कोलारस। जिले के कोलारस केंद्र सरकार जहां शौंचालय बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में भारी भरकम बजट भेज रही है, और लोगों को प्रेरित भी किया जा रहा है। परंतु कोलारस जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में शौचालय बनाने के नाम पर फर्जीवाड़ा मनमानी की गई है। कई ग्राम पंचायतो में कागजों में ही शौचालय बनाकर रुपए डकार लिए गए हैं।
अधिकांश ग्राम पंचायतों में रहने वाले ग्रामीण शौचालय बनवाए जाने के लिए आला अधिकारियों के पास आवेदन लेकर आते हैं। परंतु आला अधिकारियों द्वारा भी ध्यान नहीं दिया जाता है। मर्यादा अभियान अनेक वर्षों से चल रहा है। इस अभियान के तहत शौचालय बनवाए जा रहे हैं ग्राम पंचायतों में शौचालय बनाए जाने के रुपए पंचायतो के खाते में आते थे तब सरपंच सचिवों ने हितग्राहियों के यहां कागजों में शौचालय बनवाकर रुपए खुद निकाल लिए जिसके चलते उनको आज भी शौचालय से वंचित होना पड़ा है।
ग्रामीण जनों ने शिकायती आवेदन देकर बताया कि हमने मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई से लेकर कोलारस जनपद पंचायत में पदस्थ रहे पूर्व सीईओ को भी आवेदन कर चुके हैं। साथ ही जिला पंचायत एवं मर्यादा अभियान के अधिकारी तक को आवेदन दे चुके हैं। परंतु कार्यवाही अभी तक किसी ने भी नहीं की इसके चलते हम को शौचालय से वंचित होना पड़ रहा है। कोलारस जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत राजगढ़, सेसई सडक़, टीला, डेहरवारा, लुकवासा, रिजोदा, वेरसिया, चिलावद, साखनोर, झाडेल, वसाई मैं जाकर यदि आला अधिकारी एक एक घर की जांच करवाएं तो मर्यादा अभियान के तहत बनाए गए शौचालयों में भारी पैमाने पर फर्जीवाड़ा भ्रष्टाचार निकलकर सबके सामने आ सकता है।
फर्जीवाड़ा करने वाले सरपंच सचिव रोजगार सहायकों पर कार्यवाही हो सकती है। कुल मिलाकर ग्राम पंचायतों ने जमकर मर्यादा अभियान के नाम पर फर्जी कागजी कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। जिसके चलते अनेक हितग्राही आज भी शौचालय बनवाने के लिए जनपद पंचायत से लेकर जिला पंचायत के चक्कर लगाते हुए दिखाई देते हैं। परंतु सुनवाई नहीं हो पा रही है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महत्पूर्ण योजना मर्यादा अभियान के तहत बनने वाले शौचालय से वंचित हैं। अब देखना यह है कि आला अधिकारी इन वंचित हितग्राहियों की आवाज कब सुनेंगे और कब इनको न्याय मिलेगा। कब इनके यहां शौचालय बनने की मंजूरी मिलेगी और कब इनकी ग्राम पंचायतें शौचालय मुक्त होगी।