शिवपुरी। शहर में उपभोक्ता बिजली विभाग की मनमानी से परेशान है। पहले तो उनकी रीडिंग ही नहीं ली जाती थी और लॉकडाउन के बाद अब उनकी रीडिंग ली है तो उन्हे मशीन से ऐसे बिल थमा दिए हैं कि उपभोक्ताओं के पसीने छूट गए हैं। जिन उपभोक्ताओं का बिल पहले 1 हजार से 1500 के बीच आता था उनका बिल 10 से 15 हजार रूपए देकर थमा दिया गया है इतना ही नहीं बिल में पिछला बकाया भी दर्शाया जा रहा है जिससे उपभोक्ता खासे परेशान हैं।
400 के बिल के थमा दिए 1500
दुकान संचालक रूपेश का कहना है कि उनकी दुकान का बिल पहले 400 से 600 रूपए के बीच आता था दुकान में एक बल्व और एक पंखा चलता है लेकिन इस बार रीडर ने जो बिल मशीन से निकाल कर दिया है उसमें बिल 1700 रूपए दिया है जिससे वह खासे परेशान हैं।
1600 के बिल के थमा दिए 14000
शंकर कालोनी की उपभोक्ता किरण का कहना है कि उनके घर का बिल 1600 से 2000 हजार के बीच आता था लेकिन मीटर रीडर ने इस बार जो बिल थमाया है वह 14 हजार रूपए का थमा दिया है ऐसे में वह पेंशन पाने वाली महिला है इतना बिलि वह कहां से भरेंगी।
दो कमरे का मकान बिल 8 हजार
ठंडी सडक पर रहने वाले विजय का कहना है कि उनका मकान में दो कमरे हैं। उनका मकान का बिल कभी भी 1200 से 1300 रूपए से ज्यादा नहीं आया है लेकिन इस बार जो बिल आया है वह चौकाने वाला है उनका बिल 8 हजार रूपए दिया है। विजय का कहना है कि उन्हें पेंशन ही 10 हजार मिलती है ऐसे में इतना भारी भरकम बिल कहां से भरेंगे।
बीजेपी के राज में कंपनी की मनमानी
कांग्रेस नेता टिंकल रजक का कहना है कि बीजेपी के राज में बिजली कंपनी की मनमानी चल रही है। गरीबों को हजारों रूपए के बिल थमाए जा रहे हैं जबकि रसूखदारों पर लाखों रूपए का बकाया है। ऐसे में बिजली कंपनी और भाजपा सरकार को कोरोना को देखते हुए जनता को राहत देनी थी लेकिन लॉकडाउन खुलने के साथ ही जनता पर प्रहार कर रही है भाजपा सरकार। इसे लेकर कांग्रेस आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर रही है।