शिवपुरी। शिवपुरी जिले में बीते दो दिन में भले ही बारिश कम हुई है। परंतु गुना अशोकनगर और भोपाल में लगातार दो दिन से हो रही तेज बारिश से सिंध नदी अपने पूरे रौद्र रूप में दिखाई दे रही है। बीती रात सिंध नदी में आए उफान के कारण शिवपुरी जिले के कई गाँव जलमग्न हो गए वही दूसरी ओर बदरबास के ग्राम रेंझाघाट में हालात बिगडे दिखाई दिए।
यहां गांव की निचली आदिवासी बस्ती में पानी भर गया और देखते ही देखते पूरा गाँव टापू में तब्दील हो गया।यहां बिगड़े हालातों की जानकारी लगते ही पुलिस और प्रशासन के आलाधिकारी मौके पर जा पहुँचे, जिनके नेतृत्व में आज एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर पानी के बीच फसे एक सैकड़ा से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित बाहर निकाला। ग्राम रेंझा में चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन में पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के अलाबा ग्रामीणों ने भी अहम भूमिम निभाई है। सिंध में आए उफान के कारण दर्जनों गांवों का जिला मुख्यालय सहित तहसील मुख्यालयों से भी सम्पर्क टूट गया। सिंध में एका एक आए तेज बहाव से मडीखेड़ा डैम का जलस्तर भी बढ़ गया और शाम तक मडीखेड़ के आठ गेट खोल दिए गए हैं।
जानकारी के अनुशार पिछले दो दिन से शिवपुरी में हो रही जोरदार बारिश से सिंध नदी में पानी बढ़ गया और कोलारस व बदरवास ब्लॉक के कई गांवों जलमग्न हो गए। बदरवास से महज 14 किलो मीटर दूर रेंझाघाट गांव जो कि सिंध नदी के किनारे पर स्थित है। गुरुवार को देर रात सिंध नदी के उफान पर आने के बाद यहां पर कई लोग पानी के बीच फंस गए और चंद मिनिटों के भीतर पूरा गांव टापू बन गया, रेंझाघाट गांव में हालात बिगडऩे के बाद शुक्रवार की सुबह पानी के बीच आदिवासी बस्ती में फंसे 118 ग्रामीणों को एसडीआरएफ की टीम ने पुलिस और ग्रामीणों की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला है। इस दौरान पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चन्देल मौके पर सक्रिय दिखाई दिए। मौके पर तहसीलदार अखिलेश शर्मा टीआई सतीश चौहान पटवारी कुलदीप जिला पुलिस अधीक्षक भी मौके पर पहुंचे पूर्व विधायक महेन्द्र यादव ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
रेस्क्यू के ग्रामीणों को अशोकनगर जिले के स्कूल में ठहराया गया
ग्राम रेंझाघाट में ग्रामीणों के पानी के बीच फंस जाने के बाद जिला प्रशासन ने ग्वालियर की एनडीआरएफ टीम को बुलाया और शुक्रवार की सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन कर बाहर निकाले जाने के बाद इन लोगों को अशोकनगर जिले के रावसर ग्राम में एक सुरक्षित स्कूल में पहुंचाया गया है। जहाँ इनके भोजन पानी की व्यवस्था की गई है।
यहां गांव की निचली आदिवासी बस्ती में पानी भर गया और देखते ही देखते पूरा गाँव टापू में तब्दील हो गया।यहां बिगड़े हालातों की जानकारी लगते ही पुलिस और प्रशासन के आलाधिकारी मौके पर जा पहुँचे, जिनके नेतृत्व में आज एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर पानी के बीच फसे एक सैकड़ा से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित बाहर निकाला। ग्राम रेंझा में चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन में पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के अलाबा ग्रामीणों ने भी अहम भूमिम निभाई है। सिंध में आए उफान के कारण दर्जनों गांवों का जिला मुख्यालय सहित तहसील मुख्यालयों से भी सम्पर्क टूट गया। सिंध में एका एक आए तेज बहाव से मडीखेड़ा डैम का जलस्तर भी बढ़ गया और शाम तक मडीखेड़ के आठ गेट खोल दिए गए हैं।
जानकारी के अनुशार पिछले दो दिन से शिवपुरी में हो रही जोरदार बारिश से सिंध नदी में पानी बढ़ गया और कोलारस व बदरवास ब्लॉक के कई गांवों जलमग्न हो गए। बदरवास से महज 14 किलो मीटर दूर रेंझाघाट गांव जो कि सिंध नदी के किनारे पर स्थित है। गुरुवार को देर रात सिंध नदी के उफान पर आने के बाद यहां पर कई लोग पानी के बीच फंस गए और चंद मिनिटों के भीतर पूरा गांव टापू बन गया, रेंझाघाट गांव में हालात बिगडऩे के बाद शुक्रवार की सुबह पानी के बीच आदिवासी बस्ती में फंसे 118 ग्रामीणों को एसडीआरएफ की टीम ने पुलिस और ग्रामीणों की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला है। इस दौरान पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चन्देल मौके पर सक्रिय दिखाई दिए। मौके पर तहसीलदार अखिलेश शर्मा टीआई सतीश चौहान पटवारी कुलदीप जिला पुलिस अधीक्षक भी मौके पर पहुंचे पूर्व विधायक महेन्द्र यादव ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
रेस्क्यू के ग्रामीणों को अशोकनगर जिले के स्कूल में ठहराया गया
ग्राम रेंझाघाट में ग्रामीणों के पानी के बीच फंस जाने के बाद जिला प्रशासन ने ग्वालियर की एनडीआरएफ टीम को बुलाया और शुक्रवार की सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन कर बाहर निकाले जाने के बाद इन लोगों को अशोकनगर जिले के रावसर ग्राम में एक सुरक्षित स्कूल में पहुंचाया गया है। जहाँ इनके भोजन पानी की व्यवस्था की गई है।
इसके अलावा कोलारस के पचावली,भडोता, लालपुर, संगेश्वर, बिजरौनी, सड़, साखनोर, टामकी, गौरा टीला सहित कई गांव में भी सिंध के पानी के कारण लोग परेशान दिखाई दिए और उक्त गांवों का संपर्क भी ब्लॉक मुख्यालय से टूट गया है। सिंध नदी में पानी का बहाव बढऩे के बाद जिले में पचावली पुल पूरी तरह से डूब चुका है। यहां पर पानी पुल के सात फीट ऊपर से निकल रहा है।