कलेक्टर को प्रशासक बने 15 दिन गुजर गए, अभी तक नहीं ली नपा की समीक्षा बैठक | Shivpuri News

Bhopal Samachar
  शिवपुरी। अपने अजीवो गरीब कार्यक्रमों के लिए अपनी पहचान बनाने वाली नगर पालिका शिवपुरी से बेशक लोकतांत्रिक प्रक्रिया समाप्त होकर नगर पालिका शिवपुरी जिलाधीश के आधीन कर दी गई हो, लेकिन अधिकारी व कर्मचारियों की कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं दिखाई दे रहा हैं।

जिलाधीश को अपने ही कार्यालय से फुर्सत नहीं मिलती। इसकी बजह से वे नगर पालिका की ओर ध्यान नहीं दे पा रहीं। जिसकी बजह से नगर पालिका के कर्मचारी व अधिकारी बेखौफ होकर कार्यालय से गायब रहते हैं।

यदि कभी कभार नगर पालिका में आने वाले नागरिकों को कर्मचारी मिल भी जाते हैं तो उनका कहना होता हैं कि प्रशासक के द्वारा फाईलों पर हस्ताक्षर नहीं होने की बजह से कार्यों में देरी हो रही हैं। जिसकी बजह से नागरिकों को छोटे-छोटे कामों के लिए भटकना पड़ रहा हैं।

नपा को समय नहीं दे पा रही जिलाधीश

अध्यक्ष नगर पालिका का कार्यकाल समाप्त होने के उपरांत जिलाधीश के आधीन नगर पालिका आने के बाद से नगर पालिका कार्यालय में अपना समय नहीं दे पायी। जिसकी बजह से नगर पालिका एक तरह से अनाथ सी हो गई हैं। नपा के अधीन कराए जाने वाले विकास कार्य भी अधर में लटके हुए हैं।  

स्थानीय विधायक यशोधरा राजे सिंधिया द्वारा जिलाधीश कार्यालय परिसर में  संपन्न हुई समीक्षा में बैठक शहर के विकास कार्यो को लेकर अपनी नाराजगी जताई। जिसमें शहर की महत्वकांक्षी सिंध जलावर्धन योजना, सीवेज प्रोजेंक्ट, प्रधानमंत्री आवास जैसी योजनायें पूर्व में समय सीमा दिए जाने के उपरांत भी आज तक पूर्ण नहीं हो सकी हैं।

जिनके लिए समीक्षा बैठक में अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए एक बार फिर समय सीमा निर्धारित की गई हैं। अब देखना यह होगा कि समय सीमा में अधिकारी कार्य पूर्ण कराते हैं या नहीं?

कई माहों से कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन

नगर पालिका शिवपुरी में भले प्रशासक बैठ गया हो लेकिन नपा की व्यवस्थायें सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। इसी कड़ी में नपा में दैनिक वेतन भोगी के रूप में कार्य कर रहे कर्मचारियों को विगत तीन माहों से भुगतान नहीं किया गया हैं।

जबकि अन्य कर्मचारियों की अपेक्षा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को बहुत ही कम वेतन मिलता हैं। जिसकी बजह से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया हैं तथा वे भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं।

वर्कऑर्डर होने के बाद ठेकेदारों द्वारा नहीं किए जा रहे कार्य

नगर पालिका शिवपुरी में पूर्व परिषद स्वीकृत कार्यो के टेंडर से लेकर वर्कऑर्डर तक ठेकेदारों को दे दिए गए थे, लेकिन ठेकेदारों द्वारा नपा के हीलाहवाली कार्य प्रणाली के कारण वे विकास कार्यों को पूर्ण करने में कोई रू चि नहीं ले रहे। जबकि ठेकेदारों कहना हैं कि हमारे द्वारा पूर्व में नपा के किए गए कार्यो का भुगतान नहीं किया गया हैं। जिसकी बजह से हमें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा हैं। जिसकी बजह से हम नए कार्य नहीं शुरू कर पा रहे हैं।

नपा ने दुकानदारों को बसूली हेतु थमाए नोटिस

नपा द्वारा अपनी दुकानों को नीलाम बोली लगाने के बाद तो दुकान अपने नाम करा ली, लेकिन मूल राशि की 10 प्रतिशत राशि तो तत्काल नपा में जमा कर दी गई थी। इसके बाद नपा ने दुकानदारेां को दुकान पजेश दे दिया गया तब से लेकर आज तक दुकान संचालकों द्वारा बकाया राशि जमा नहीं कराई गई।

ऐसे लगभग 40-60 दुकानदारों को नपा के वरिष्ठ अधिकारियों तीन दिन में अपनी राशि जमा कराने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। यदि  धनराशि जमा नहीं कराई गई तो उनकी दुकानों ताले डाल दिए जायेंगे। उक्त बात की जानकारी सीएमओ के.के पटेरिया द्वारा दी गई हैं।   
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