विजय जी चले गए, शिवपुरी शोकमग्न है

Bhopal Samachar
खनियाधाना वाले विजय भारद्वाज नहीं रहे। पूरा शिवपुरी और शिवपुरी की राजनीति से जुड़े लोग देश में जहां भी हैं, शोकमग्न है। जिद्दी और जिंदगी की हर जंग को जीतने वाले विजय जी ऐसे चले जाएंगे, कोई विश्वास नहीं कर पा रहा है। 

शिवपुरी जिले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और विजय भारद्वाज एक ही बात थे। सन 1980 में भारत के सबसे बड़े छात्र संगठन के पास शिवपुरी में कोई नेता नहीं था। 1989 में विजय भारद्वाज ने एबीवीपी का ध्वज उठाया और ऐसा लहराया के आज शिवपुरी के गगन पर एकमात्र और सबसे बड़े छात्र संगठन के रूप में लहरा रहा है। शिवपुरी जिले के हजारों युवाओं (जो अब राजनीति में नहीं है) से उनका व्यक्तिगत संबंध है।

भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा में जिला अध्यक्ष सहित कई अन्य पदों पर रहते हुए पिछोर जैसी विधानसभा में भाजपा का झंडा बुलंद करने वाले विजय भारद्वाज मूलतः संगठन को गढ़ने वाले नेता थे। सन 2017-18 में विजय भारद्वाज भारतीय जनता पार्टी के लिए वह दायित्व निभा रहे थे जो शायद संगठन ने उन्हें नहीं दिया था। रूठे को मनाने के लिए उन्होंने अपनी पूरी ताकत लगा दी थी। 

लॉकडाउन से पहले विजय भारद्वाज ने कहा था कि कुछ तो ऐसा करना पड़ेगा जिससे भारतीय जनता पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता कभी इतने निराश ना हो कि बगावत पर उतर आए। चुनाव काफी दूर है लेकिन वह जोड़कर रखने की रणनीति बना रहे थे। मुझे गर्व है कि मैं विजय भारद्वाज की टीम का सदस्य हूं। (उपदेश अवस्थी)
G-W2F7VGPV5M