पुलिस ने स्मैक तस्कर को पकड़ा और छोड़ दिया, रिकॉर्ड में स्मैक तक दर्ज नहीं की | kolaras News

Bhopal Samachar
मुकेश रघुवंशी | कोलारस। स्मैक के मामले में शिवपुरी पुलिस का दामन पहले से ही दागदार है। आज एक और ऐसा घटनाक्रम हुआ कि पुलिस खुद ही संदेह की जद में आ गई। बताया जा रहा है कि एक स्मैक तस्कर शिवपुरी आया। पुलिस को पहले से ही उसकी सूचना थी। तस्कर का एक्सीडेंट हुआ। पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाया, फिर हिरासत में लिया और थाने ले गई लेकिन उसके बाद मुक्त कर दिया। चर्चा यह भी है कि तस्कर के पास मौजूद स्मैक पुलिस अधिकारियों ने अपने पास रख ली। सरकारी रिकॉर्ड में ना तो स्मैक जब्त हुई है और ना ही तस्कर की कोई लिखा पड़ी नजर आई। चौंकाने वाली बात तो यह है कि इतना संवेदनशील मामला एसपी शिवपुरी की जानकारी तक में नहीं है। 

यह है पूरा मामला

दो दिन पूर्व एडी टीम को सूचना मिली कि रोहित उर्फ गजनी पुत्र रघुबीर शरण तिवारी निवासी वार्ड नंबर 4 करैरा बाईक नबंर एमपी 33 एमएफ 8346 से नशीले पदार्थ का परिवहन कर कोलारस टोल से गुजर रहा है। पुलिस रात से ही उक्त गाडी की तलाश में टोल पर खड़ी हो गई और बाईक का इंतजार करने लगी।

इसी दौरान लुकवासा पुलिस को चौकीदार प्रहलाद पाल के माध्यम से सूचना मिली की एक बाईक का एक्सीडेंट रुद्राक्ष होटल पर हो गया है। लुकवासा चौकी से आरक्षक बलवीर मौके पर पहुंचा। जो घायल अवस्था में युवक को लेकर चौकी आया। जहां युवक चौकी में जाने से हड़बडाने लगा। जिसपर पुलिस ने उक्त युवक को गंभीर घायल समझकर इसे अस्पताल में भर्ती कराया।

युवक ने अपना नाम रोहित पुत्र रघुवीर शर्मा निवासी गुना नोट कराया। उसके बाद पूरनखेडी टोल पर कुछ देर बाद यहां एक सफेद आर्टिगा क्रमांक एमपी 33 सी 5582 आती है। यह घायल युवक इस गाडी में पीछे बैठा था। सिविल ड्रेस में खडे एडी टीम के जवानों ने उक्त कार को रोका, जिस युवक की तलाश थी वह घायल अवस्था में कार में मिला। एडी टीम ने कार को साईड से लगाने की बात कही। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि इस दौरान कार कुछ दूरी पर जाकर रूकी।

उसके बाद टीम ने देखा तो कार नंबर एमपी 33 सी 5582 एक्सीडेंट होने पर पिता लेकर आया था में से कुछ फैंका गया है तो टीम वहां गाडी को रोककर फैंकी गई वस्तु की तलाश करने लगी। जब उन्हें कुछ नहीं मिला तो पुलिस कार को लेकर अपने साथ कोलारस की और रवाना हो गई। पूरा घटनाक्रम दिन में लगभग 12 बजे का बताया गया है। उसके बाद बताया गया है कि टोल के कांटे पर तैनात एक कर्मचारी ने अपने मैनेजर को फोन पर बताया कि कांटे के पास कोई पुडिया डली हुई है। जिसके उपर से ट्रक गुजर गया है।

तत्काल टोल का मेनेजर मीडिया को लेकर वहां पहुंचा तो देखा रोड के किनारे एक पुडिया डली हुई है। जो प्रथम दृष्टया चाय जैसी लग रही थी परंतु तभी मैनेजर को समझ आया कि पुलिस यहां कुछ खोज रही थी। तो मेनेजर ने तत्काल यह सूचना एडी टीम को वीडियो कॉल के माध्यम से दी। जिसपर पुलिस ने पुडिया को अपने पास रखने की बात कही। कुछ देर बाद टोल पर दो पुलिसकर्मी पहुंचे और पुडिया को अपने साथ ले गए।

बाद में पता चला कि पुलिस ने जिस युवक को हिरासत में लिया था, उसे मुक्त कर दिया है। सवाल यह है कि उस पैकेट में ऐसा क्या था जिसे लेने के लिए पुलिस आई लेकिन अब किसी भी तरह का बयान देने से बच रही है। 

एसपी को मामले की जानकारी तक नहीं

विवेक अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक शिवपुरी का कहना है कि यह मामला मुझे आपके माध्यम से मिला है। आप मुझे पूरे वीडियो दीजिए। में मामले को दिखवा लेता हूं। मुझे इतना जरूर बताया है कि एक युवक का एक्सीडेंट हो गया था परंतु आप कह रहे है तो में इसे गंभीरता से दिखवाता हूं। सवाल यह है कि क्या थानों की पुलिस स्मैक जैसे मामलों की जानकारी भी एसपी शिवपुरी से शेयर नहीं करती जबकि एक्सीडेंट की जानकारी दी जाती है। 
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