40 दिन बाद मिली बेल के बाद रुआंसा होकर अन्नी शर्मा ने कहाः भाजपा ज्वाइन नहीं कि उसका परिणाम - Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। अभी हाल ही में गंदी राजनीति का शिकार हुए नगर पालिका उपाध्यक्ष अनिल शर्मा अन्नी भैया जैल से बेल मिलने के बाद प्रेस वार्ता के दौरान रोने लगे। अपना दर्द बयां करते हुए उन्होंनेे मीडिया से ही सबाल किया कि आखिर क्या उनके साथ सही हुआ। मीडिया से सबाल करते हुए उन्होंने कहा कि क्या शहर के विकास की बात करने बाला अनिल शर्मा किसी के साथ धोखाधडी कर सकता है। यहां बता दे कि अनिल शर्मा को 40 दिन बाद बेल मिली है। 

प्रेस बार्ता के दौरान अनिल शर्मा ने कहा कि कि उन पर राजनीतिक द्वेष के चलते कार्रवाई करवाई गई है जो मामले थे ही नहीं वो उन पर लगाए गए और 40 दिन तक उन्हें जेल में बंद रहना पड़ा। इतना ही नहीं जेल में भी उनको प्रताड़ित किया गया। अगर यही हाल रहा तो वह अपनी संपत्ति बेचकर परिवार सहित दूसरे शहर चले जाएंगे। यह सब परिणाम उन्हें भाजपा ज्योईंन नहीं करने का मिला है। 

अनिल शर्मा ने पवन जैन से 1.31 करोड़ रुपये में जमीन का क्रय किया था। पवन जैन में कोतवाली थाना में मामला दर्ज कराया था कि अनिल शर्मा ने जो चेक दिए थे जिनका भुगतान नहीं हुआ। पुलिस ने धारा 420 में मामला दर्ज कर लिया था। इसके बाद अनिल शर्मा को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था। अनिल शर्मा का कहना है, कि यह जमीन विवादित थी। 

पवन जैन ने बताया नहीं था कि जमीन पर सुप्रीम कोर्ट से स्टे है। मेरे और उनके बीच अनुबंध हुआ था कि तीन महीने में कोर्ट से मामला सुलझा लिया जाएगा। इसके बाद ही शेष भुगतान होगा। प्रशासन ने मुझ पर एकतरफा कार्रवाई की। मुकदमा 420 में दर्ज किया था और इसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच राजीनामा होते देख भादवि की धारा 467 और 468 लगा दी गई जबकि दस्तावेजों के कूटकरण की शिकायत ही नहीं हुई थी।

अनिल शर्मा ने कहा, कि मैंने जो चेक दिए थे वे रजिस्ट्री के साथ लगाने के लिए थे। जब वे बैंक में लगाए गए तो मेरे पास मैसेज आया और मैं बैंक में उन्हें रुकवाने भी गया, लेकिन ब्रांच मैनेजर ने इसमें असमर्थता जता दी। पुलिस ने भी इस मामले में मेरा पक्ष नहीं सुना। अब मैंने जब पूरा 1.31 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है तो भी जमीन नहीं मिली है। वहीं पवन जैन से पूरा विवाद खत्म हो चुका है। अब प्रशासन मुझे यह जमीन दिलाए। इस पर अभी भी विवादित होने के होर्डिंग लगे हुए हैं। 

जेल में किया प्रताड़ित, 5 दिन खाना नहीं दिया

अनिल शर्मा ने आरोप लगाए कि जेल में उनके साथ बुरा सलूक किया गया। पांच दिनों तक कुछ भी खाने के लिए नहीं दिया गया। यहां तक कि 6 दिनों तक परिवार को भी नहीं मिलने दिया। इसके बाद भी स्वतंत्र मुलाकात पर पाबंदी रखी। जब भी कोई मिलने आता था तो जेल के अधीक्षक भी खुद वहां बैठे रहते थे जबकि स्वतंत्र मुलाकात मेरा मौलिक अधिकार था।

जिस नपा में जनता के लिए लड़ा, उसी ने नोटिस दिया

अनिल शर्मा ने कहा कि मैं नगर पालिका में सत्ता पक्ष में रहते हुए भी जनता के लिए लड़ता रहा। जब यह मामला हुआ तो मुझ पर दूसरे मामले भी रोपित किए गए। नगर पालिका ने नोटिस दिया कि आप नपा की दुकान में एटीएम चला रहे हैं जो अवैध है। जबकि नियम में ऐसा कुछ नहीं है इसके बाद भी मैंने एटीएम हटवा दिया। इसके साथ ही मेरे फार्म हाउस आदि पर भी विजिलेंस की टीम भेजी गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाए कि पवन जैन पर शिकायत करने के लिए दबाव बनाया गया था। उन्होंने किसी नेता का नाम नहीं लिया, लेकिन सीधे तौर पर महल की ओर जरूर इशारा किया। 

बोर पर भी उडनदस्ता भेजा
अनिल शर्मा ने कहा कि क्या वह माफिया है। अपने परिवार के भरण पोषण के लिए वह खेती करते है। तीन बोर है। परंतु गंदी राजनीति की हद तो देखिए,बिजली विभाग की तीन तीन गाडियां पहुंची और जाकर चैक किया। परंतु में हर जगह सही मिला। फिर भी प्रताणना में कोई कमी नहीं छोडी।
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