पेट्रोल काण्डःक्या DFO लबित भारती CM helpline पर गलत जानकारी दर्ज करा रहे थे, आखिर क्यो पहुंची शिकयत एल 4 पर - Shivpuri News

Bhopal Samachar
एक्सरे @ललित मुदगल शिवपुरी। पिछले 24 घंटे से रिटायर्ड कर्मचारी का पेट्रोल काण्ड चर्चा में हैं,कि आखिर क्यो एक रिटायर्ड कर्मचारी को आत्मघाती कदम उठाना पडा। रिटायर्ड कर्मचारी पर 307 का मामला दर्ज हो चुका हैं,क्या गलती पूरी की पूरी रिटायर्ड कर्मचारी की हैं,सवाल बडा हैं। रिटायर्ड कर्मचारी की सीएम हैल्पलाईन पर दर्ज 181 एल 4 अधिकारी तक की यात्रा कर चुकी हैं,आईए इस शिकायत की 3 साल की यात्रा का एक्सरे करते हैं। 

घटना का उल्लेख संक्षेप मे करने का प्रयास करते हैं बीते रोज फोरेस्ट के रिटायर्ड बाबू कैलाश नारायण भार्गव ने फोरेस्ट के DFO लबित भारती पर पेट्रोल डालकर और स्वयं पर भी पेट्रोल डालकर आग लगाने की कोशिश की। रिटायर्ड कर्मचारी पर 307 का मामला दर्ज किया गया है। 

वही रिटायर्ड कर्मचारी ओर उसके परिजन का कहना था अपनी झूठ से बचने के लिए DFO लबित भारती ने यह पूरी स्क्रीप्ट रची हैं,रिटायर्ड कर्मचारी ने अपने आत्मदाह की घोषणा पूर्व ही कर चुका था और उसने पुलिस को आवेदन भी दे रखा था कि मुझे किसी भी षडयंत्र में फसाया जा सकता हैं। ईधर कोतवाली पुलिस ने भी रिटायर्ड कर्मचारी के पास से कोई लाईटर और मचिस जब्त नही की हैं।

इस पूरे मामले में रिटायर्ड कर्मचारी के द्घवारा लगाई गई 181 पर नजर डालते हैं,आखिर क्यो सीएम हैल्पलाईन पर लगाई गई शिकायत को 3 साल से अधिक और एल 4 अधिकारी तक की यात्रा करनी पडी। 

रिटायर्ड कर्मचारी कैलाश नारायण ने दिनांक . 10 अगस्त 2018 को सीएम हैल्प लाईन में एक शिकायत, पीपीओ जारी करने के संबधं मे दर्ज कराई। यह शिकायत पिछले 3 साल से लंबित हैं ओर एल 4 अधिकारी की यात्रा कर चुकी हैं। शिकायत पिछले 24 घंटे तक लंबित थी। 

इस शिकायत के निराकरण में विभाग पीपीओ जारी ना करने के संबंध में लिख रहा था कि कैलाश नारायण भार्गव पर एक मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन हैं इस कारण पीपीओ जारी नही हो सकता हैं। जब शिकायतकर्ता ने शिकायत के निराकरण में यह लिखा देखा गया कि इस मामले में हाई कोर्ट में प्रकरण लबिंत हैं इसका सूचना के अधिकार से रिटायर्ड कर्मचारी ने इस हाईकोर्ट के प्रकरण का नंबर मागा। 

विभाग ने इस सूचना के अधिकार में एक प्रति जिस पर हाईकोर्ट का प्रकाण क्रमांक WP 6030/2017 दर्ज था यह मामला 2017 में यह केस डिस्पोज हो चुका था और इसका फैसला रिटायर्ड कर्मचारी कैलाश नारायण के पक्ष में था। इस मामले में सबसे बडा सवाल बनता हैं कि सीएम हैल्पलाईन में शिकायत अगस्त 2018 में की गई तो शिकायत के निबटारे के लिए 2017 के हाईकोर्ट के प्रकरण का उल्लेख क्यो किया गया जा रहा था। 

लिखने का सीधा-सीधा सा अर्थ है कि सीएम हैल्पलाईन पर विभाग गलत जानकारी दर्ज कर रहा था। बीते रोज DFO कार्यालय पर जो पेट्रोल काण्ड हुआ उसका बैकग्रांउड रिटायर्ड कर्मचारी के सीएम हैल्पलाईन पर दिखता है कि कैसे DFO लबित भारती इस शिकायत के निराकरण के लिए गलत जानकारी दर्ज करा रहे थे,लेकिन शिकायत का निबटारा नही कर रहे थे सवाल बडा बनता हैं आखिर क्यो......

एक रिटायड्र कर्मचारी का पीपीओ एक अधिकार हैं और वही विभाग जारी नही कर रहा था। कैलाश नारायण भार्गव, सहायक ग्रेड-2 दिनांक 31.08.2017 को रिटायर्ड हुए थे। 3 साल से एक कर्मचारी अपने अधिकार के लिए कलेक्टर की सैकडो बार जनसुनवाई मे आवेदन दिया हैं। 

पीडित यहां तक त्रस्त हो चुका था कि प्रशासन से अपनी ईच्छा मृत्यु की मांग करते हुए 26 जनवरी को लिखित आवेदन कलेक्ट्रेट की जनसुवाई में देकर आत्मदाह की घोषणा कर चुका था,क्यो कि उसका अधिकार उसे नही मिल रहा है। वह बार-बार कलेक्टर को आवेदन दे रहा था कि DFO उसे किसी भी फर्जी मामले में फसा सकते हैं और ऐसा ही हुआ हैं। 

यह काण्ड शिवपुरी के इतिहास में दर्ज हो गया हैं कि केसे एक रिटायर्ड कर्मचारी को अपना हक लेने के लिए पुलिस का 307 जैसा मुकदमा दर्ज करवाना पडा। आखिर इस रिटायर्ड कर्मचारी को इस मामले की सजा मिलेगी। सीएम हैल्पलाईन पर गलत जानकारी दर्ज करने वाले और ऐसे हालात पैदा करने वाले DFO लबित भारती को नही। सवाल बडा हैं और शिवपुरी के चैराहे पर खडा सबसे जबाब के इ्रतजार में खडा हैं।
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