शिवपुरी। शिवपुरी शहर पर मौत बनकर मंडरा रही स्मैक शिवपुरी के इंसानो के साथ-साथ भगवानो के घरो में भी महक रही हैं। स्मैके के आवर डॉज के कारण शिवानी और आरक्षक मुकेश की मौत के बाद,शिवपुरी शहर में आक्रोश का महौल छा गया। इसी क्रम में शिवपुरी में राजनीतिक पार्टीया के साथ-साथ समाजसेवी संगठन,स्डूटेंडो ने रैली निकाल कर स्मैक के कारोबार के खिलाफ ज्ञापन दिए।
स्मैक को लेकर लगतार पुलिस पर आरोप लग रहे थे कि बिना पुलिस के सरंक्षण के बिना शहर के गलियो में स्मैक नही बिक सकती, लेकिन शिवानी हत्याकाण्ड में एक आरक्षक विजय मीणा का नाम मृतक शिवानी की दादी ने खुलेआम मिडिया के सामने लिया उसके बाद पूर्व देहात थाने के आरक्षक आशीष शर्मा का स्मैक पीते विडियो सोशल मिडिया पर वायरल हो चुका था।
पुलिस इन आरोपो की धुलाई कर पाती तब तक लाईन में पदस्थ आरक्षक मुकेश शर्मा की मौत का मामला फिर वर्दी को दागदार कर गया। बताया गया था कि आरक्षक मुकेश शर्मा की मौत की वजह नशा ही हैं वह भी स्मैक का आदी था,हालाकि यह अभी अधिकृत रूप से सामने नही आया हैं, लेकिन दबी जुवान में सभी यह स्वीकार कर रहे है कि आरक्षक की मुकेश की वजह स्मैक ही हैं।
हालाकि शिवपुरी पुलिस ने अपनी छवि की धुलाई करते हुए दागदार वर्दी से दागो को अलग करते हुए 6 पुलिसकर्मियो को सस्पैंड करते हुए उनका जिला बदल करते हुए उनका मुख्यालय अशोकनगर कर दिया हैं,पुलिस के इतना करने के बाद भी अभी जिले का पुलिस प्रशासन बैकफुट पर हैं।
पुलिस के डर के मारे अब स्मैक पीने वालो ने अपने अडडे बदल दिए हैं। अब स्मैकची पब्लिक से हटकर भगवान की शरण में है। अर्थात स्मैकचियो ने शहर के ऐसे मंदिरो को अपना अड्डा बना लिया हैं जहां ज्यादा पब्लिक नही जाती,ऐसे शहर के कई मंदिरो पर इन नशेचियो का जमावाडा लगा रहता है। अब मंदिर अगरबत्ती की महक से नही स्मैक की महक से महक रहे हैं।
इस कारण है अभी पुलिस प्रशासन बैकफुट पर
पुलिस प्रतिदिन स्मैक पीने वालो को पकड रही हैं। स्मैक के छोटे-छोटे टिकिट बेचने वालो को भी पुलिस पकड रही हैं,लेकिन कोई बडा करोबारी पुलिस के हाथ नही आया सवाल बडा होता जा रहा हैं ऐसा क्यो।
किस रास्ते से स्मैक शिवपुरी आ रही हैं यह पुलिस को ज्ञात है कि अज्ञात यह तो जानकारी नही हैं, लेकिन स्मैक शिवपुरी आ रही है यह अवश्य हैं। शहर में स्मैक देहात थाना क्षेत्र से पनपी है यह सर्वविदित है,किसके सरक्षण में फली फूली है यह सभी को ज्ञात हैं। पुलिस जब इस सरक्षण देने वाले पुलिस अधिकारी और देहात थाने में स्मैक को लाने वाले कारोबारीयो को पुलिस कार्रवाई नही करेंगी जब तक पुलिस बैकफुट पर ही रहेंगी।
ऐसा नहीं है कि इस पूरे कारोबार की खबर पुलिस को नहीं है। अपितु इस मामले में लिप्त जिन छछूदंरों को पुलिस ने पकडा है अगर उन्ही को रिमांड पर लेकर पुलिस शक्ति से पूछताछ करें तो इस पूरे काले कारोवार के अजगरों तक पुलिस पहुंच सकती है। परंतु पुलिस की कार्यप्रणाली इस समय कटघरे में खडी नजर आ रही है। इस स्मैक की गूंज भले ही विधानसभा तक पहुंच गई है। परंतु पुलिस अभी तक कोई बडी कार्यवाही इस मामले में नहीं कर पाई है।
