शिवपुरी। भैरों बाबा मंदिर के पास दीपक पाईप सेनेट्री के नाम से दुकान संचालित करने वाले द्वारिका प्रसाद की दुकान आज दोपहर एसडीएम अरविंद वाजपेयी और नगर पालिका की टीम ने बंद करा दी। क्योंकि उनकी बहू और नातिन को कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इसके बाद भी वह दुकान खोलकर बैठे थे। जिससे आस पास के दुकानदार परेशान हो गए और उन्होंने यह सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को दे दी। इसके बाद टीम मौके पर पहुंच गई।
जानकारी के अनुसार द्वारिका प्रसाद गुप्ता के पुत्र दीपेश गुप्ता की पत्नी और बेटी अभी कुछ दिन पहले ही कोरोना संक्रमित पाई गई थी। इसके बाद उनके पूरे परिवार को होम क्वारंटीन कर दिया था। लेकिन इसके बाद भी द्वारिका प्रसाद गुप्ता अपनी दुकान प्रतिदिन खोल रहे थे। ओर ग्राहको को समान बेच रहे थे कुल मिलाकर वह संक्रमण सेल कर रहे थे।
ऐसे प्रकरणो से ही समझ में आता हैं कि शहर में कोरोना विस्फोट कैसे हो रहा हैं इसका उदाहरण आज प्रशासन को मिल गया होगा। बताया जा रहा हैं कि द्धारका प्रसाद गुप्ता के परिजन पॉजीटिव आने पर उन्होने ना ही अपने स्टाफ की जांच कराई और ना ही अपनी,यह कहकर पल्ला झाड लिया कि बेटा अलग रहता है।
दुकानदारों का कहना है कि आज द्वारिका प्रसाद गुप्ता का स्वास्थ्य खराब दिख रहा था। जिसकी जानकारी उनकी दुकान पर बैठे प्लम्बरों ने दी। जिस पर दुकानदारों ने ऐतराज जताया। तभी कुछ लोगों ने कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह और एसडीएम अरविंद वाजपेयी से की।
जिस पर एसडीएम नगर पालिका अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और द्वारिका प्रसाद गुप्ता को दुकान बंद करने का निर्देश दिया और जब दुकान बंद हो गई तो उन्हें घर रहने का निर्देश देकर चले गए,एसडीएम ने उक्त व्यापारी और स्टाफ की कोविड 19 की जांच कराने के निर्देश नही कही इस कारण दुकानदार दुकान बंद कर घर चले गए।
प्रशासन को इस दुकानदार और उसके स्टाफ की जांच करानी चाहिए। एसडीएम मौके पर पहुंचे लेकिन दुकान पर पंजी चैक नही की। कितने ग्राहक आए पिछला क्या रिकार्ड रहा यह सब भी चैक करना एसडीएम ने उचित नही समझा। अगर उक्त दुकानदार सीधे कलेक्टर महोदय को फोन नही करते तो शायद आज प्रशासन हरकत में नही आता। अब प्रशासन को उक्त दुकान की पंजी चैक करनी चाहिए,और उसमें लिखे सभी ग्राहको को मैसेस देना था,जिससे वह अपने सुरक्षा उपाय अपनाए।
आज के इस प्रकरण से एक सवाल यह भी खडा होता हैं कि संचालक ने एसडीएम शिवपुरी से झूठ क्योे बोला की उनके भाई का परिवार संक्रमित निकला है,कही ना कही गडबड इस पूरे प्रकरण में दिखाई दे रहे हैं। एसडीएम भी यह स्वीकार रहे है कि उनसे कहा गया कि भाई का परिवार पॉजीटिव आया हैं।
बेटे के परिवार का नाम नही लिया संचालक ने ऐसा क्यो किया.....,जब परिवार के सदस्य पॉजीटिव आए तो दिपक पाईप के संचालक ने अपनी दुकान और अपनी स्वंय की जांच क्यो नही कराई....अगर इस दुकान के स्टाफ और संचालक संक्रमित निकले तो ना जाने कितने ग्राहक इस दुकान से कोरोना जैसा संक्रमण समान के साथ खरीद कर ले गए।
एसडीएम महोदय ने भी सिर्फ कलेक्टर महोदय के आदेश का पालन किया। दुकान खुली मिली तो बंद कराकर चले आए मौखिक आदेश दिया कि 10 दिन तक दुकान बंद रखना। लेकिन ना ही दुकानदार से कहा कि अपनी जांच कराओ और अपने स्टाफ की जांच के उपंरात ही दुकान खोले। ना ही दुकान पर आने वाले ग्राहको की पंजी की जांच की।
इनका कहना है-
मोबाइल पर सूचना प्राप्त हुई कि कोरोना संक्रमित मरीज के परिजन भैरों बाबा मंदिर के सामने अपनी दुकान खोलकर बैठे थे। इस सूचना पर मैंने मौके पर जाकर दुकान बंद कराई। वहीं दुकान पर बैठे द्वारिका प्रसाद गुप्ता का कहना था कि उनके छोटे बेटे के परिवार के सदस्य संक्रमित निकले हैं। जिनके सम्पर्क में वह नहीं आए हैं। इसलिए दुकान खोल रहे हैं। हम इसकी जांच कराएंगे। अगर उनके द्वारा कही गई बात गलत साबित हुई तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
एसडीएम अरविंद वाजपेयी
मेरी पत्नी और बेटी कोरोना संक्रमित निकली हैं। मैं फिजीकल पर निवास करता हूं और मेरे पिताजी झांसी रोड़ पर रहते हैं। मैं दुकान पर जरूर बैठता हूं। लेकिन पिछले 9 दिनों से मेरा एक्सीडेंट हो जाने के कारण दुकान पर नहीं गया हूं और न ही मेरे पिता व अन्य किसी के सम्पर्क में हूं। यह तो आस पास के दुकानदारों ने ईष्यावश प्रशासन को सूचना देकर ओछी
मानसिकता का परिचय दिया है।
दीपेश गुप्ता, संचालक दीपक पाईप सेनेट्री स्टोर