घर में रात भर पडी रही पत्नि, बेटी और दमाद की लाशे:पिता रात भर सोता रहा-Shivpuri News

Bhopal Samachar

शिवपुरी। देहात थाना क्षेत्र के बड़े लुहारपुरा में एक हृदयाविदारक हादसे ने लोगों को दहलाकर रख दिया। इस दुर्घटना में ओझा परिवार के तीन सदस्य काल के गाल में समां गए। मरने वालों में बिजली विभाग के सेवानिवृत कर्मचारी काशीराम ओझा की पत्नी कमलाबाई ओझा (65), उनकी विवाहित पुत्री नीतू ओझा (30) और उनका दामाद मनोज ओझा (35) शामिल हैं।

हादसे का पता सुबह उस समय लगा जब काशीराम ओझा जागे और उन्होंने नीचे आकर देखा तो कमरे में उनकी पत्नी, बेटी और दामाद की लाश पड़ी हुई थी। लाशों की स्थिति देखकर साफ जाहिर हो रहा था कि एक-दूसरे को बचाने के चक्कर में तीनों की मौत हुई। लेकिन दुर्भाग्य रहा कि कोई भी नहीं बच पाया। घटना कल रात की बताई जाती है। लेकिन समय क्या था यह ठीक स्पष्ट नहीं हो सका। यह भी स्पष्ट नहीं हो सका कि पहले करंट किसे लगा। इसके विषय में अलग-अलग लोगों की अलग-अलग राय है।

घटना के समय के विषय में अनुमान है कि हादसा रात साढ़े 11 बजे के आस पास हुआ। रात 11 बजे तक परिवार के सभी सदस्य एक साथ थे। मृतक मनोज ओझा और नीतू ओझा निचली मंजिल में और काशीराम तथा कमलाबाई ऊपरी मंजिल में सोते थे और घटना निचली मंजिल के कमरे में घटित हुई। एक बिजली के होल्डर को निकालने के प्रयास में करंट लगा और एक-दूसरे को बचाने के प्रयास में तीनों की मौत हो गई।


घटना स्थल के नजदीक रहने वाले पूर्व पार्षद राजू गुर्जर ने बताया कि कल रात साढ़े 11 बजे के लगभग नीतू ओझा नीचे खाना लेने के लिए आई। उस समय उनके पति भी नीचे मौजूद थे। अचानक उसी समय लाईट चली गई और जब लाईट आई तो नीतू ने बिजली के होल्डर को निकालने की कोशिश की। उसी दौरान उसे करंट लगा और वह वहीं गिर गई। यह देखकर उनके पति मनोज ओझा उसे बचाने के लिए आए और उन्होंने अपनी पत्नी का हाथ पकडक़र उसे खीचने की कोशिश की।

लेकिन करंट इतना तेज था कि वह भी चिपक गए और वह न तो स्वयं और न ही अपनी पत्नी को बचा पाए। उधर ऊपर काशीराम और कमलाबाई भोजन का इंतजार कर रहे थे। जब काफी समय तक उनकी बेटी और दामाद भोजन लेकर नहीं आए तो कमलाबाई नीचे उन्हें देखने के लिए आई। अनुमान है कि वह भी बचाने के प्रयास में करंट की चपेट में आई और उनकी मौत हो गई। काफी समय तक जब तीनों ऊपर नहीं आए तो काशीराम दूध पीकर सो गए और रातभर उन्हें पता ही नहीं चला कि उनकी पत्नी, बेटी और दामाद मृत हो चुके हैं।

सुबह जब उठे और वह नीचे आए तब उन्हें इस हादसे का पता चला। परिवार के लोगों के अनुसार पहले करंट उनके दामाद मनोज ओझा को लगा और उसे बचाने के दौरान उसकी पत्नी नीतू ओझा भी करंट की चपेट में आ गई। वहीं बेटी-दामाद को करंट लगता देख उसकी मां वहां पहुंची तो उसे भी करंट लग गया और तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि देहात थाना टीआई सुनील खैमरिया का कहना है कि संभवत: करंट कमलाबाई को लगा। जिसे बचाने के लिए उसकी और दामाद नीतू और दामाद मनोज वहां पहुंचे तो उन्हें भी करंट लग गया।

लेकिन आज सुबह जब वह जागे और अपनी पत्नी को आवाज दी तो वह ऊपर नहीं आई। इसके बाद काशीराम नीचे उतरकर आए तो उन्हें बेटी, दामाद और पत्नी की लाश पड़ी मिली। जिससे वह घबरा गए और उन्होंने आस पड़ोस के लोगों को बुला लिया। बाद में पुलिस भी मौके पर आ गई। वहीं एफएसएल टीम को भी घटना स्थल पर बुला लिया। पुलिस ने फिलहाल इस मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।

घर जमाई बनकर रह रहा था दामाद, नहीं थी कोई संतान
मृतक मनोज ओझा निवासी नरसिंहगढ़ का विवाह 5-6 वर्ष पूर्व नीतू के साथ हुआ था। विवाह के बाद जब उनके जहां कोई संतान नहीं हुई तो वह दोनों अपने पिता काशीराम ओझा के घर बड़ा लुहारपुरा में आकर रहने लगे। जहां मनोज रोजी रोजगार कर परिवार का भरण पोषण करने लगा। 
G-W2F7VGPV5M