शिवपुरी। शहर में प्रशासन की नाक के नीचे बड़े पैमाने पर काटी गई अवैध कालोनियों के मामले में प्रशासन ने महज आधा सैकड़ा भू माफियाओं की सूची जारी कर रस्म अदायगी की है। जबकि शहर के विभिन्न क्षेत्रों में काटी जा रही अवैध कालोनियों पर नजर डाली जाए तो इनकी संख्या कई सैकड़ों में दिखाई दे रही है। शहर के भीतर और आउट एरिया वाले क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर अवैध रूप से कॉलोनी काटने का खेल भू माफियाओं द्वारा खेला जा रहा है।
जिनमें किसी भी तरह के कोई नियम का पालन न करते हुए शासकीय गुल्लक को लाखों और करोड़ों रुपए का चूना माफिया द्वारा लगाया जा रहा है। शहर के अधिकांश क्षेत्रों में खेती की जमीन पर भी भू माफियाओं द्वारा एक बड़े ही सुनियोजित ढंग से कालोनियां काटी जा रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण गौशाला क्षेत्र में आसानी के साथ देखा जा सकता है।
यहां पर भोले भाले लोगों को यह कहकर गुमराह किया जा रहा है कि उनके द्वारा उक्त भूमि पर सभी नियमों का पालनकर कालोनी काटी जा रही है साथ ही उन्हें नियमानुसार सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी। यह झूठे झांसे देकर भूमाफिया भोले-भाले लोगों से मोटी रकम ऐंठ रहे हैं। जबकि सच्चाई इससे पूर्णत विपरीत है जिसके अनेक उदहारण यहां दिखाई दे रहे हैं।
यहां पर एक पूरा का पूरा रैकेट सक्रिय है जिसके द्वारा यहां न ही तो किसी नियम का पालन किया गया है और न ही यहां रोड सहित आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। बावजूद इसके यहां पर भी बड़े पैमाने पर कॉलोनी काटे जाने का खेल पिछले लंबे समय से खेला जा रहा है।
बताया जाता है कि इस क्षेत्र में काटी जा रही अवैध कालोनियों की शिकायत जल्द ही प्रशासन के आला अधिकारियों से उन लोगों द्वारा की जाएगी जिन्हें भू माफियाओं ने झूठे झांसे देकर यह प्लॉट बेचे हैं। देखना यहाँ यह है कि प्रशासन यहां पर किस हद तक कार्यवाही का चाबुक चला पाता है या फिर मुंह में दही जमाए हाथ पे हाथ बैठा रहेगा।
पटबारी की मिलीभगत से हो रहा है लाखों के खेल
अभी हाल ही में प्रशासन के द्वारा अवैध कॉलोनाइजरों की एक सूची जारी की गई थी। इस सूची में गौशाला और इस क्षेत्र में काटी जा रही अवैध कालोनियों का उल्लेख नहीं किया गया है और ना ही जिन लोगों द्वारा यहां अवैध कॉलोनियां बसाई जा रही है उनके नाम सामने लाए गए हैं।
इस पूरे मामले में सूत्रों के हवाले से जो जानकारी सामने आ रही है उनके अनुशार संबंधित पटवारी ने अपने आला अधिकारियों को गौशाला क्षेत्र में काटी जा रही अवैध कॉलोनी की जानकारी नहीं दी है। जिसके चलते क्षेत्र में सक्रिय भूमाफिया को चिन्हित नहीं किया गया है।
बताया तो यह भी जा रहा है कि संबंधित पटवारी ने इन अवैध कॉलोनी की जानकारी छुपाने के लिए कई पेटी का गेम किया है जिसके चलते उसके द्वारा अवैध कॉलोनी का उल्लेख अभी तक अपने अधिकारियों के सामने नहीं किया है।
जिनमें किसी भी तरह के कोई नियम का पालन न करते हुए शासकीय गुल्लक को लाखों और करोड़ों रुपए का चूना माफिया द्वारा लगाया जा रहा है। शहर के अधिकांश क्षेत्रों में खेती की जमीन पर भी भू माफियाओं द्वारा एक बड़े ही सुनियोजित ढंग से कालोनियां काटी जा रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण गौशाला क्षेत्र में आसानी के साथ देखा जा सकता है।
यहां पर भोले भाले लोगों को यह कहकर गुमराह किया जा रहा है कि उनके द्वारा उक्त भूमि पर सभी नियमों का पालनकर कालोनी काटी जा रही है साथ ही उन्हें नियमानुसार सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी। यह झूठे झांसे देकर भूमाफिया भोले-भाले लोगों से मोटी रकम ऐंठ रहे हैं। जबकि सच्चाई इससे पूर्णत विपरीत है जिसके अनेक उदहारण यहां दिखाई दे रहे हैं।
यहां पर एक पूरा का पूरा रैकेट सक्रिय है जिसके द्वारा यहां न ही तो किसी नियम का पालन किया गया है और न ही यहां रोड सहित आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। बावजूद इसके यहां पर भी बड़े पैमाने पर कॉलोनी काटे जाने का खेल पिछले लंबे समय से खेला जा रहा है।
बताया जाता है कि इस क्षेत्र में काटी जा रही अवैध कालोनियों की शिकायत जल्द ही प्रशासन के आला अधिकारियों से उन लोगों द्वारा की जाएगी जिन्हें भू माफियाओं ने झूठे झांसे देकर यह प्लॉट बेचे हैं। देखना यहाँ यह है कि प्रशासन यहां पर किस हद तक कार्यवाही का चाबुक चला पाता है या फिर मुंह में दही जमाए हाथ पे हाथ बैठा रहेगा।
पटबारी की मिलीभगत से हो रहा है लाखों के खेल
अभी हाल ही में प्रशासन के द्वारा अवैध कॉलोनाइजरों की एक सूची जारी की गई थी। इस सूची में गौशाला और इस क्षेत्र में काटी जा रही अवैध कालोनियों का उल्लेख नहीं किया गया है और ना ही जिन लोगों द्वारा यहां अवैध कॉलोनियां बसाई जा रही है उनके नाम सामने लाए गए हैं।
इस पूरे मामले में सूत्रों के हवाले से जो जानकारी सामने आ रही है उनके अनुशार संबंधित पटवारी ने अपने आला अधिकारियों को गौशाला क्षेत्र में काटी जा रही अवैध कॉलोनी की जानकारी नहीं दी है। जिसके चलते क्षेत्र में सक्रिय भूमाफिया को चिन्हित नहीं किया गया है।
बताया तो यह भी जा रहा है कि संबंधित पटवारी ने इन अवैध कॉलोनी की जानकारी छुपाने के लिए कई पेटी का गेम किया है जिसके चलते उसके द्वारा अवैध कॉलोनी का उल्लेख अभी तक अपने अधिकारियों के सामने नहीं किया है।