अभी नपा की कुर्सी का विजन तय नही, पर नेता चढने को तैयार | SHIVPURI NEWS

Bhopal Samachar
शिवुपरी। देश में लोकसभा चुनावा के बाद मप्र में निकायेा के चुनाव होने थे,लेकिन वह कुछ समय के लिए टल गए, मप्र के कई निकायो का कार्यकाल पूरा होने को है,इस कारण राज्य चुनाव आयोग तैयारियों में जुट गया हैं।

इसी सुगबुहाट में शिवपुरी नगर पालिका अध्यक्ष के पद के चुनाव लडने के लिए कई दावेदारी करते हुए नजर आ रहे हैं, जबकि अभी राज्य चुनाव आयोग ने अभी शिवपुरी नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण भी तय नही हुआ हैं।  

मौजूदा समय में कांग्रेस से मुन्नालाल कुशवाह अध्यक्ष हैं। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के कार्यकाल और शहर के हालातों को देखते हुए इस बार भाजपा अध्यक्ष का चुनाव जीतने के लिए पूरा जोर लगा देगी। क्योंकि देश में हाल ही में लोकसभा चुनाव परिणाम चौकाने वाले रहे हैं। साथ ही शिवपुरी से वर्तमान में विधायक और सांसद भी भाजपा से हैं। हालांकि कांग्रेस के नेता भी नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सक्रिय हो गए हैं।

नगरीय निकाय चुनाव का समय नजदीक आने से राज्य चुनाव आयोग आम चुनाव कराने फोटोयुक्त मतदाता सूची का वार्षिक पुनरीक्षण का काम करा रहा है। वहीं जिले में शिफ्टिंग संबंधी विवाद के निराकरण के लिए कलेक्टर ने अधिकारियों को भी अधिकृत कर दिया है।

चुनावी सरगर्मियां तेज हो जाने से भाजपा और कांग्रेस पार्टी नेता भी सक्रिय नजर आ रहे हैं। ज्यादातर युवा चेहरे अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए सामने आ रहे हैं। शिवपुरी नगर पालिका अध्यक्ष पद यदि सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित होता हैं तो चुनाव में बडी रोजकता रहेंगी। माना जा रहा है कि अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की प्रक्रिया जुलाई अंत या अगस्त माह में हो सकती है।

नगर पालिका शिवपुरी काे अगला जो भी अध्यक्ष चुनकर आएगा, उसके सामने पुराने प्रोजेक्टों को पूरा कराने की चुनौतियां रहेंगी। सीवर प्रोजेक्ट इस साल पूरा होता नजर नहीं आ रहा। 1030 आवासों का प्रोजेक्ट भी अधूरा है। सबसे बड़ी मुश्किल मड़ीखेड़ा सिंध परियोजना को अंजाम तक पहुंचाना होगा। क्योंकि दस साल से इसे एक भी जनप्रतिनिधि पूरा नहीं करा पाया है। खुदाई के बाद खुदी पड़ी सड़कें भी एक चुनौती हैं।

लेकिन कुछ भी हो, अभी कुर्सी का आरक्षण भी तय नही हुआ चुनावी घोषणा बाद में होंगी, लेकिन भाजपा और कांग्रेस के कई नेताओ ने अपनी ओर से तैयारी करना शुरू कर दी। अपने हिसाब से आकंडे बनाने में जुटे हैं,लेकिन वोटो की जंग से पूर्व टिकिट की जंग बडी रोचक होगी,लेकिन इस बार कोई अच्छा नेता ही कुर्सी पर बैठे और पार्टी भी योग्य उम्मीदवार को टिकिट दे,जनता का यही सोचना हैं।

वर्तमान पार्षद चुनाव लड़े तो मुश्किल होगी जीत

जिले के लगभग हर वार्ड में सड़कें और पानी सबसे बड़ी समस्या रही है। पूरे पांच साल जनता और पार्षदों के बीच कहासुनी होती आ रही है। पार्षद बैठकों में खुलेआम कह चुके हैं कि इस बार उन्हें चार वोट मिलना भी मुश्किल हो जाएगा। यानी वर्तमान पार्षद यदि चुनाव लड़ते हैं तो उनके लिए जीतना काफी मुश्किल हो जाएगा।
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