खाई नही जलस्त्रोत की रीचार्जर हैं: भूमाफियाओ ने अधिकारियों से मिलकर बेच दी 2 करोड की - Shivpuri News

Bhopal Samachar
नरवर। नरवर नगर के जलस्त्रोतो की लाईफ नरवर नगर के परकोटा से लगी हुई खाई हैं जो तालाब के रूप में हैं। उक्त खाई नगर के जल स्त्रोतो का रिचार्जर हैं। इस खाई में जो बरसाती भारी भरता हैं उससे नगर के जलस्त्रोतो रिजार्जर होते हैं। इस सैकडो साल पुरानी भारतीय इंजीनियरिंग पर कब्जा कर उसे बेच दिया। यह खाई 2 किलोमीटर लंबी हैं।

नगर में विगत 15 वर्षो से चंद प्रभावशाली व स्थानीय राजनीति में गहरी पैंठ बना चुके विवादित राजस्व कर्मचारियों ने पांच वर्षो में ही जलस्त्रोत और अन्य शासकीय भूमियों पर अवैध कब्जे कराकर नरवर की पुरासंम्पदा के अस्तित्व को ही समाप्ति की ओर पहुंचा दिया है।

नगर की ऐतिहासिक तालाब (खाई) का अस्तित्व अब मिट चुका है और वहां की सरकारी जमीन निजी स्वामित्व में परिवर्तित होकर वहां शॉपिंग काम्पलेक्स सहित कई मकान बन चुके है।

नगर नरवर के परकोटा से लगी हुई ऐतिहासिक खाई तालाब प्रमाणित अभिलेख अनुसार बन्दोबस्त 1983-84 के पूर्व खसरा क्रमांक 1548 रकवा 0.418 हेक्टेयर के रूप में खाई तालाब अंकित है। उक्त भूमि के संबंध में 1984 के दखलरहित कब्जे वाली भूमि के विस्थापन व नियमों के तहत नगर से 40 किमी दूर निवासरत एक व्यक्ति द्वारा तहसीलदार नरवर के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया जिस पर तहसीलदार ने इस भूमि को आबादी का अंग मानकर निरस्त कर दिया।

इसके बाद राजस्व विभाग के ही अधिकारियों से सांठगांठ कर खाई तालाब के सर्वे नं 1548 के स्थान पर 1984-85 के बाद नवीन सर्वे नं 1717 रकबा 0.43 हेक्टेयर निर्मित कर दिया गया। उक्त भूमि नगर के वार्ड नं तीन की सीमा में होकर नगर की बाइपास रोड पर 48 हजार वर्गफीट के रूप में है। इसका बाजार मूल्य लगभग चार करोड रुपये है।

जानकारी मुताबिक लेनदेन की रीति के तहत मुख्यालय पर विगत कई वर्षो से पदस्थ राजस्व कर्मियों बनाम भूमाफिया संरक्षक द्वारा वर्ष 1992-93 के खसरा अभिलेख में तहसीलदार का फर्जी प्र.क्र 75/1991-92/अ-19 आदेश दिनांक 19.07.1992 अंकित कर, करा़ेडों की शासकीय भूमि को भूमिस्वामी स्वत्व पर अंकित कर दिया गया है।

हैरानी की बात तो यह है कि उपरोक्त प्रकरण तहसील कार्यालय में प्रचलित ही नहीं रहा था और तहसीलदार पूर्व में ही इसे आबादी का अंग मान चुके थे। अब यहां पर शॉपिंग कॉम्पलेक्स खड़ा कर दिया गया है और आसपास की जमीन पर भी अतिक्रमण होने लगा है। इसे लेकर जनप्रतिनिधि अरविंद भार्गव हाइकोर्ट तक चले गए हैं।

आधी से ज्यादा जमीन बेची

माफिया द्वारा विवादित व बर्षो से पदस्थ पटवारी के सहयोग से, फर्जी इन्द्राज कर खसरा में अंकित की गई भूमि के आधे से अधिक हिस्से को दो करोड़ से अधिक की वसूली कर विक्रय किया जा चुका है। इसे लेकर कई बार अधिकारियों को ज्ञापन भी दिए जा चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

शिकायतकर्ता ने कहा:भ्रष्ट अधिकारियो ने की घूसखोरी

मेरे द्वारा धुवाई तालाब के शासकीय सर्वे नं 1717 की 48 हजार बर्गफिट बेशकीमती भूमि पर फर्जी भूमिस्वामी इन्द्राज की जांच कर भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त कराने विधिवत ज्ञापन सौपे गये थे। लेकिन जांच के स्थान पर खाई तालाब भराव क्षेत्र की भूमि में बहुमंजिला शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण कार्य जिम्मेवार अधिकारियों द्वारा भ्रष्टनीति के तहत करा दिया गया है। यह जांच का विषय होकर दोषियों के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज हो और भविष्य में होने वाली जनहानि के लिए जिम्मेवार ठहराया जाए।
अरविन्द भार्गव, जनप्रतिनिधि नरवर।

इनका कहना हैं
नरवर के तालाब आदि की भूमि में किये जा रहे अवैध निर्माणों एवं शासकीय भूमि के अवैध कब्जों की जानकारी आपके द्वारा मेरे संज्ञान में लाई गई है। उक्त संबंध में जांच कराएंगे और उसमें यदि कोई दोषी पाया जाता है तो कार्रवाई भी जरूर होगी। (अक्षय कुमार सिंह, कलेक्टर शिवपुरी)
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