सिंध जलावर्धन योजना: उजागर हो रहा है कहां से लगी इस योजना में भ्रष्टाचार की दीमक, यह हैं टेक्निकल प्रॉब्लम

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवुपरी लाईफ लाईन मानी जाने वाली सिंध जलावर्धन योजना में जमकर भ्रष्टाचार हुआ हैं। अधिकारियो ने मोटा कमीशन लेकर इस योजना पर काम करने वाली कंपनी को मनमानी करने दी। नजीजा शहर की पब्लिक भुगत रही हैं।बताया जा रहा हैं कि इस योजना में डाले गए पाईपो की प्रेशर जांचने (हाइड्रो टेस्टिंग) के मामले का खुलासा हुआ हैं। माना जा रहा हैं कि योजना में डाले गए पाईपो का प्रेशर चैक किया जाता तो इस योजना का यह हाल नही होता।

मड़ीखेड़ा सिंध जलावर्धन योजना शहर की ढाई लाख की आवादी के लिए दूर की कौड़ी साबित हो रही है।

मडीखेडा सिंध जलार्धनय योजना शहर के प्यासो कंठो की प्यास बुझाने वाली योजना थी। शुरू से ही इस योजना पर भ्रष्टाचार का दीमक लग गया। इसकी वजह नगर पालिका के जिम्मेदार और दोशियान की मिलीभगत है। योजना में दोशियान को सीधा-सीधा लाभ पहुंचाया है। जीआरपी पाइप लाइन फूटने की वजह प्रेशर चैक नहीं करना है। क्योंकि पाइपों के प्रेशर जांच होने से कंपनी की पोल खुल जाती और कई लोगों का कमीशन मारा जाता।

इस योजना में दोशियान ने शुरूआत दौर में ही एक साथ जीआरपी पाइपों की खेप खपा दी, जो कंपनी ने स्वयं बनाए थे। इन पाइपों का तत्कालीन नपाध्यक्ष और सीएमओ ने भुगतान भी कर दिया।

दोशियान के कामों की जांच के लिए गठित समिति के सदस्य एवं जल संसाधन विभाग के रिटायर कार्यपालन यंत्री आरएनसिंह ने बिछाए गए पाइपों का प्रेशर जांचने (हाइड्रो टेस्टिंग) के बारे में खुलासा किया है।

आरएनसिंह का कहना है कि नगर पालिका द्वारा दोशियान कंपनी को जिन बिलों का भुगतान हुआ है उसमें पाइपों के प्रेशर जांचने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली। यानी खुदाई करके जीआरपी लाइप बिछा दी। पाइपों का प्रेशर जांचे बिना ही बिलाें का भुगतान करते रहे। इसी कारण आज जीआरपी लाइन फूटने की नौवत आ रही है।

यदि शुरूआत दौर से ही प्रेशर चैक कराकर भुगतान होता तो आज जीआरपी पाइप से शहर में घर-घर पानी मिल रहा होता। यहां चौकाने वाली बात यह है कि जो नए अधिकारी काम देख रहे हैं उन्होने पिछले गलत कामों पर चुप्पी साध रखी। सिर्फ अपना आगे का काम कर रहे हैं।

यही नहीं नगर पालिका अध्यक्ष और पूरी परिषद अपना साढ़े चार साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी है। आज तक पिछले गलत कामों की जांच कराकर जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं करा सके हैं। बताया जा रहा है कि दोशियान के साथ हुए एग्रीमेंट की 24 शर्तोंं को बदल दिया गया। जिसका पूरा फायदा कंपनी ने उठाया। जिम्मेदारों के चेहरे उजागर करने की जगह उन्हें बचाने की कोशिश चल रही है।

जाने... पाइपों पर प्रेशर डालकर जांच की जाती है
पाइप बिछाने के बाद कंपनी द्वारा हाइड्रो टेस्टिंग यानी प्रेशर डालकर जांच की जाती है। पाइपों के दोनों हिस्सों को बंद करके पानी भरकर प्रेशर डाला जाता है। पाइप की क्षमता के आधार पर 20% ज्यादा प्रेशर डालकर देखा जाता है कि पाइप ठीक या नहीं। पाइप निर्धारित दबाव नहीं झेल पाता है तो उसे बदल देते हैं।

नगर पालिका से 53 करोड़ लेकर दोशियान चुप बैठी, सारा मटेरियल यहीं खपा दिया

जलावर्धन योजना पीपीपी मोड पर दी गई थी। जिसमें 70% नगर पालिका और 30% बजट स्वयं दोशियान को योजना पर खर्च करना था। लेकिन दोशियान अपना कुछ भी खर्च नहीं किया। जबकि नगर पालिका से 53 करोड़ रुपए का भुगतान वसूल लिया। स्वयं के बनाए जीआरपी पाइप से लेकर पंप व अन्य सामान खपाकर पैसा वसूल लिया। कुल मिलाकर दाेशियान से जुड़े लोग मोटा मुनाफा कमाकर घर बैठे हैं और शिवपुरी की जनता सिंध के पानी को तरस रही है।

बिलों के साथ हाइड्रो टेस्टिंग रिपोर्ट नहीं मिली
हमने दिसंबर 2014 में जांच की थी उसमें हुए बिलों के भुगतानों में हाइड्रो टेस्टिंग की रिपोर्ट नहीं मिली। यानी बिना प्रेशर जांचे बिल भुगतान किए गए हैं। जबकि हाइड्रो टेस्टिंग होने के बाद ही बिल भुगतान का प्रावधान है। कम प्रेशर की जीआरपी पाइप लाइन बिछी है।
आरएनसिंह, जांच समिति सदस्य एवं रिटायर कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग

हाईड्रो टेस्टिंग हुई या नहीं, मुझे जानकारी नहीं है
 जब से चार्ज संभाला है, हम हाइड्रो टेस्टिंग कराकर ही बिल भुगतान करा रहे हैं। पिछले समय में हाईड्रो टेस्टिंग हुई या नहीं, इस बारे में जानकारी नहीं है। रिकार्ड देखकर बता पाएंगे।
सचिन चौहान, एई, नपा शिवपुरी

कार्रवाई कराएंगे
पाइप लाइन में प्रेशर जांचे बिना भुगतान होने की जानकारी नहीं है। सीएमओ से पिछले सारे बिल निकलवाकर दिखवाएंगे। यदि प्रेशर जांचे बिना बिलो ंका भुगतान हुआ है तो जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई कराएंगे।
मुन्नालाल कुशवाह, अध्यक्ष, नगर पालिका शिवपुरी


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