ONLINE देशभक्ति गीत प्रतियोगिता में प्रदेश के युवाओं ने लिया भाग / Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। संस्कार भारती शिवपुरी के द्वारा चलाये जा रहे में शिवाजी अभियान के अंतर्गत ऑनलाईन देशभक्ति गीत प्रतियोगिता का शानदार आयोजन हुआ। जिसमें प्रदेशभर के युवाओं ने एक से बढ़कर एक देशभक्ति से प्रेरित गीत गाकर समां बांधा। कार्यक्रम में चार चांद भारत के श्रेष्ठ मोटिवेशनल स्पीकर शैलेंद्र सिंह के इंदौर से कुशल संचालन ने लगाए।

सर्वप्रथम ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की पूजा अर्चन वंदना के साथ परंपरानुसार कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। जिसके बाद एक-एक करके सचांलक शैलेन्द्र सिंह ने प्रतिभागियों को बुलाना प्रारम्भ किया। पहले क्रम में आकर ग्वालियर की हिमांशी भालेराव ने ईश्वर सत्य है, सत्य ही शिव है, शिव ही सुंदर है, जागो उठकर देखो का सुमधुर गान प्रस्तुत किया,तत्पश्चात शिवांगी जायसवाल भोपाल ने बड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैया करे यशोदा मैया गाकर माहौल को भक्ति रस से ओतप्रेात किया।

सारिका मुसलगांवकर ग्वालियर ने रुक जाना नही तू कही हार के, कांटो पे चल के मिलेंगी राहै बहार की गाकर निराशा से बाहर निकलने का संदेश दिया। विशाखा तलेगांवकर ने सारे जहां के मालिक तेरा ही आसरा है, राजी है हम उसी में जिसमे तेरी रजा है गाकर आत्मबल बढाने का कार्य किया। ओमकार दांते इंदौर ने अपनी सुंदर वाणी से कोटि कोटि कंठो ने गाया माँ का गौरव गान, एक रहे है एक रहेंगे भारत की संतान जैसे ही गाया सभी मंत्र मुग्ध हो गए।

भोपाल की वत्सला चौबे ने अपनी सुदृढ लेखनी से मेरे गीत सजा दो गाकर सुंदर प्रस्तुति दी। संध्या झा शिवपुरी ने पांच तत्व से बना हुआ है ये अपना संसार, प्यार करे, सम्मान करें भरपूर करे सत्कार गाकर आध्यात्मिक चेतना जागृत की। हिमांशु राठौर शिवपुरी ने चंदन है इस देश की माटी तपोभूमि हर ग्राम है,हर बाला देवी की प्रतिमा बच्चा बच्चा राम है कि मनमोहक प्रस्तुति दी। कौस्तुभ उपमन्यु शिवपुरी ने ये जो देश है तेरा, स्वदेश है तेरा, तुझे पुकारे ये वो बंधन है जो कभी टूट नही सकता कि सुंदर प्रस्तुति दी।

श्रद्धा शिवपुरी ने अब कहा हु कहा नही हु,अब कहा जाऊ, कहा नही हु कैसे की प्रस्तुति देकर प्रतियोगिता का समापन किया। ग्वालियर के संगीत शिक्षक देश विदेश में अपने नाम का डंका बजा चुके पीयूष तांबे ने ले चले हम राष्ट्र नॉका को भँवर के पार के गाकर सभी के दिल को जीता। इसके एक दिन पूर्व शिवाजी के जीवन चरित्र पर प्रश्न मंच का आयोजन किया गया। आभार आशुतोष ओज ने तो भूमिका रंजीता देशपांडे ने प्रस्तुत की।
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