शिवपुरी। जिला अस्पताल शिवपुरी से आए दिन लापरवाही की खबरें आती रहती हैं जहां पर आए दिन मरीजों द्वारा यह शिकायत रहती है कि उन्हें जिला अस्पताल में सही से उपचार नहीं मिल रहा तो कुछ मरीजों को शिकायत रहती हैं।
कुछ मरीजो का कहना होता हैं कि उनके ईलाज में लापरवाही बरती जा रही हैं।स्टाफ उनके बुलाने पर भी नही आता हैं और उनके साथ अभद्र व्यवहार करता हैं। ऐसा ही एक प्रसुता की सुनवाई ना होने के कारण वह अस्पताल के द्धवार पर आकर बैठ गई और इतनी नाराज हो गई कि चिकित्सको के बुलाने पर भी अंदर नही गई।
जानकारी के अनुसार 2 दिन पूर्व अपने प्रसव कराने अस्पताल पहुंची पिस्ता पत्नि चंदन आदिवासी उम्र 26 निवासी ग्राम पंचायत गुरावल पहुची। बताया जा रहा है कि डॉक्टरो ने उसकी डिलेवरी सुरक्षित कर दी। पिस्ता ने एक स्वस्थय बालक को जन्म दिया,लेकिन स्टाफ के द्धवारा उसकी मांग पूरी करने ना करने के कारण वह अपने 1 दिन के नवजात को लेकर अस्तपाल के गेट पर बैठ गई।
इस मामले पर जब प्रसूता पिस्ता से बात की तो पिस्ता ने बताया कि उन्हे प्रसूता वार्ड के अंदर काफी गर्मी लग रही हैं। उमस होने के कारण बैचेनी हो रही हैं और पंखे हवा नही दे रहे। घूटन मससूस हो रही थी मैने अपना पलंग चैंज कराने के लिए बार—बार कहा लेकिन मेरी कोई सुनवाई नही हो रही थी और उल्टा मुझे डांट रहे थें। गर्मी से बेहाल होकर मैं अस्तपाल के गेट पर आकर बैठ गई।
अस्पताल के गेट पर बैठी प्रसुता की मां उस पर हाथ से हवा करने वाले पंखे से हवा कर रही थी। उसकी गोद में एक दिन का नवजात था। यह दृश्य मीडिया ने देखा और उसके पास पहुंचे उससे पूछताछ की। यह सब घटनाक्रम चल रहा था तो डॉक्टरो को पता चला की पिस्ता अपने नवजात को लेकर बहार बैठी है और मीडिया से बात कर रही है।
इसके बाद वार्ड वॉय आया और उससे अंदर आने की गुहार लगाने लगा लेकिन पिस्ता अपनी जिद पर अडी थी कि जब तक पंलन नही बदलोगें अंदर नही जाएंगी। वह अपनी भाषा में कह रही थी कि अंदर मेेंरे तो प्रान ही निकर जाऐंगें ऐसी गर्मी हैं।वार्ड वॉय ने कहा कि अब तुम्हारा पलंग पंखे के नीचे डलवा दिया हैं अब अंदर चला। इतना सुन पिस्ता अपने लाडले को लेकर अंदर चली गई।