शिवपुरी। प्रदेश सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कराई जा रही दक्षता संवर्द्धन परीक्षा में असफल हुए शिक्षकों की एक बार फिर 14 अक्टूबर को परीक्षा कराई जा रही है। इस बार भी असफल होने पर इनके विरुद्ध 20-50 के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई की जा सकती है। पूर्व में हुई दक्षता संवर्द्धन परीक्षा में 254 शिक्षक शामिल हुए थे। इन्हें 80 अंक के प्रश्न पत्र में से 50 अंक लाना थे। लेकिन 31 शिक्षक 50 अंक भी नहीं ला सके थे।
यहां बता दें जून महीने में कराई गई दक्षता संवर्द्धन परीक्षा के दौरान शिक्षकों को परीक्षा केंद्र शासकीय मॉडल स्कूल में जमकर हंगामा किया था इस वजह से तत्कालीन डीईओ ने परीक्षा के लिए नई तिथि 2 दिन बाद घोषित की थी और परीक्षा ली थी। परीक्षा में 254 में से 247 ने बहिष्कार कर दिया। जमकर हंगामा मचा था और शिक्षकों विरोध पर अडे थे।
लेकिन अधिकारियों के समझाने पर परीक्षा के लिए शिक्षक तैयार हो गए। और 2 दिन बाद यह परीक्षा हुई थी। इसमें 80 अंक के प्रश्न पत्र में 50 अंक न ला पाने वाले शिक्षकों की परीक्षा विभाग दोबारा ले रहा है। जिसमें 31 शिक्षक शामिल हैं। उस वक्त के कारण कुछ भी रहे हों पर 50 अंक न ला पाने वाले शिक्षकों की 14 अक्टूबर सोमवार को सुबह 10.0 बजे से शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय स्कूल क्रमांक एक पर परीक्षा आयोजित की जा रही है।
दक्षता संवर्द्धन परीक्षा शिक्षकों की योग्यता जांच के लिए महत्वपूर्ण है। जहां तक इसमें असफल होने पर शासन द्वारा 20 साल की सेवा या 50 साल की आयु पूर्ण करने में जो भी पहले हो उसके तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई का प्रावधान है, इसकी मुझे जानकारी नहीं हैं। हमें तो अभी परीक्षा कराने के निर्देश हैं।
यहां बता दें दक्षता संवर्द्धन परीक्षा में शिक्षकों को किताबें ले जाने की छूट दी गई थी लेकिन इसकी जानकारी परीक्षा में शामिल हो रहे शिक्षकों को नहीं थी। 50 अंक से कम लाने वाले शिक्षकों का कहना है कि अगर यह पता होता है कि किताबें ले जा सकते हैं तो इस प्रकार की स्थिति नहीं बनती।
हंगामे से बिगड़ा परिणाम
नाम न छापने की शर्त पर एक शिक्षक ने बताया कि दक्षता संवर्द्धन परीक्षा के पहले जमकर हंगामा होने और इसके बाद अफरा तफरी माहौल में परीक्षा देने सेअपेक्षित परिणाम नहीं आ पाया था। हाईस्कूल के शिक्षकों की परीक्षा का मूल्यांकन भी कड़ाई से किए जाने से परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं आया।
यहां बता दें जून महीने में कराई गई दक्षता संवर्द्धन परीक्षा के दौरान शिक्षकों को परीक्षा केंद्र शासकीय मॉडल स्कूल में जमकर हंगामा किया था इस वजह से तत्कालीन डीईओ ने परीक्षा के लिए नई तिथि 2 दिन बाद घोषित की थी और परीक्षा ली थी। परीक्षा में 254 में से 247 ने बहिष्कार कर दिया। जमकर हंगामा मचा था और शिक्षकों विरोध पर अडे थे।
लेकिन अधिकारियों के समझाने पर परीक्षा के लिए शिक्षक तैयार हो गए। और 2 दिन बाद यह परीक्षा हुई थी। इसमें 80 अंक के प्रश्न पत्र में 50 अंक न ला पाने वाले शिक्षकों की परीक्षा विभाग दोबारा ले रहा है। जिसमें 31 शिक्षक शामिल हैं। उस वक्त के कारण कुछ भी रहे हों पर 50 अंक न ला पाने वाले शिक्षकों की 14 अक्टूबर सोमवार को सुबह 10.0 बजे से शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय स्कूल क्रमांक एक पर परीक्षा आयोजित की जा रही है।
दक्षता संवर्द्धन परीक्षा शिक्षकों की योग्यता जांच के लिए महत्वपूर्ण है। जहां तक इसमें असफल होने पर शासन द्वारा 20 साल की सेवा या 50 साल की आयु पूर्ण करने में जो भी पहले हो उसके तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई का प्रावधान है, इसकी मुझे जानकारी नहीं हैं। हमें तो अभी परीक्षा कराने के निर्देश हैं।
यहां बता दें दक्षता संवर्द्धन परीक्षा में शिक्षकों को किताबें ले जाने की छूट दी गई थी लेकिन इसकी जानकारी परीक्षा में शामिल हो रहे शिक्षकों को नहीं थी। 50 अंक से कम लाने वाले शिक्षकों का कहना है कि अगर यह पता होता है कि किताबें ले जा सकते हैं तो इस प्रकार की स्थिति नहीं बनती।
हंगामे से बिगड़ा परिणाम
नाम न छापने की शर्त पर एक शिक्षक ने बताया कि दक्षता संवर्द्धन परीक्षा के पहले जमकर हंगामा होने और इसके बाद अफरा तफरी माहौल में परीक्षा देने सेअपेक्षित परिणाम नहीं आ पाया था। हाईस्कूल के शिक्षकों की परीक्षा का मूल्यांकन भी कड़ाई से किए जाने से परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं आया।