जमीन हड़पने सेंट्रल जेल भोपाल के जिंदा कर्मचारी का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा दिया - Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। खबर जिले के पिछोर अनुविभाग की खानियांधाना तहसील के ग्राम मुहारीकलां गांव के आदिवासी युवक की हैं। युवक का अपराध इतना हैं कि वह अपने परिवार की खुशियो के लिए घर से बहार नौकरी करता हैं,गांव के कुछ लालची लोगो ने उसकी नाबालिग बेटी का अपहरण कर लिया पत्नि पर अतिक्रमण और उसका मौत का कागज अर्थात मृत्यु प्रमाण पत्र तक बनवा दिया और उसकी जमीन जायदाद पर भी हडपने का पूरा प्लान बना लिया। 

यह मामला जब जगजाहिर हुआ जब स्वयं अपना मौत का कागज लेकर पीडित युवक मंगलवार को एसपी आफिस में जनसुनवाई में पहुंच गया। और बोला साहब में जिंदा हूं,साजिश कर्ताओ ने मेरा परिवार तो बर्बाद कर दिया हैं साथ में मेरा मृप्यु प्रमाण पत्र बनबा कर मेरी जमीन को अपने नाम करवाना चाहते हैं। 

यह बताया सरकारी दास्तावेजो में स्वर्गवासी हो चुके युवक ने

जनसुनवाई में पहुंचे बद्रीप्रसाद पुत्र निर्भय आदिवासी निवासी मुहारीकलां ने बताया कि मेरी 14 साल की नाबालिग बेटी सूरजमुखी आदिवासी को दो साल पहले गांव का बृजेश लोधी अपने साथ बहला फुसलाकर भगा ले गया था। इसके बाद बृजेश मेरी पत्नी जामवती को भी ले गया है। इस मामले की खनियाधाना थाने सहित अन्य जगह शिकायत की,लेकिन कहीं भी आज तक सुनवाई नहीं हुई। 

बद्रीप्रसाद ने संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि बृजेश लोधी आए दिन लड़कियों को उठाकर बेचता आ रहा हैं। आज तक मेरी बेटी का भी पता नहीं हैं। वहीं मेरी पत्नी को अपने चंगुल में लेकर उसने पति यानी मेरा (बद्रीप्रसाद ) को मृत घोषित कराकर 12 बीघा जमीन एवं मकान का फौती नामांतरण कराने के लिए खनियांधाना तहसील में आवेदन दिया हैं। अधिकारियों से आग्रह किया है कि इस मामले की जांच कराएं , क्योंकि अभी तो मैं जिंदा हूंं। 

परिवार की खुशियो के लिए ब्रद्री करता हैं नौकरी 

परिवार बिखरने के पीछे बद्रीप्रसाद का बाहर रहना वजह सामने आ रही है। दरअसल बद्रीप्रसाद की सेंट्रल जेल गांधीनगर भोपाल में हेल्पर की नौकरी है। परिवार की खुशी की बाहर अकेला रहता था। इधर गांव के व्यक्ति ने इसी का फायदा उठा लिया। नाबालिग बेटी लापता है और पत्नी को भी बरगला कर अपने साथ रख लिया है । 

जिंदा आदमी स्वर्गवासी कैसे घोषित हो गया:मृप्यु प्रमाण पत्र कैसे बना

तहसील कार्यालय खनियाधाना से बद्रीप्रसाद का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हुआ हैं। मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए पटवारी सहित पंचायत सचिव आदि से पूछताछ होती है। मामले की जांच हो तो संबंधित जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो सकती है । 

मेरी बेटी को आज तक पता नही,जबकि मैने नाम दर्ज शिकायत की थी

बद्रीप्रसाद का कहना है कि नाबालिग बेटी सूरजमुखी के गायब होने के बाद बृजेश लोधी ने पत्नी जामवती के साथ पुलिस थाने में गांव के मोहनलाल लोधी के बेटे पर शक जाहिर कर दिया । पूरे गांव ने पंचनामा बनाकर दिया, तब जाकर वह बचा । तभी से बच्ची लापता है और बृजेश पर आज तक जांच की आंच नहीं आई।

तहसीलदार नही किया फौती नामांतरण 

बद्रीप्रसाद ने बताया कि उसकी तीन संतान हैं जिसमें बडे बेटे करन की शादी हो चुकी हैं। दूसरी 14 साल की बेटी है और उससे छोटा एक और बेटा हैं। फौती नामांतरण के तहसीलदार ने जब बेटे करन को बुलवाया। तहसीलदार ने पूछा कि तुम्हारे पिता की मौत कब हुई है। यह सुनकर करन ने कहा कि मेरे पिता तो अभी जिंदा हैं। हालाकि तहसीलदार ने फौती नामांतरण नहीं किया। 

इनका कहना हैं 
शिकायत आने पर जांच करके मामले में केस पंजीबद्ध करेंगे नाबालिग लड़की के अगवा होने और जिंदा व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने संबंधी शिकायत हमारे पास नहीं आई हैं। यदि शिकायत हमारे पास आती है तो जांच करके मामले में प्रकरण पंजीबद्ध करेंगे। 
आलोकसिंह भदौरिया, टीआई, पुलिस थाना खनियांधाना
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