शिवपुरी की यूथ आईकॉन पूनम गुप्ता: इंडियन फोर्स में ​असिस्टेंट कमांडेंट चयनित | Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। कल देर रात यूपीएससी के सीएपीएफ का फायलन रिज्ल्ट घोषित हुआ हैं। घोषित हुए इस परिणाम में शिवुपरी बेटी पूनम गुप्ता का अपने सपने पूरे करते हुए आल इंडिया में 81वी रैंक प्राप्त कर पैरामिलटरी फोर्स में असिस्टेंट कमांडेंट के रूप में चयन हुआ हैं। पूनम की इस सफलता पर परिवार तो गर्भ कर ही रहा हैं साथ में शिवपुरी जिला भी गौरविंत महसूस कर रहा है कि यह शिवपुरी की किसी बेटी की भारत की शान इंडियन फोर्स में इस पद पर पहला चयन है।

शिवपुरी सामचार डॉट कॉम की संवाददाता कंचन सोनी ने नवोदित असिस्टेंट कमांडेंट से बातचीत की,और जाना की सेना की वर्दी क्यो पूनम का मन लगता था। इससे पहले पूनम का पूरा परिचय करते हैं,नाम पूनम गुप्ता उम्र 23 साल,पिता का नाम रघुवीर जैन कार्यालय अधीक्षक नवोदय विदयालय श्योपुर,मां किरण गुप्ता सहायक शिक्षक निवास श्रीराम कॉलोनी शिवुपरी।  

पूनम से सबसे पहले पूछा गया कि इंडियन फोर्स में जाने का क्या मकसद था,पूनम ने बताया कि सेना की यूनिफार्म में मन लगता था,जब भी किसी को इंडियन फोर्स की यूनिफॉर्म पहने देखती थी तो मन में देश भक्ति का जज्बा पैदा होता था,कुछ अलग तरह की जॉव करना चाहती थी। इंडियन फोर्स में वो सबकुछ था जो मैं चाहती थी।

अपने टारगेट को अचीव करने में क्या परेशानी आई इस पर पूनम जैन ने कहा कि अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मेहनत जो करनी ही थी,पढाई में परिक्षा रिर्टन के साथ—साथ फिजीकल फिटनिस में भी पसीना बहाना पढा और इस जॉब के लिए टफ फिजीकल फिटनिस ओर मेडिकल से भी गुजरना पडा।

इसकी तैयारी के बारे मे पूनम ने बताया कि प्रतिदिन मन 7 से 8 घंटे तो पढाई करनी तो पढती थी साथ में ग्राउंड में घंटो रनिंग,एक्सासाईज भी करनी पढती थी। अपनी शुरूवाती शिक्षा के बारे में बताते हुए पूनम ने कहा कि मै 8वीं क्लास तक सैंट चाल्र्स स्कूल शिवपुरी,इसके बाद 9वीं और 10वीं नवोदय विदयालय श्योपुर,10वीं से 12वीं कोटा साथ में आईआईटी की पढाई की।

पूनम ने बताया कि सेना की यूनिफार्म में ऐसा मन लगा था कि इससे पूर्व में मेरा तीन सरकारी नौकरी दिल्ली पुलिस एसआई,मप्र पुलिस एसआई और लेवर इस्पेक्टर के रूप मेें मेरा चयन हो गया था,लेकिन मुझे अपने सपने में भी इंडियन फॉर्स,ओर रगो में देशभक्ति् ही बहती दिखती थी,इस कारण मैने इन नौकरियो का ज्वाईन नही किया।

पूनम ने भाग्य पर भरोसा करते हो या कर्म के प्रश्न पर कहा कि कर्म अगर अच्छे करोंगें तो भाग्य भी साथ देगा। अपनी सफलता का श्रेय अपने पूरे परिवार को देते हुए कहा कि सीआरपीएफ की कोबरा फोर्स में जब पहली बार महिला उषा किरण का कंमाडेट के रूप में चयन हुआ और मैं उनको देखकर ही मेरे मन में पहली बार लगा कि मुझे भी इंडियन फोर्स में जाना चाहिए कंमाडेट उषा किरण ही मेेरी प्रेरणा स्त्रोत हैं।

अपने जैसे ही नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओ को संदेश में पूनम ने कहा कि टारगेट सैट करना पहली प्राथमिकता हैं,पूरी दम और मन लगाकर अपने टारगेट को अचीब करने का प्रयास करे। जिस व्यक्ति का टारगेंट सेट होता हैं ओर उसे वही दिखता है तो 100 प्रतिशत सफल होगा,ईश्वर भी उसकी मेहनत देखकर उसकी सहायता करेंगा,यह मेरा विश्वास हैं।

समाज कैसा होना चाहिए इस पर पूनम ने कहा कि समाज अपराध मुक्त होना चाहिए,अपने टारगेट को अचीब करने की आजादी होनी चाहिए जैसे मेरे पैरेटंस ने मुझ दी,मेरी 3 बार सरकारी जॉव लगने के बाद मेने ज्वाईन नही की तो उन्होने मेरे इस कदम का साथ दिया। लडकिया सुरक्षित होना चाहिए।

किताबी शिक्षा और नैतिक शिक्षा पर बातचीत करते हुए कहा कि किताबी शिक्षा हमें स्मार्ट,होशियार तो बना सकती हैं,लेकिन संस्कारी नही,किताबी ज्ञान स्कूलो में मिलता हैं और नैतिक शिक्षा घर ओर घर के बुर्जगो से मिलती हैं। किताबी शिक्षा से आप अपने जॉब के टारगेट तो पूरे कर सकते हो,लेकिन नैतिक शिक्षा आपको आपके धर्म,परिवार,समाज और देश प्रेम का पाठ पढाती हैं। 
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