किसान आंदोलन का समर्थन, सिधिया मेरे बेटे के समान, उन्हें आर्शीवाद नहीं दूंगा तो क्या गाली दूंगाः दिग्विजय सिंह - Shivpuri News

Bhopal Samachar
अशोक कोचेटा@ शिवपुरी। भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया मेरे बेटे समान हंै। मैं उन्हें आर्शीवाद नहीं दूंगा तो क्या गाली दंूगा। उक्त टिप्पणी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शिवपुरी आगमन पर पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल के जबाव में कही। दिग्विजय सिंह से पूछा गया था कि सिंधिया भाजपा में आकर अधिक लोकतांत्रिक हो गए हैं।

अब वह आप से आर्शीवाद मांग रहे हैं और आप उन्हें आर्शीवाद दे रहे हंै। दिग्विजय सिंह ने किसान आंदोलन का समर्थन किया। उनका कांगे्रस कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया और जमकर आतिशबाजी चलाई। शिवपुरी वायपास से दिग्विजय सिंह पूर्व विधायक गणेश गौतम और कांगे्रस जिलाध्यक्ष श्रीप्रकाश शर्मा को अपनी कार में बैठाकर ले गए। स्वागत करने वालों में शिवपुरी जिले के कांगे्रस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल थे।

पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कृषि कानून को कॉर्परेट हितैषी बताया और कहा कि यह कानून देश की अर्थव्यवस्था के खिलाफ है। यह न तो किसान हितैषी है और न ही व्यापारी हितैषी कानून। इस कानून के लागू होने से शिवपुरी के छोटे-छोटे लायसेंसधारी व्यापारी भी कमीशन एजेंट हो जाएंगे। वे बडे बडे कॉर्परेट के नौकर हो जाएंगे।

श्री सिंह ने कहा कि जब यह कानून संसद में लाया गया था, तब हमने इसका विरोध किया था और कहा था कि पहले इसे सिलेक्ट कमेटी में भेजो। कानून मत बनाईए, सब लोगों से चर्चा करने के बाद इसे पारित कराईए। लेकिन हमारी बात नहीं मानी गई।

अब देखिए किसान कह रहे हंै कि हमें नहीं चाहिए कानून और सरकार इसे जबरन लागू कराने की कोशिश कर रही है। पत्रकारों ने उनसे पूछा कि किसान आंदोलन सिक्ख समुदाय से हटकर जाट समुदाय पर केन्द्रित हो गया है तो श्री सिंह ने कहा कि यह किसानों का आंदोलन है और कोई जाट, गुर्जर या यादव या मुस्लमान या सिक्ख का आंदोलन नहीं है बल्कि उसका आंदोलन जो वर्ग खेती करता है, किसानी करता है।
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बड़े-बड़े अरबपतियों और खरबपतियों के लिए बना है किसान कानून

दिग्विजय सिंह ने एक सवाल के जबाव में बताया कि किसान कानून बनाकर नरेंद्र मोदी सरकार ने किसान हितों को बेच दिया है। यह कानून किसानों के लिए नहीं बल्कि बडे-बड़े अरबपतियों, खरबपतियों और कॉर्परेट के लिए बना है।

खेती से जो 12 से 15 लाख करोड़ का बिजनेस होता है, उस पर नजर है। इस कानून के बनने से ऐसा कोई व्यक्ति भी कृषि उपज खरीद सकता है, जिसके पास न तो जमीन है और न ही जायदाद और न ही सम्पत्ति है। वह सिर्फ 200 रूपए देकर पेन कार्ड और 20 रूपए देकर आधार कार्ड बनाए और कृषि उपज खरीदना शुरू कर दे।

करोड़ो की फसल खरीदकर विदेश भाग जाए और किसान सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाती रहे। यह कानून अहमदाबाद में बडे-बडे खरबपतियों के लिए बना है। क्योंकि वे भारत की हर मंडी मेें लायसेंस लेने मेें सक्षम नहीं है इसलिए यह कानून बनाया गया।

किसान आंदोलन में समर्थन दे रही रिहाना पोर्न स्टार नहीं

पत्रकारों ने उनसे पूछा कि किसान आंदोलन को समर्थन पोर्न स्टार रिहाना भी दे रही है तो इसका प्रतिवाद करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि रिहाना पोर्न स्टार कतई नहीं ह। वह एक गायक है और अच्छी कलाकार है।

मैं समझ नहीं पाया कि भाजपा इतनी परेशान क्यों है। उसकी एक छोटी से ट्वीट पर विदेश मंत्रालय बयान दे रहा है। यह घबराहट की निशानी है। यह इस बात का संकेत है कि किसान आंदोलन से नरेंद्र मोदी और अमित शाह घबराए हुए हैं।
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