इस कारण मनाया जाता हैं धनतेरस: आज के दिन शाम के बाद करे खरीददारी, पढिए क्यो - Shivpuri news

Bhopal Samachar

शिवपुरी। दिपावली 5 दिनो का त्यौहार है। दिपावली त्यौहार हिन्दूओ का एक प्रमुख त्यौहार हैं। इस त्यौहार की शुरूवात धनतेरस से शुरू होता हैं। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता हैं, धनतेरस को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन सोना, चांदी और पीतल की वस्तुएं खरीदना बहुत शुभ माना जाता हैं।

धनतेरस क्यों मनाया जाता है
धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि की पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि जिस समय समुद्र मंथन हो रहा था, उसी समय भगवान धनवंतरि एक रत्न के रूप में समुद्र मंथन से बाहर आ गए थे. धनतेरस के शुभ अवसर पर धनवंतरि के साथ भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और कुबेर जी की आराधना भी की जाती है. दीपावली के पर्व का शुभारंभ धनतेरस से ही होता हैं।

यह हैं धनतेरस का शुभ मुर्हत:27 मिनट तक है शुभ मुहूर्त
इस साल धनरेसत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5.32 बजे से शुरू होकर 5 बजकर 59 मिनट तक रहेगा. महज 27 मिनट के इस शुभ मुहूर्त में पूजा करना फलदायी माना जाएगा. इसी वक्त अगर कोई दीपदान करता है तो भी शुभ होगा।  जानकारी के लिए बता दें कि 13 नवंबर को धनतेरस पर खरीदारी के लिए पहला मुहूर्त सुबह 7 से 10 बजे तक हैं

यहां यह क्लीयर कर दे की सनातन संस्कृति में दिन रात और तिथि चंद्रमा की कलाओ से होती है। धनतेरस तेरस की तिथि को मनाई जाती हैं। यह तिथि 12 नंबर की शाम 5.32 मिनिट से शुरू हो रही हैं। शाम के बाद ही धन तेरस की खदीददारी करे।

यह खरीदे और यह हैं शुभकारी
पत्नी के लिए सोने-चांदी के आभूषण खरीदें। गृहलक्ष्मी प्रसन्न होतीं हैं।
निवेश के लिए सोने-चांदी का सिक्का या समकक्ष खरीदें।
धन के देवता कुबेर को प्रसन्न करने के लिए चांदी जरूर खरीदें।
चांदी, पीतल या कांसे के बर्तन खरीदें। पीतल भगवान धन्‍वंतरी की मुख्‍य धातु है।
बर्तन में छोटा या बड़ा कलश शुभ माना जाता है।
व्यापारी हैं तो बही-खाते खरीदें।
कर्मचारी हैं तो पासबुक में एंट्री करवाएं।
दीपावली पर गणेश और लक्ष्‍मी की मूर्तियां स्थापित करते हैं तो उन्हे आज ही लेकर आएं।