शिवपुरी। पोहरी अनुविभाग की तहसील बैराड़ में शासकीय जमीन के अनुबंधकर्ता और अनुबंधग्रहिता के विरूद्ध धोखाधड़ी दस्तावेजों में गडबडी तथा आपराधिक षडयंत्र का मामला दर्ज कर लिया गया है।
मामले के तथ्य बड़े दिलचस्प हैं। बैराड के हल्का नम्बर 130 में दोनों पक्षों के बीच 2000 वर्गफिट के प्लाट का सौदा 1 लाख 30 हजार रूपए में हुआ था और जब अनुबंधकर्ता ने अनुबंधग्रहिता को कब्जा नहीं दिया तो अनुबंधग्रहिता मामला सुलझाने के लिए एसडीएम कोर्ट पहुंच गया। जहां उसने जो अनुबंध प्रस्तुत किया, उसमें दर्ज सर्वे नम्बर शासकीय निकला।
इस पर एसडीएम जेपी गुप्ता ने शासकीय जमीन को बेचने का अनुबंध करने वाले रामकिशन शाक्य और खरीदने वाले मुन्नालाल राठौर के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के निर्देश पटवारी अभिषेक को दिए। जिस पर पटवारी ने फरियादी बनकर बैराड़ थाने में दोनों आरोपियों के विरूद्ध भादवि की धारा 420, 467, 468 और 120बी के तहत मामला दर्ज करा दिया।
अनुबंध पर गवाह के रूप में सुरेश चिडार निवासी रैय्यन और रघुवीर चिडार निवासी नानौरा के हस्ताक्षर हैं। लेकिन उनके विरूद्ध कोई कायमी नहीं की गई और पटवारी ने उन्हें आरोपी बनाने की मांग भी नहीं की।
हुआ यह कि बैराड के कालामढ़ में आरोपी रामकिशन शाक्य पुत्र देवीलाल की जमीन है और उस जमीन में मकान बनाकर वह रहता है। आरोपी रामकिशन शाक्य ने अपनी जमीन में से 40*50 वर्गफिट का प्लाट मुन्नालाल राठौर को 1 लाख 30 हजार रूपए में बेचने का अनुबंध किया और उक्त अनुबंध की नोटरी भी कराई। अनुबंध में अनुबंधकर्ता रामकिशन शाक्य ने प्लाट की जमीन का सर्वे नम्बर 621 बताया।
जबकि उक्त सर्वे नम्बर शासकीय है। उक्त जमीन पर जब अनुबंध की शर्तो के अनुसार रजिस्ट्री से पूर्व अनुबंधकर्ता रामकिशन शाक्य ने अनुबंधग्रहिता मुन्नालाल राठौर को कब्जा नहीं दिया तो वह एसडीएम कोर्ट में जा पहुंचा। जहां उसने अनुबंध एसडीएम गुप्ता के समक्ष पेश किया गया।
जब एसडीएम गुप्ता ने संबंधित हल्का नम्बर 130 के पटवारी अभिषेक से उक्त सर्वे नम्बर के स्वामित्व के बारे में जानकारी ली तो उन्हें बताया गया कि उक्त सर्वे नम्बर तो सरकारी है। इस पर सरकारी जमीन का अनुबंध करने वाले क्रेता और विक्रेता के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने का आदेश एसडीएम गुप्ता ने पटवारी अभिषेक को दिया। जिसके तारतम्य में पटवारी ने दोनों आरोपियों पर मामला दर्ज करा दिया।