पूरनखेडी टोल घोटाला के व्हिसल ब्लोअर को पीटा | Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। हमेशा विवादों में रहने वाला पूरनखेड़ी टोल टैक्स एक बार फिर बड़े विवाद में फंस गया है और इस बार टोल मैनेजर महेंद्र तोमर ने टोल के अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर टोल पर हो रही चोरी को उजागर करने वाले कर्मचारी विनोद पाल के साथ मारपीट की और उसे टोल से भगा दिया है। जिसकी शिकायत पीडि़त टोल कर्मचारी विनोद पाल ने थाने में शिकायती आवेदन देकर की है और इस मामले को लेकर उसने एसपी से शिकायत करने की भी बात कही है।

पीडि़त टोल कर्मचारी विनोद पाल ने मोबाइल पर चर्चा के दौरान बताया कि पूरनखेड़ी टोल प्लाजा पर ओवरलोड वाहनों को मोटी रकम लेकर चोरी छिपे निकाला जाता है जिसकी जानकारी दिल्ली में मौजूद कंपनी के एमडी विनोद मलिक को लगी तो उन्होंने 23 सितम्बर को मुझसे फोन कर पूरी जानकारी मांगी, लेकिन मैने सिर्फ उन्हें यह बताया कि चोरी से गाडिय़ां तो निकल रही हैं, लेकिन यह जानकारी नहीं है कि इन गाडिय़ों को कौन निकाल रहा है।

इसकी जानकारी जब टोल मैनेजर महेंद्र तोमर, शिफ्ट इंचार्ज संजू गोस्वामी, श्यामसुंदर और दीपक उपाध्याय को लगी तो उन्हें ऐसा लगा कि मैंने उनके नाम बता दिए हैं और इसी बात को लेकर 23  तारीख की रात मेरी डयूटी खत्म होने के बाद टोल  मैनेजर महेंद्र तोमर ने लोकेंद्र, संजू गोस्वामी, नीरज गोस्वामी और अमन गोस्वामी के  साथ शराब के नशे में उसे रास्ते में पकड़ लिया और उसकी मारपीट कर दी।

साथ ही उससे कहा कि तेरी नौकरी आज से खत्म और कल से अब तू टोल पर दिख मत जाना। पांचों लोगों ने उसकी लात घूसों से मारपीट की जिससे वह चोटिल हो गया। इसकी शिकायत उसने कोलारस थाने में की, लेकिन अभी  तक उन लोगों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसलिए वह एसपी से मिलकर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर कराने के लिए एसपी राजेश सिंह चंदेल से शिकायत करेगा।

चोरी की शिकायत को बाद कंपनी ने शिफ्ट इंचार्जों को हटाया

पीडि़त विनोद पाल ने बताया कि ओवरलोड वाहनों को चोरी से निकालने की जानकारी जब कंपनी के एमडी विनोद मलिक को लगी तो उन्होंने शिफ्ट इंचार्ज, संजू गोस्वामी, श्यामसुंदर और दीपक उपाध्याय को डयूटी से हटा दिया जिससे वह उससे ईष्र्या रखने लगे और तीनों मिलकर टोल मैनेजर महेंद्र तोमर के पास पहुंचे जहां घटना से पहले चारों ने शराब पी और फिर उसके साथ मारपीट कर दी।

अवैध वसूली की रकम चार हिस्सों में बंटती थी

विनोद के अनुसार ओवरलोड वाहनों को पास कर वाहन चालकों से मोटी रकम वसूल की जाती थी और उस रकम को शिफ्ट इंचार्ज संजू गोस्वामी अपने पास एकत्रित करता था इसके बाद वह उक्त रकम को लेकर टोल मैनेजर महेंद्र तोमर के पास जाता था जहां महेंद्र तोमर उक्त राशि को चार हिस्सों में बांटता था जिसमें  एक हिस्सा वह स्वयं रखता था दूसरा हिस्सा संजू गोस्वामी को तीसरा हिस्सा श्यामसुंदर को और चौथा हिस्सा दीपक उपाध्याय को मिलता था।

इनका कहना है-

ओवरलोड वाहनों को चोरी से  निकालने की जानकारी उन्हें मिली थी और मेरे द्वारा शिफ्ट इंचार्ज संजू गोस्वामी, श्यामसुंदर और दीपक उपाध्याय को हटाया गया था, क्योंकि जांच के  दौरान उनका पद पर रहना जांच को प्रभावित कर सकता था, लेकिन जिन लोगों ने विनोद पाल की मारपीट की है उन लोगों के खिलाफ थाने में शिकायती आवेदन दिया गया है जिसकी जांच भी पुलिस ने शुरू कर दी है और जल्द ही हम उन दोषियों पर भी कार्यवाही करेेंगे।
विनोद मलिक, मैनेजिंग डायरेक्टर टोल कंपनी

इनका कहना है-

विनोद पाल स्वयं ही वाहनों को रूपए लेकर निकालते हुए टोल मैनेजर महेंद्र तोमर ने पकड़ा था और उसको लेकर कार्यवाही की गई थी। विनोद के पिता भी भैंस चोरी के मामले में जेल जा चुके हैं और इनका परिवार ही चोरी में लिप्त रहता है। विनोद द्वारा जो आरोप लगाए गए थे वह सभी जांच में झूठे पाए गए हैं और अब वह हमें फंसाने के लिए झूठे झूठे प्रपंच रच रहा है।
संजू गोस्वामी, शिफ्ट इंचार्ज पूरनखेड़ी टोल प्लाजा 
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