उपभोक्ता फोरम ने ₹275000 का बिजली बिल निरस्त किया | Shivpuri news

Bhopal Samachar

शिवपुरी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बिजली उपभोक्ता को राहत देते हुए बिजली विभाग द्वारा दिया गया 2 लाख 75 हजार 337 रूपए बिल निरस्त करने का आदेश सुनाया है। यह आदेश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण के अध्यक्ष गौरीशंकर दुबे एवं सदस्य राजीव कृष्ण शर्मा ने दिया है। पूर्व में भी न्यायालय ने उक्त उपभोक्ता को राहत दी थी।

लेकिन इसके बाद भी बिजली विभाग ने उसके बिल को संशोधित न करते हुए बढ़ी हुई राशि का बिल थमा दिया था। जिसे लेकर उपभोक्ता ने पुन: न्यायालय की शरण ली थी। मामले में आवेदक की ओर से पैरवी एड. संजीव विलगैयां एवं एड. देवेंद्र ओझा द्वारा की गई।

आवेदक आशारामा पुत्र स्व. गोकुल प्रसाद गोस्वामी निवासी शिवपुरी ने अपने अभिभाषक के माध्यम से एक शिकायत जिला उपभोक्ता फोरम में प्रस्तुत की थी। आवेदक ने शिकायती पत्र में पूर्व में निराकृत हुए प्रकरण क्रमांक 84/2002 का उल्लेख किया। जिसमें न्यायालय ने 6 जनवरी 2004 को आवेदक के हित में निर्णय पारित कर विवादित बिल निरस्त किया था।

लेकिन अनावेदक विद्युत मंडल ने आवेदक के हित में पारित उक्त आदेश का पालन न करते हुए उसे 2 लाख 75 हजार 337 रूपए का बिल दे दिया। निरस्त करने हेतु आवेदक द्वारा यह शिकायत प्रस्तुत की गई। जिला उपभोक्ता फोरम ने प्रकरण में दोनों पक्षों को सुना और साक्ष्यों का अवलोकन कर निर्णय पारित किया कि पूर्व में दिए गए आदेश दिनांक 6 जनवरी 2014 में शिकायतकर्ता के व्यवसायिक विद्युत कनेक्शन दिनांक से अगस्त 2002 तक विस्तृत अधिभार रहित बिल तैयार कर आवेदक को दे तथा क्षतिपूर्ति की राशि अनावेदक विद्युत मंडल के सहायक यंत्री और कनिष्ठ यंत्री सतीश चर्तुवेदी वहन करें और एक माह की अवधि के अंदर इस आदेश का पालन किया जाए।

लेकिन बिजली विभाग ने न्यायालय के उस आदेश का पालन न करते हुए बिल को आगे बढ़ाकर 2 लाख 75 हजार 337 रूपए कर दिया तथा बाद में बिल राशि को कम करते हुए 2 लाख 41 हजार 555 रूपए बताया।

इस कारण अनावेदक विद्युत मंडल द्वारा आवेदक को दिया गया बिल दिनांक 28 फरवरी 2019, 2 लाख 75 हजार 337 रूपए तथा उसके बाद के समस्त बिल निरस्त करने का आदेश न्यायालय ने पारित किया। इस दौरान न्यायालय ने आवेदक को हुई मानसिक परेशानी के लिए 1 हजार रूपए तथा प्रकरण व्यय 1500 कुल 2500 रूपए एक माह के अंदर अदा करने का भी निर्णय दिया। इस अवधि के बाद 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से ब्याज भी विद्युत मंडल द्वारा आवेदक को अदा किया जाएगा। 
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