना ही पडता है।