बदरवास। बदरवास ब्लॉक में दस्तक अभियान के तहत चिह्नित किए गए 171 बच्चों में खून की कमी एवं वजन कम पाया गया था, ऐसे ही बच्चे कुपोषण के शिकार माने जाते हैं, लेकिन महिला बाल विकास विभाग ने कुपोषण को लेकर कोई रुचि नहीं दिखाई, इसके चलते 171 बच्चों में से सिर्फ 75 बच्चे ही एनआरसी बदरवास में भर्ती कराए गए थे। इसमें से अति गंभीर कुपोषित बच्चों को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया।
मिडिया ने धुवाई गांव में कुपोषण से बच्ची की मौत की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इस खबर के प्रकाशन के बाद अधिकारियों ने आनन फानन में दूसरे दिन ही पहुंच कर गांव से तीन बच्चों को एनआरसी केंद्र में लाकर भर्ती करा दिया है।
इसमें मोहिनी (8) माह पुत्री रामबाई आदिवासी, निकिल (12) माह पुत्री रानी आदिवासी, सत्यभान (14) माह पुत्री अनारकली आदिवासी है। बच्चों के माता पिता का कहना है कि गांव में आंगनबाड़ी में खाना वितरित नहीं होता है, इस कारण बच्चे कमजोर हो गए हैं। इतना ही नहीं आंगनबाड़ी केंद्र समय से खुलने की बात तो दूर है आंगनबाड़ी केंद्र तीन साल से बंद है।