शहर को आर्कषक और सुविधायुक्त बनाने के पीछे है यह हैं युवा चेहरा: मिलिए अर्बन प्लानर इंजीनियर आशीष सेठ से

Bhopal Samachar
शिवपुरी। शिवपुरी शहर पिछले 5 वर्ष में बना और बिगडा हैं। वर्तमान समय में शहर की सडके सुधरी हैं। शहर को भव्य और आर्कषक बनाने के लिए आपको सरकारी विभाग,अधिकारी और चुने हुए प्रतिनिध नजर आते हैं,लेकिन अपनी शहर को आर्कषक बनाने के लिए प्लानिंग कर रहा एक युवा इंजीनियर और उसकी सोच आईए अपने अर्बन प्लानर से आपका परिचय कराते हैं।

इंजीनियर-आरके टेक्ट और अरवन प्लानर आशीष सेठ उम्र 30 साल पुत्र सुरेश कुमार सेठ शिक्षक शिक्षा बीआर आफ आरके टेक्ट, अर्बन प्लानर एमएमटीएस कॉलेज,फर्म का नाम शिलान्यास आरके टेक्ट। आशीष सेठ शिवपुरी के अर्बन प्लानर हैं। शिवुपरी के कई श्रेष्ठो प्रोजेक्टो का प्लान नपा शिवपुरी की ओर से किया हैं। कुछ प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं और कुछ प्रोजेक्ट अपने अस्तितव के लिए मप्र शासन के लिए प्रस्तावित है।

युवा अर्बन प्लानर आशीष सेठ से कुछ निजी और शहर के विकास की प्लानिंग को लेकर शिवपुरी समाचार डॉट कॉम की संवाददाता खुश्बू शिवहरे ने बातचीत की। आशीष ने अपनी बातचीत में बताया कि वह वैसे तो पायलेट बनना चाहते थे,लेकिन जैसे-जैसे बडे होते गए। मन बडे-बडे निर्माणो में की ओर जाने लगा। इस कारण इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आए।

आशीष ने बताया कि अपनी आरकेटेक्ट पूरा होने के बाद इंदौर की सबसे बडी कंपनी में नौकरी की। लेकिन शिवपुरी नगर को देखकर मन में सवाल पैदा होता था कि जन्म भूमि को क्या। मनुष्य का सबसे पहला तीर्थ जन्मभूमि होता हैं,इस कारण शिवपुरी के लिए कुछ करने के लिए आस लिए शिवुपरी लौटना हुआ।

यहां आकर शिलान्यास नाम ने अपनी फर्म की शुरूवात की। शहर की हर सडक,हर गली और स्पॉट को देखकर मैने प्लानिंग शुरू की। पूरी अर्बन की प्लानिंग की। जब मप्र में भाजपा की सरकार थी और शिवपुरी विधायक जो मप्र शासन में मंत्री थी उन्है पूरा प्रोेजेक्ट दिखाया गया उन्हें पंसद आया और उन्होेने कुछ प्रोजेक्टो को अमल में लाने का प्रयास भी किया।

तत्कालीन एसडीएम रूपेश उपाध्याय ने भी शहर के विकास को लेकर काफी मेहनत की,मेरी मिटिंग तत्कालीन सीएमओ से करवाई। कुछ प्रोजेक्ट नपा के लिए डिजायन भी किए। बातचीत में इंजीनियर आशीष ने कहा कि सिद्धेश्वर मंदिर,पुरानी शिवुपरी के कालियानाग मंदिर,गुरू गौरख नाथ मंदिर,शिवपुरी के प्राईवेट बस स्टेण्ड का सौदर्यकरण और बहार के गेट की प्लानिंग,शिवपुरी शहर के चारो दिशाओ की रोड पर स्वागत गेट,दो बत्ती चौराहा और नपा की नई प्रस्तावित मीट मार्केट,फ्रूट मंण्डी और शॉपिंग काम्पलेक्स के प्रोजेक्टों की मैने डिजायन किए हैं।

कुछ प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं,कुछ अमल में आ गए हैं और कुछ प्रोेजेक्ट प्रस्तावित होकर बजट पास करने का इंतजार कर रहे है। अत:में आशीष ने बताया कि मैने जनसंख्या के डिजीटल नक्शे तैयार किए थे,यह नक्शे उस समय उस समय के मप्र के पीएस ऐंटोनी डिसूसा को इंतने सुविधा और कारगर नजर आए उन्होने इस डिजीटल नक्शे की पद्धति को पूरे मप्र में लागू करने का निर्णय लिया था।  

आशीष सेठ ने बताया कि पूरे शहर की प्लानिंग की आगामी 5 वर्ष की प्लानिंग की योजना एक साथ बननी चाहिए। शिवपुरी शहर प्राकृतिक सौदंर्य से भरपूर हैं। इसका हमे पर्यटन की दृष्टि से लाभ लेना होगा। इसमे नपा अध्यक्ष,विधायक और सांसद के साथ स्थानीय प्रशासन को 2 माह में कम—कम से एक बार बैठकर मेरा शहर मेरा गौरव नाम से प्रोजेक्ट बनाकर शहर हित में काम करना होगा।

इस बैठक में शहर के समझदार लोग जिनके पास सौंदर्यीकरण के नए आईडिया हो उनके आईडिए लेने होंगें। शहर को व्यवस्थित ओर सुंदर सौंदर्यकरण करने का मेरा शहर मेरा गौरव के नाम से पूरा प्रोजेक्ट बना कर रखा हैं। अधिकारियो और नेताओ से समय-समय पर चर्चा भी करता रहता हूं। देखे कब पूरा होगा।

इस प्रोजेक्ट को लेकर मैने नेट पर दिल्ली,महाराष्ट्र,गुजरात के कुछ शहर ओर राजस्थान की राजधानी जयपुर में कुछ स्थलो का निरीक्षण नेट व स्वंय जाकर निरीक्षण किया। ऐसे बडे महानगरो के पर्यटक स्थलों को हम शिवपुरी में उतार सकते हैं। उदाहरण के लिए अहमदाबाद की काकडिया लेक। शिवपुरी मे कई तालाब हैं जो की तारीख में सिर्फ अपने आप में गंदगी जमा कर रहे हैं। उन पर काकडिया लेक जैसे प्रोजेक्ट बनाने होंगें। इससे डबल फायदा हैं,एक तो तालाबो का गहरीकरण साफ-सफाई अतिक्रमण मुक्त के साथ सौदर्यकरण हो सकता हैं।

अपनी व्यक्तिगत बातो में आशाीष ने बताया कि जैसे हम अपने आप को सफल बनाने के लिए मेहनत करते हैं,वैसे ही इस शहर के कर्ताधर्ताओ को ठोस प्लान के साथ मेहनत करनी होगी। सफलता जब मिलती हैं जब पूरी ईमानदारी से सार्थक प्रयास किए जाए।

अगर किसी पाठक के पास शिवपुरी के सौंदर्यकरण को लेकर कोई नए आइडिया हैं तो अर्बन प्लानर आशीष या शिवपुरी समाचार डॉट कॉम के स्थानीय संपादक ललित मुदगल से सपंर्क कर सकता हैं। हम आपके आईडिया को प्रशासन के संज्ञान मे लाने का सकंल्प लेते हैं।
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