पूर्व विधायक का पुत्र मोह बना मीडिया की सुर्खिया: पहले विधायक महोदय MLA शब्द का अर्थ समझे

Bhopal Samachar
एक्सरे @ललित मुदगल | शिवपुरी। बीते रोज पोहरी के पूर्व विधायक सुरेश राठखेडा का पुत्र मोह मीडिया का सुर्खिया बन गया। SDOP ओर पूर्व विधायक सुरेश राठखेडा की बीच हुई बहस का आडियो वायरल हुआ। यह आडियो सबसे पहले शिवपुरी समाचार ने वायरल कराया था।

यह था मामला कम शब्दों में लिखने का प्रयास करते हैं

शुक्रवार को लॉक डाउन के दौरान मनीष धाकड़ व एक अन्य युवक को पोहरी एसडीओपी राकेश व्यास ने पोहरी चौराहे से पकड़ा था। दोनों को बाइक सहित थाने में बिठा लिया। थाने से पकड़े गए मनीष ने पूर्व विधायक सुरेश धाकड़ के बेटे जितेंद धाकड़ को फोन लगा दिया। इसके बाद फोन करने पर भी जब पुलिस ने दोनों को नहीं छोड़ा तो विधायक पुत्र थाने पहुंच गया, और एसडीओपी से विवाद करने लगा।

बाइक का रजिस्ट्रेशन व बीमा नहीं था। इसलिए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई कर चालान न्यायालय में पेश करना था। बताया जा रहा है कि शाम 5 बजे दोनों लड़कों को पुलिस छोड़ रही थी लेकिन विधायक पुत्र के थाने पहुंचने के बाद मामला उलझ गया।

पुत्र ने घर आकर याद दिलाई अपने पिता को सत्ता की ताकत

विधायक पुत्र ने पूर्व विधायक को पूरी बात बताई सच्चाई कितनी बताई भगवान जाने, चांटा मारने और बंद करने की और पुलिस द्वारा बंद कर देने की धमकी जैसी बाते बताई। सत्ता की पावर याद दिलाई गई एक छोटी सी बात को ईगो इशू  बनाया गया।

इसके बाद पूर्व विधायक ने एसडीओपी पोहरी को फोन लगाया

जैसा कि वायरल आडियो में आप सभी ने सुना हैं। बातचीत का एक तरीका है उसे भी आप सभी ने सुना हैं। अब यह आडियो वायरल हो गया। पब्लिक एसडीओपी के धैर्य को प्रणाम कर रही हैं और पूर्व विधायक की अभद्रता पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करा रही हैं और ऐसी अभद्रता नही करनी चाहिए और कह रही हैं कि पुत्र मोह में एक चुने हुए प्रतिनिधि की ऐसी भाषा नही होनी चाहिए। यह आडियो सोशल पर वायरल हुआ है। जाने कहां कहां तक पहुंचा है। अधिकांश मिडिया ने लिखा हैं कि सिंधिया समर्थित पूर्व विधायक इससे ज्योतिरादित्य सिंधिया की छबि पर भी असर पडता हैं।

विधायक को MLA  कहा जाता हैं,लेकिन नाम के विपरित काम

MLA का Full Form होता है, "Member of the Legislative Assembly" जिसका हिंदी में अर्थ होता है, "विधान सभा के सदस्य" अर्थात "विधायक"| इसमें Legislative शब्द होता हैं विधायी, व्यवस्थापक, नियामक, विधिकारी, Legislative शब्द कानून की किताबो में भी मिलता हैं, इसका एक अर्थ यह भी होता हैं कानून बनाने में सहयोग करने वाला।

शायद हमारे विधायक साहब इस शब्द का अर्थ नही पता होगा, अगर होता तो वह पुत्र मोह में लॉकडाउन में ऐसी हरकत नही करते। MLA साहब देश के प्रधानमंत्री के द्धवारा घोषित लॉकडाउन का अक्षर सह पालन करते और लोगो को भी करवाते। जब कानून बनाने वाले ही उसका उल्घनन करेंगें तो समाज में क्या संदेश जाऐगा।

विधायक साहब को सबसे पहले कानून का पालन अपने घर से शुरू करवाना था बिना रजिष्टेशन की गाडी को थाने से छुडवाने का क्या तात्पर्य था,ऐसे मामले में कानून हैं कि इसमें क्या दंड मिलता हैं,वह निर्धारित हैं।  लॉकडाउन पब्लिक की सुरक्षा के लिए लगाया गया हैं ना कि पुलिस की सुरक्षा के लिए। कोरोना से लडने के लिए एक आम आदमी सडक पर आ कर मदद कर रहा हैं। लोग घरो में बंद हैं,अगर कोरोना फैल गया तो क्या होगा। कुछ ऐसी ही बाते अब पब्लिक कर रही हैं।

इस इस मामले में अपने राम का तो यही कहना हैं कि विधायक साहब का पुत्र मोह अब उन पर भारी पड सकता हैं हो सकता हैं सरकारी काम में बाधा डालने और एक पुलिस अधिकारी को हडकाने और अभद्रता करने का उन पर मामला दर्ज हो सकता हैं। पब्लिक में एक मजाक का विषय बना वह अलग। विरोधी अब मजे ले रहे हैं वह अलग। आगे चलकर चुनाव हैं कुछ ऐसा एक और बार हो गया तो टिकिट पर तलवार लटक जाए वह अलग। 
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