घर की बहू के आत्महत्या मामले में दहेज के आरोपी परिवारजन न्यायालय से बरी - Shivpuri news

Bhopal Samachar
शिवपुरी। दहेज हत्या के मामले को लेकर ससुरालीजनों के विरूद्ध माननीय षष्टम न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश एस.के.गुप्ता के समक्ष अभियोजन पक्ष की ओर से साक्ष्य प्रमाणित नहीं करते हुए पाए जाने पर माननीय न्यायालय द्वारा दहेज हत्या के पांचों आरोपियों को दोष मुक्त करार दिया गया है। मामले में अभियुक्तगणों की ओर से पैरवी अधिवक्ता वीरेन्द्र चौबे व अधिवक्ता अंकित वर्मा द्वारा की गई। मामला जून 2020 थाना तेंदुआ का है।

विस्तृत विवरण के अनुसार घटना दिनांक 22.06.2020 को मृतिका रामसखी बाई पत्नि मिथुन धाकड़ की मृत्यु उसके विवाह दिनांक 04.05.2017 को 7 वर्ष के भीतर सामान्य परिस्थितियों में उसने जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में पुलिस द्वारा मृतिका के पिता घनश्याम, मॉं आशा बाई, भाई हरिकिशन, चचेरा भाई दारासिंह के कथन पुलिस ने लिए जिसमें उन्होंने बताया कि अभियुक्तगणों द्वारा मृतिका रामसखी को उसके ससुरालीजन दहेज के लिए परेशान करते और दहेज में मोटरसाईकिल मांगने को लेकर प्रताडि़त करते, जिससे तंग आकर रामसखी ने जहरीली दवा का सेवन कर आत्महत्या कर ली। 

इस मामले में संपूर्ण जांच के उपरांत पुलिस थाना तेंदुआ द्वारा ससुरालीजनों आरोपीगण उदयराज पुत्र मंगलिया धाकड़ उम्र 44 वर्ष, मिथुन पुत्र उदयराज धाकड़ उम्र 25 वर्ष, सुनील पुत्र उदयराज धाकड़ उम्र 26 वर्ष, श्रीमती रीना पत्नि सुनील धाकड़ उम्र 28 वर्ष, श्रीमती गीता पत्निी उदयराज धाकड़ उम्र 42 वर्ष निवासीगण ग्राम अटारा थाना तेंदुआ जिला शिवपुरी पर न्यायिक मजिस्टे्रट प्रथम श्रेणी कोलारस जिला शिवपुरी, श्रीमती मोनिका आध्या के न्यायालय के दांडिक प्रकरण क्रं.146/2020 पुलिस थाना तेंदुआ जिला शिवपुरी के अपराध क्रं.102/2020 अंतर्गत धारा 304बी, 498ए भादसं 1860 एवं 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। 

जिस पर अभियुक्तगणों की ओर से पैरवी वीरेन्द्र चौबे अधिवक्ता व अंकित वर्मा द्वारा की गई जिस पर माननीय न्यायालय में उपस्थित होकर अभियुक्तगणों पर लगे आरोपों से उन्होंने इंकार किया और विचार करने को चाहा जिस पर अभियोजन की ओर से अभियुक्तगणों पर आरोपित अपराधों के संबंध में घटना के साक्षी के रूप में घनश्याम धाकड़ व उसके परिजनों के कथन कराए गए और शव नक्शा पंचायतनामा प्रस्तुत किया गया। इस दौरान साक्ष्य प्रमाणित नहीं पाए जाने पर माननीय षष्टम अपर सत्र न्यायालय एस.के. गुप्ता द्वारा दहेज हत्या के सभी आरोपियों को अपराध से दोष मुक्त किया गया।
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