पाकिस्तान के टिड्डी दल का शिवपुरी में हमला, राजस्थान में तबाही मचाकर आया है / Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। पाकिस्तान की सीमा से चला टिड्डी दल शिवपुरी पहुंचा। शिवपुरी में टिड्डी दल ने हमला कर दिया है करोड़ों की संख्या में टिड्डियों का यह दल विजयपुर से होते हुए पोहरी बेल्ट के कई गांव में तबाही मचाता हुआ।

शिवपुरी के जमुनिया के जंगल में प्रवेश कर गया है। यहां से यह दल सतनवाड़ा मडीं खेेड़ा नरवर की दिशा में बढ़ गया अब बताया गया हैं कि यह टिड्डी दल  खनियांधाना के ऊमरीकला बताया गया हैं। यह शिवपुरी के इतिहास में पहला अवसर है जब टिड्डी दल ने इतनी बड़ी तादाद में यहां हमला बोला है। टिड्डी दल के आगमन की सूचना से कृषि विभाग में जहां हड़कंप पूर्ण स्थिति निर्मित हो गई वहीं किसानों में भी दहशत का माहौल बन गया है।

जानकारी के अनुसार यह टिड्डी दल पोहरी विकासखंड के ग्राम मडरखा में करोड़ों की तादाद में लगभग 2 से 3 किलोमीटर के रेडियस में फैला और यहां खेतों में कद्दू आदि की फ सल को चौपट कर पेड़ों के पत्ते भी साफ  कर गया। यहां से होता हुआ यह टिड्डी दल ग्राम दुल्हारा में जा पहुंचा ग्रामीणों में भगदड़ मच गई। लोग इस टिड्डी दल की आपदा से कांप उठे जो लोग खेतों पर थे। उन्हें भागकर अपनी जान बचाते देखा गया।

यह टिड्डी दल ग्राम दुलारा में खेतों और पेड़ों के पत्तों को चौपाट करने के बाद ग्राम बेरजा शाम 5:00 बजे जा पहुंचा। टिड्डी दल के आगमन की सूचना से जिला कंट्रोल रूम को अवगत करा दिया गया और इस दल का पीछा कृषि विभाग के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एडीओ आदि मोटरसाइकिल व अपने अन्य निजी वाहनों से करते दिखाई दिए।

यहां बता दें कि पिछले 4 दिन से टिड्डी दल के संभावित आगमन की सूचना राज्य स्तर से जारी की जा रही है। इसके बावजूद भी कृषि विभाग के जिम्मेदार मैदानी अमले पर किसी वाहन का ना होना अपने आप में प्रशासन की बड़ी लापरवाही का द्योतक कहा जा रहा है।

ग्राम बेरजा, जमुनिया, नरवर के बाद अब खनियांधाना के ऊमरीकला में बताया गया हैं जंगल में मूवमेंट करता दिखाई दिया। कृषि उप संचालक श्री तोमर ने इस टिड्डी दल के जमुनिया जंगल में रात्रि विश्राम की संभावना जताते हुए इसी रात को बड़ा ऑपरेशन चलाए जाने की बात कही है।

यहां बता दें कि यह टिड्डी दल ने पाकिस्तान के आसपास रेगिस्तानी इलाके से उड़ान भरी है और राजस्थान होता हुआ यह विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचता जा रहा है। एक दल दतिया होता हुआ झांसी से जालौन तक पहुंच गया है जबकि इसी में से एक बड़ा दल शिवपुरी में आ पहुंचा है। 
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