करैरा के चुनावी रण में उतरेंगे शहडोल में कमिश्नर और शिवपुरी में ADM रहे आरबी प्रजापति - SHIVPURI NEWS

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शिवपुरी।
शिवपुरी में ढ़ाई साल तक अतिरिक्त कलेक्टर का कार्यभार संभालने वाले और शहडोल कमिश्रर रहे आरबी प्रजापति ने जनसेवा को लक्ष्य मानकर करैरा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय रूप से चुनाव मैदान में उतरने का निर्णय लिया है। लगभग 10 साल तक ग्वालियर चंबल संभाग में प्रशासनिक अधिकारी के रूप में कार्य कर चुके प्रजापति चार जिलों के चार सब डिवीजन में एसडीएम, पांच जिलों में एडिशनल कलेक्टर और तीन जिलों में जिला पंचायत सीईओ रह चुके हैं।

अशोकनगर कलेक्टर और उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य और वन विभाग एडिशनल डायेक्टर के रूप में भी वह काम कर चुके हैं। प्रशासनिक सेवा में आने से पहले अंग्रेजी विषय में प्रथम श्रेणी में स्नात्कोत्तर आरबी प्रजापति छतरपुर के महाराजा कॉलेज में सहायक प्राध्यापक भी रह चुके है।

सेवानिवृति के बाद आरबी प्रजापति ने राजनीति में आने का निर्णय लिया और वह करैरा सुरक्षित सीट से चुनाव मैदान में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतर रहे हैं। श्री प्रजापति ने इस संवाददाता को बताया कि करैरा में उनकी कई स्थानीय नेताओं से चर्चा हुई है।

इस क्षेत्र में उनका शिवपुरी में प्रशासनिक अधिकारी के रूप में पदस्थी के दौरान अच्छा सम्पर्क है और वह चुनाव जीतने के बाद वेतन नहीं लेंगे। उनका कहना है कि आम जनता की आवाज को वह मुखर करने का काम करेंगे। प्रशासनिक अधिकारी के रूप में उन्हें अच्छा अनुभव रहा है कि किस तरह से काम कराए जाते हैं और इस अनुभव का लाभ उठाकर वह जनसेवा करेंगे।

इस संवाददाता से चर्चा करते हुए अतिरिक्त कलेक्टर प्रजापति ने बताया कि उन्होंने निर्दलीय रूप से चुनाव लडऩे का इसलिए निर्णय लिया, क्योंकि दलों के दरबाजे पर भिखारी की तरह टिकट के लिए भीख मांगना उनके आत्मसम्मान के खिलाफ है। 25 विधायकों के इस्तीफा देने पर सवाल खड़ा करते हुए प्रजापति ने कहा कि यदि उन्होंने जनता के हितों को ध्यान में रखकर इस्तीफा दिया है और उन्हें क्षेत्र और जनता के विकास की चिंता है तो इन विधायकों को चुनाव में खर्च होने वाली राशि को वहन करना चाहिए।

साथ ही यह निर्णय लेना चाहिए कि वह जीतने के बाद वेतन नहीं लेंगे और सुख सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं करेंगे। वह यदि त्यागी तपस्वी हैं तो उन्हें इसका भी त्याग करना चाहिए। जहां तक उनका सवाल है यदि जनता ने उन्हें जिताया तो वह वायदा करते हैंं कि अपना वेतन नहीं लेंगे। केवल भत्ते जिनमें जिनमें कम्प्यूटर ऑपरेटर सहित अन्य जनता से जुड़े कार्य होते हैं वह लेंगे। ऐसी ही घोषणा इस्तीफा देने वाले विधायकों को करनी चाहिए तभी वह जनता के सही मायनों में हितैषी होंगे।

आरक्षित सीट से मेरे चुनाव लडने में कोई वाधा नही हैं : श्री प्रजापति

करैरा से चुनाव लडऩे की घोषणा करने वाले आरबी प्रजापति से जब इस संवाददाता ने कहा कि प्रजापति समाज अन्य पिछड़ा वर्ग में आता है तो वह करैरा से कैसे चुनाव लड़ेंगे। इसका जबाव देते हुए श्री प्रजापति ने कहा कि मध्यप्रदेश में छतरपुर सहित अन्य 12 जिलों में प्रजापति समाज अनुसूचित जाति वर्ग में आता है और इन जिलों के प्रजापति देश और प्रदेश की किसी भी अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। चूकि मैं छतरपुर का रहने वाला हूं। इसलिए मुझे करैरा सुरक्षित सीट से चुनाव लडऩे में किसी तरह की वैद्यानिक और कानूनी दिक्कत नहीं है।

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