अब महिलाओ के सम्मान,सुरक्षा, अधिकार और न्याय का पर्याय बन रहा हैं वन स्टॉप सेंटर (सखी): कंचन गौड | Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। कहा जाता हैं कि सशक्त नारी सशक्त परिवार सशक्त समाज-सशक्त राष्ट्र। अगर नारी सशक्त होगी तो यह राष्ट्र भी सशक्त होगा। हमे अपने राष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए अपने देश की हर नारी को सशक्त बनना होगा।

लेकिन दुरूभाग्य,जब समाज में शिक्षा का अभाव था,जब भी नारी प्रताडित थी,उसे अपने अधिकार और सम्मान नही मिलता था जब आज समाज शिक्षित और नारी भी शिक्षित थी और नारी सशक्तिकरण और पुरूषो के बराबर हक के नारे के समय में भी महिलाओं के प्रति अपराध कम नही हुए बल्कि तेजी से बढ रहे है,लेकिन हमे खुशी हैं कि महिलाओ के सुरक्षा,न्याय और सम्मान का अधिकार महिलओ को दिलाने कार्य वन स्टॉप सेंटर (सखी) के माध्यम से आसान हुआ हैं।

वन स्टाप सेंटर (सखी) में महिलाओ के सम्मान सुरक्षा ओर अधिकार ओर न्याय को लेकर वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक श्रीमति कंचन गौड से हमारी संवाददाता खूश्बू शिवहरे ने बातचीत की। इसमें वन स्टॉप में महिलाओ को मिलने वाली सुविधाओ के बारे में जाना गया।

वन स्टॉप सेंटर (सखी) अंतर्गत सभी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को एक ही स्थान पर अस्थायी आश्रय, पुलिस-डेस्क, विधि सहायता, चिकित्सा एवं काउन्सलिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। जिससे उन्है उचित हक व न्याय मिल सके व उनमें आत्मबल प्राप्त हो,जिससे एक शसक्त समाज का निर्माण हो।

यहां पर महिलाओ के साथ जो भी घटनाक्रम होता हैं उसकी हम डीआईआर करते हैं। महिला अपनी शिकायत में पुलिस से नही बता सकती। उसे हम पूर्ण आश्वस्त कर उसकी बात सुनते हैं।  पीडित महिला,महिला हैल्पलाईन,पुलिस अधिकारी,कोई भी लोकसेवक,पंजीकृत संगठन की सहायता से भी यहां आ सकती हैं एंव स्वयं भी आ सकती हैं,उसके लिए इस वन स्टाप सेंटर के द्धार 24 घंटे खुले हैं।

वन स्टॉप सेंटर से महिलाओ को पुलिस,चिकित्सा और अपने हक की लडाई लडने के लिए विधिक सहायता भी उपलब्ध कराते हैं। सरल भाषा मेे कहे तो एक ही छत के नीचे पूरी सुविधा प्राप्त होती हैं। यहां पर आई कई महिला जिन्है पतियो ने छोड दिया यहा तालाक के केस चल रहे हैं उन्है हमारी विधिक सहायता के बल पर भरण पोषण मिलने लगा हैं।

पीडित महिला को मायका और ससुराल दोनेा से उसका तालमेल नही बैठ रहा वह अपने मायके और ससुराल नही जाना चाहती हैं तो उसे यहां अस्थाई आश्रय भी दिया जाता हैं। हमारे वन स्टॉप सेंटर पर आश्रय लेने वाली महिला को आश्रय कक्ष,भोजन व्यवस्था हैतु किचिन,वस्त्र एंव अन्य सामग्री भी उपलब्ध हैं।

वन स्टॉप सेंटर में महिलाए भयभीत होकर आती हैं,लेकिन हमारे काउंसलिंग से उन्है आत्मबल ओर आत्म सम्मान की भावना जाग्रत होती हैं। जिससे वह भय भुक्त होकर अपने हक की बात करती हैं। कुल मिलाकर महिलओ के सम्मान,सुरक्षा,अधिकार और न्याय का पर्याय वन चुका हैं वन स्टॉप सेंटर(सखी)।  

वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक श्रीमति कंचन गौड का कहना हैं कि यहां पर महिलाओ को हक तो दिलाया जाता हैं। साथ ही महिला की समस्या का निराकरण कर केश की हिस्ट्री तैयार कर उसके पुर्नवास की कार्यवाही की जाती हैं। अब महिलाओ के सम्मान,सुरक्षा,अधिकार और न्याय का पर्याय बन रहा हैं वन स्टॉप सेंटर(सखी)। 
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