चाणक्य ने चली मीनाक्षी नटराजन की चाल, सिंधिया पीसीसी चीफ की दौड से बहार, भेजे जाऐंगें राज्य सभा | Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में सत्ता और संगठन के तालमेल के लिए जिस 7 सदस्यीय समिति का गठन किया है, उसके किसी सदस्य को ही पीसीसी चीफ की जिम्मेदारी दी जाएगी। ऐसा कांग्रेस सूत्रों का कथन है। 

समिति में लंबे समय से प्रदेश की राजनीति से दूर चल रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी शामिल किया गया है। लेकिन बताया जाता है कि सिंधिया को पीसीसी चीफ के स्थान पर राज्यसभा में भेजा जाएगा और उनका राज्यसभा में जाना तय माना जा रहा है।

ऐसे में पीसीसी चीफ के लिए एकाएक मीनाक्षी नटराजन का नाम सामने आया है। मंदसौर की पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन गांधी परिवार की नजदीकी मानी जाती हैं। बचन पत्र और घोषणा पत्र की मोनिटरिंग के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने समन्वय समिति का गठन किया है। पंचायत और निकाय चुनाव से पहले बनाई गई इस समिति की चुनाव में भी अहम भूमिका होगी।

वहीं इस तरह के संकेत मिल रहे हैं कि समिति के किसी सदस्य को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी जा सकती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अब तक ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम प्रबल दाबेदारों में गिना जा रहा था। लेकिन राज्यसभा के लिए भी उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। सूत्रों की माने तो उनका राज्यसभा में जाना तय है। जहां तक पीसीसी चीफ का सवाल है तो इस समय सबसे आगे मीनाक्षी नटराजन का नाम चल रहा है।

प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में जीतू पटवारी का नाम भी है। लेकिन वह फिलहाल कैबिनेट में हैं। जो समीकरण बन रहे हैं, उसमें मीनाक्षी नटराजन का नाम प्रबल दावेदार के रूप में उभरा है। वह राहुल गांधी की विश्वस्त मानी जाती हैं। समिति में अरूण यादव का नाम भी है, जो पहले प्रदेश की कमान संभाल चुके हैं।

इस मामले में राजनीतिक पंडितो का कहना हैं कि अगर ग्वालियर के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौपी जाती तो सत्ता में दखलनदाजी बडने के आसार थे। और कांग्रेस के चाणक्य नेता दिग्गी राजा यह कतई नही चाहते थे। इस कारण पीसीसी चीफ के लिए कांग्रेस नेता मीनाझी नटराजन का नाम चर्चा में आया है। एक चाल से दो गेम खेले गए हैं।

एक तो मीनाझी नटराजन गांधी परिवार के नजदीक हैं,जिससे कांग्रेस सुप्रीमो इस नाम पर आसानी से सहमत हो जाऐंगी। कुल मिलाकर चाणक्य की चाल काम कर सकती हैं,और दिग्गी राजा गुट का अभी एक ही टॉस्क हैं कि कैसे भी पीसीसी की कुर्सी से महाराजा को दूर रखना,आगे क्या होता हैं इसका जबाब तो समय ही देगा पर फिलहाल के समीकरणो में दिग्गी ने राजनीति की चालो में मीनाझी नटराजन नाम की चाल चलकर सिंधिया को मात दे ही दी।  

फोरलेन वायपास का काम शुरू, 6 महीने तक भुगतनी होगी परेशानी

शिवपुरी।  खस्ता हाल फोरलने वायपास रोड़ का काम अंतत: शुरू हो गया है। 36 करोड़ की लागत से फोरलेन वायपास बनाया जा रहा है। वायपास निर्माण का काम शुरू होने से यहां से हेवीट्रेफिक को बंद कर दिया जाएगा और शहर के मध्य से गुजरने वाले वायपास से ट्रेफिक गुजारा जाएगा। जिससे जनता की परेशानियां बढ़ सकती हैं। एनएचएआई सूत्रों के अनुसार वायपास निर्माण का कार्य लगभग 6 माह में पूर्ण होगा।

गुना-ग्वालियर फोरलेन बन जाने के बाद भी शिवपुरी में फोरलेन वायपास का निर्माण ठीक ढंग से नहीं हुआ था। इसकी गुणवत्ता काफी कमजोर थी। जिसके कारण पहली बरसात में ही सडक़ बदहाल हो गई थी और उसमें कई स्थानों पर बड़े-बड़े गड्डे हो गए थे। रेलवे ब्रिज की हालत भी खराब हो गई थी। जिसके फलस्वरूप हैवीट्रेफिक को इस वायपास से अनिवार्य रूप से नहीं गुजारा जा रहा था।

लेकिन अब फोरलेन वायपास का निर्माण शुरू हो गया है और शहर के नागरिकों को आशा बंधी है कि 6 माह की परेशानी के बाद हैवीट्रेफिक इस वायपास से गुजरेगा और वे राहत की सांस लेंगे। 
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